जंक फूड से डैमज हो रहा है लीवर सिमरी बख्तियारपुर . तेजी से बदलती लाइफस्टाइल के कारण लीवर से जुड़ी बीमारियां बेहद कॉमन होती जा रही हैं. जिले में बड़ी संख्या में लोग फैटी लीवर से पीड़ित हैं, जो काफी चिंता की बात है. लीवर पूरे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण ऑर्गन होता है, क्योंकि इसका पाचन तंत्र में सबसे अहम योगदान रहता है. अगर लीवर में प्रॉब्लम शुरू हो जाये तो पूरी पाचन क्रिया ही गड़बड़ हो जाती है. इसका सबसे बड़ा कारण बाजार में बने जंक फूड का अधिक सेवन है. डॉक्टरों का कहना है कि लीवर में यदि किसी तरह का डिस्टरबेंस होता है, तो वह सिग्नल देता है. जिसके बाद उसके उपचार के लिए एक्टिव होने की जरूरत है. हर उम्र के लोग शामिल सहरसा जिले में फैटी लीवर से पीड़ित लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. अपने बिजी लाइफ स्टाइल के कारण लोग शुगर और बीपी की समस्या से तो जूझ ही रहे हैं, अब लीवर संबंधी बीमारियों के भी शिकार हो रहे हैं. जिनमें सबसे आम फैटी लीवर की समस्या है. इसमें हर उम्र के लोग शामिल हैं. जिले के डॉक्टरों का मानना है कि आने वाले वर्षों में एक बड़ी आबादी लीवर की समस्या से जूझ रही होगी और लीवर ट्रांसप्लांट की जरूरत वाले मरीजों की संख्या कई गुना बढ़ सकती है. हालांकि शुरुआती वर्षों में इससे कोई परेशानी नहीं होती, लेकिन अगर लंबे समय तक लीवर पर फैट जमा रहे तो लीवर सिरोसिस और लीवर फेल होने का कारण भी बन सकता है. डॉक्टरों की स्टडी रिपोर्ट में हुआ खुलासा आइजीआइएमएस के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग की ओर से फैटी लीवर पर जागरूकता के उद्देश्य से एक स्टडी की गयी, इसमें 18 – 40 वर्ष के 50 और 16 – 20 वर्ष के युवा जो फैटी लीवर के शिकार है, उनकी हिस्ट्री रिपोर्ट तैयार की गयी. इन पीड़ित बच्चे व युवाओं में हाइपरटेंशन, शुगर, एलर्जी, किडनी संबंधी कोई बीमारी नहीं थी, लेकिन जब पेट की समस्या होने लगी तो वह अस्पताल आये, डॉक्टरों ने एलएफटी, एसजीओटी, एसजीपीटी समेत कई टेस्ट कराया, तो फैटी लीवर होने की बात सामने आयी. स्टडी में सामने आया कि सामान्यत मोटे लोगों में फैटी लीवर होने की समस्या होती है. लेकिन अब जो रोगी आ रहे हैं ये दुबले – पतले हैं, लेकिन उनको लीवर में वैसी ही दिक्कत है, जैसे मोटे लोगों में होती है. इन पांच तरीकों से अपने लीवर को स्वस्थ रखें वजन नियंत्रित करें अचानक तेजी से वजन घटाने या बढ़ाने से परहेज करें, क्योंकि ये कैश डाइट के परिणाम होते हैं, जी लीवर को प्रभावित करते हैं. वजन घटाने की प्रक्रिया धीमी और स्थिर होनी चाहिए. नियमित व्यायाम करें शरीर के सुस्त पड़े रहने से रोगों का जोखिम बढ़ जाता है और उससे पाचन प्रक्रिया सुस्त हो जाती है. साथ ही पेट भी साफ नहीं रहता. भोजन में फाइबर शामिल करें डाइट में अधिक से अधिक मात्रा में फाइबर या रेशों को शामिल करें. इसके साथ ही कैल्शियम की अच्छी मात्रा वाले खाद्य पदार्थों का भी सेवन करें. ढेर सारा पानी पीएं किसी भी बीमारी विशेष तौर पर जिसमे गैस्ट्रोनॉमिकल अंग शामिल हो से बचने का सबसे आसान और सस्ता तरीका है खूब पानी पीना. लीवर की बीमारी के हैं तीन कारण डॉक्टरों का मानना है कि लीवर संबंधी बीमारियों के बढ़ने के तीन मुख्य कारण है. ये तीन कारण बदलती जीवनशैली, वायरस संबंधी संक्रमण और अल्कोहल का सेवन है. अगर इन तीन कारणों को दूर कर लिया जाये तो काफी हद तक हम लीवर संबंधी बीमारियों से बच सकते हैं. ऐसे में अपने लीवर को सुरक्षित रखने के लिए जागरूकता जरूरी है. पैक्ड व जंक फूड से परहेज करें युवा दुबले – पतले व स्वस्थ युवा और बच्चे की फैटी लीवर के तेजी से शिकार हो रहे हैं, यह खतरनाक लक्षण है. ऐसे में डिब्बा बंद भोजन से बच्चों को दूर रखे. फास्ट फूड, कोल्ड ड्रिंक, तली – भुनी और मैदा से तैयार वस्तुओं के सेवन पर रोक लगायें, बच्चों की डाइट में सब्जियों और फलों को विशेष रूप में शामिल करें.
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