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कोसी के जलस्तर में हुई वृद्धि, पूरे इलाके में फैला बाढ़ का पानी

सीओ के द्वारा चिन्हित स्थलों पर निशुल्क नाव की नहीं की गयी है व्यवस्था

लाखों की आबादी बाढ़ में घिरी सीओ के द्वारा चिन्हित स्थलों पर निशुल्क नाव की नहीं की गयी है व्यवस्था नवहट्टा. कोसी बराज से 2 लाख 31 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज के कारण कोसी नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि देखने को मिली. जिससे मंगलवार की देर शाम व रात में पानी का बहाव पूरे इलाके में फैल गया है. जिसके कारण नवहट्टा प्रखंड के कैदली, हाटी, बकुनिया, नौला, सतौर, डरहार पंचायत स्थित कोसी की मुख्य धारा पानी से लबालब भर गयी है. इसके साथ ही कैदली व हाटी पंचायत में कटाव से लोगों का ज़न जीवन तबाह हो रहा है. जहां लोग पलायन को विवश हो रहे हैं. बकुनिया के एमएलटी कॉलेज के 181 बीघा जमीन में लगी मूंग सहित अन्य फसल के डूबने से किसानों में मायूसी छा गयी है. मूसलाधार बारिश से जलस्तर में हुई वृद्धि नेपाल के तराई इलाके में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण कोसी नदी में सोमवार व मंगलवार से उफान आ गया है. जलस्तर में वृद्धि से नवहट्टा प्रखंड के कोसी दियारा क्षेत्र स्थित कोसी के गर्भ में बसे 7 पंचायत में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. जहां लोगों के आंगन व दरवाजे तक बाढ़ के पानी ने पहुंचकर दस्तक दे दी है. तटबंध के अंदर निवासित 28 राजस्व ग्राम के लाखों की आबादी बाढ़ से चारों ओर से घिर गयी है. कैदली पंचायत के पंसस पति सह कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष प्रशांत यादव ने कहा कि पंचायत के निचले इलाके में खेतों में लगी (दलहन) मूंग की फसल बाढ़ के पानी में डूबकर बर्बाद हो गयी है. अब तक चिन्हित स्थानों पर सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं होने के कारण निजी नाव के सहारे जैसे-तैसे लोग आवागमन तथा बधार से पशुचारा लाने का काम कर रहे हैं. मालूम हो कि कैदली पंचायत सिर्फ गहराई वाला भूभाग ही नहीं है, बल्कि बीच नदी के पेट में अवस्थित है. कैदली के रामपुर के मिथिलेश यादव सहित ग्रामीण संतोष कुमार, बबलू यादव, विनोद साह ने बताया कि सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं रहने के कारण हमलोगों को आवागमन में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. चारों तरफ बाढ़ का पानी फैला हुआ है. जायें तो जायें कहां रोजमर्रा की जरूरतों के सामान के लिए भी घरों से बाहर बाजार जाने के लिए लोग निकल नहीं पा रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ का पानी चारों ओर से घिर गया है. जायें तो जायें कहां. इसी तरह क़ैदली के असेय महादलित टोला भी बाढ़ के पानी से चारों ओर से घिरा हुआ है. लोग अपने घरों से बाहर कमर तक के पानी को तैर कर पशु चारा सहित अन्य जरूरी सामानों के लिए बाहर निकल पाते हैं. फिलहाल बाढ़ का पानी लोगों के घरों में नहीं घुसा है. अगर तीन लाख क्यूसेक तक नदी का डिस्चार्ज जायेगा लोगों के घर आंगन सहित चूल्हे तक में पानी लग सकता है. तटबंध के अंदर 7 पंचायत में नहीं है स्वास्थ्य उपचार की कोई व्यवस्था कोसी पूर्वी तटबंध के अंदर 7 पंचायत में चिकित्सकीय उपचार के लिए कोई सरकारी व्यवस्था है. जहां लोग सुखाड़ से लेकर बाढ़ के विभिषिका में झोला छाप डॉक्टर के सहारे इलाज कराकर जीवन जीने को विवश हैं. तटबंध के अंदर एक सरकारी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है भी तो डॉक्टर के अनुपस्थिति व कोई व्यवस्था नहीं रहने के कारण लोगों का इलाज नहीं हो पाता है. जूस कारण बाढ़ के विभीषिका में खासकर गर्भवती महिलाओं के प्रसव पीड़ा में काफी कठिनाई होती है तो कई जच्चा व बच्चा की जान भी निकल जाती है. कोसी नदी की डिस्चार्ज बढ़ने से बाढ़ आने के कारण सरकारी स्कूल के शिक्षकों को भी नित्य दिन स्कूल जाने आने में काफी कठिनाई होती है. तटबंध के अंदर निर्माणाधीन सभी सड़कें अधूरी आवागमन ठप कोसी नदी से गांवो में जलस्तर फैलने के कारण प्रलयकारी बाढ़ से लोगों का ज़न जीवन तो प्रभावित है ही. साथ ही तटबंध के अंदर बरुआआही से देवका, परतहा चौक से कटियाही चाही सहित विभिन्न निर्माणाधीन सड़क अर्धनिर्मित रहने के कारण मजबूरी में लोग अपने घरों में कैद रहने को विवश हैं. …………………………………………………………………………. कोसी व कमला के जलस्तर में वृद्धि, फैलने लगा बाढ़ का पानी महिषी पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश व कोसी बराज से अधिकतम जल निकासी के कारण कोसी व कमला बलान नदी के जल स्तर में लगातार वृद्धि देखने को मिल रहा है. कोसी की तीनों मुख्य धाराएं उफनकर उपरी हिस्सों में फैलने लगी है. क्षेत्र में बाढ़ आपदा आगमन को लेकर तटबंधों के बीच बसी आबादी में अफरा तफरी का माहौल बना है. क्षेत्र के सोरबा, चौरा, झारा, सिसौना, बेलडाबर, टिकोलवा सहित अन्य गांव का सड़क संपर्क बाधित होने से किसानों को मक्का बाजार में भेजने में मुसीबत आन पड़ी है. धान बीज के डूबने की चिंता सताने लगी है. तटबंधों पर जगह जगह रेन कट उभरने लगा है.

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