जीविका दीदियों को जैविक खेती करने के लिए भारत सरकार से मिला प्रमाण पत्र
जीविका दीदियों को जैविक खेती करने के लिए भारत सरकार से मिला प्रमाण पत्र
चयनित दीदियों को डीपीएम ने सौंपा प्रमाणपत्र सहरसा . भारत सरकार की पहल के तहत खरीफ व रवि सीजन में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की उपक्रम पीजीएस ने सहरसा की जीविका से जुडी महिला किसानों को एक प्रमाणपत्र जारी कर सम्मानित किया गया है. जिला परियोजना प्रबंधक अमित कुमार ने उदहारण स्वरुप पांच जीविका किसान दीदियों को गुरुवार को अपने कार्यालय वैश्म में इन प्रमाणपत्रों को वितरित किया. इन उत्कृष्ट महिलाओं में सिमरी बख्तियारपुर की मुन्नी देवी, संजन देवी, पतरघट से रूपा देवी, रानी देवी, अर्चना देवी शामिल हैं. इन प्रमाणपत्रों का वितरण सरकार की महिलाओं को कृषि में सशक्त करने व पर्यावरणीय खेती को बढ़ावा देने के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को प्रकट करता है. यह पहल न केवल इन महिलाओं के समर्पण व मेहनत की प्रशंसा करती है. बल्कि खेती में जैविक तंत्र के महत्व को भी उजागर करता है. सरकारी इस प्रयास से खेती क्षेत्र को मजबूत करने व ग्रामीण समुदायों को सशक्त करने में अपने समर्थन की पुष्टि करती है. सहरसा के 24 स्थानीय समूहों में 924 महिला सदस्य हैं. जो 385 हेक्टेयर भूमि पर पांच प्रखंड सोनबरसा, सौरबाजार, पतरघट, सिमरी बख्तियारपुर व नवहट्टा में जैविक खेती कर रही हैं. ये सभी खेती बिना रासायनिक खादों के की जा रही है एवं जैविक खादों का प्रयोग किया जा रहा है. इससे मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ रही है एवं उत्पादन में शुद्धता आ रही है. रोगरहित जीवन के लिए जैविक खेती बहुत महत्वपूर्ण है. ये महिलाएं अपने घर, खेत में अपने से जैविक खाद को बना कर, गोबर की खाद एवं वर्मी कंपोस्ट का प्रयोग कर रही हैं. जैविक खाद जीवामृत, धन-जीवामृत, जैविक कीटनाशक, निमश्त्र, अग्निअश्त्र, ब्रह्माश्त्र व वेस्ट डीकोम्पोजर बना कर प्रयोग कर रही है. सभी महिलाओं को जैविक खाद बनाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है. जीविका एवं सिम्फेड के संयुक्त प्रयासों से जैविक खेती का कार्यक्रम उच्च स्तर पर चल रहा है. साथ ही जैविक उत्पादन के पैकेजिंग व विपणन का भी व्यापक कार्य किया जा रहा है. इन महिलाओं को एक वर्ष में लाखपति बनाने का लक्ष्य है. कार्यक्रम में मुख्या भूमिका में प्रबंधक फार्म आशीष कुमार एवं सिम्फेड से राकेश कुमार कुशवाहा मौजूद थे.
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