कोसी ने उग्र रूप किया धारण, दो दर्जन गांव प्रभावित
सात पंचायत के दो दर्जन गांव प्रभावित,कई गांव की पक्की सड़कें क्षतिग्रस्त, लोगों के घर, आंगन, चूल्हे तक घुसा बाढ़ का पानी
सात पंचायत के दो दर्जन गांव प्रभावित,कई गांव की पक्की सड़कें क्षतिग्रस्त, लोगों के घर, आंगन, चूल्हे तक घुसा बाढ़ का पानी नवहट्टा. पहाड़ी व मैदानी इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश से कोसी नदी का जलस्तर बढ़कर चार लाख क्यूसेक से अधिक हो गया है. कोसी बराज वीरपुर से पानी छोडे़ जाने से कोसी नदी का जलस्तर बढ़ गया है. जिससे प्रखंड क्षेत्र के दो दर्जन गांव पूरी तरह जल मग्न हो गये हैं. ऐसे में करोड़ों की लागत से बनी मुख्यमंत्री ग्राम योजना कि पक्की सड़क टूटकर क्षतिग्रस्त हो गई है. वहीं नदी का जलस्तर डिस्चार्ज के मुताबिक खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जिससे बाढ़ प्रभावित गांव में दहशत का माहौल दिखाई दे रहा है. बिहार का शोक नदी कही जाने वाली कोसी नदी हर साल कहर बरपाती है. कोसी नदी ने इस वर्ष भी कई गांव के दर्जनों घरों एवं सैकड़ों एकड़ जमीन को अपने आगोश में समा लिया है. कोसी अपना किनारा काटने को आमादा है. नवहट्टा प्रखंड के क़ैदली व हाटी पंचायत के कई गांव के अस्तित्व को मिटाने के लिए विकराल रूप धारण कर चुकी है. हर घंटे कट रही चार फीट से अधिक जमीन कोसी की धारा इस कदर भयावह हो गयी है की जमीन व घर कटकर कोसी की धारा में विलीन हो रहे हैं. हर साल यही हालात रहते हैं. हर घंटे पांच से सात फीट जमीन कटकर कोसी में विलीन हो रही है. ग्रामीण भयभीत हैं. बढ़ते जलस्तर से लोगो को अपने घर से निकलना मुनासिब हो गया है. जहां लोग चार लाख क्यूसेक नदी में डिस्चार्ज होने के बाद रतजगा कर रहे हैं. वहीं उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों व प्रशासन के प्रति आक्रोश भी व्यक्त किया है. प्रखंड क्षेत्र के कैदली, असेय, रामपुर, बकुनिया, परताहा, डरहार के बरहारा, ग़ोविन्दपुर,नौला व सतौर पंचायत के कई गांंव कोसी नदी से घिरा है. यहांं आने का साधन केवल नाव है. दूसरी ओर से गुजरने के लिए कोई पक्की सड़क नहीं है. हाल के दिनों में कई सड़के बनी भी तो कोसी नदी के जलस्तर बढ़ते ही कई जगह टूटकर क्षतिग्रस्त हो गयी. कटाव से निपटने के लिए विभिन्न जगह पर बालू भरी बोरियां डाली जा रही हैं. जो कोसी की तेज धारा में बह जा रही हैं. महीने-दो महीने पहले मजबूती से कटावरोधी कार्य कराए गए होते तो यह हालात नहीं होते. अब यह कार्य ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है. परताहा से एसडीओ कामत जाने वाली पक्की सड़क टूटकर क्षतिग्रस्त बीते माह पहले परताहा विद्यालय के नजदीक से एसडीओ कामत तक मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना का निर्माण किया गया. लेकिन गुणवत्तापूर्ण कार्य नही होने के कारण नदी का जलस्तर बढ़ते ही सड़के कई जगह टूटकर तेज बहाव में बहने लगी है. शनिवार सुबह से ही कोसी नदी का डिस्चार्ज बढ़ने लगा. जो रविवार को संध्या चार बजे 3 लाख 93 हजार 715 क्यूसेक बढ़ते क्रम में रिकॉर्ड दर्ज किया गया. सीओ ने एसडीआरएफ टीम के साथ बाढ़ पीड़ित क्षेत्रो का किया दौरा नवहट्टा अंचलाधिकारी मोनी बहन ने कोसी नदी के जलस्तर बढ़ने के बाद बाढ़ प्रभावित कैदली व हाटी पंचायत का एसडीआरएफ टीम के साथ मोटर वोट से दौरा कर निरीक्षण किया. निरीक्षण के क्रम में सीओ मोनी बहन ने कहा कि जिन लोगो के घर आंगन में बाढ़ का पानी आ गया है. वे ऊंचे स्थल पर जाना चाहते हैं तो प्रशासन उन्हें हर सम्भव मदद करेगी. वैसे प्रभावित परिवार के लिए अंचल प्रशासन पूरी तरह से तैयारी कर चुकी है.
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