सहरसा. क्रिसमस डे व नववर्ष ईसाइयों के लिए महत्वपूर्ण त्योहार है, जो पूरे विश्व में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. क्रिसमस डे के अवसर पर बुधवार को चर्च में विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गयी. इस अवसर पर ईसाई धर्मावलंबियों ने क्रिसमस पर एक दूसरे को बधाई व शुभकामनाएं दी. वहीं बच्चे व बुजुर्ग ने शांता क्लॉज बन कर चाकलेट व केक उपहार वितरण किया. शहर के पूरब बाजार व संत नगर स्थित चर्च में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. सभी विशेष प्रार्थना सभा में शामिल होने को तैयार थे. बच्चों में खासा उत्साह देखा गया. सभी एक दूसरे को बधाई दे रहे थे. वहीं छुट्टी रहने के कारण बच्चों ने इस अवसर का जमकर लुफ्त उठाया. चर्च के बाहर जहां खोमचे वालों के पास बच्चों की भीड़ लगी रही. वहीं जेपी उद्यान एवं मत्स्यगंधा मेले का भी लोगों ने जमकर लुफ्त उठाया.
बीआईसी चर्च में सुबह से ही लगी रही भीड़
पूरब बाजार स्थित बीआईसी चर्च के पास्टर बीसी राय ने बताया कि शहर में 1918 में स्थापित यह चर्च प्राचीन संरचनाओं में से एक है. ईसाई परिवार ने बुधवार को विशेष आराधना एवं स्तुति की है. उन्होंने बताया कि त्योहार धूमधाम से मनाया गया. मंगलवार की संध्या में क्रिसमस ट्री कार्यक्रम का आयोजन कर फादर शांता क्लॉज द्वारा गिफ्ट वितरण किया गया. वहीं एक जनवरी को विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया जायेगा. उन्होंने कहा कि इस दिन प्रभु यीशु मसीह का जन्म मानव रूप में पापियों को उनके पाप से छुटकारा दिलाने देने के लिए हुआ था, जो परमेश्वर की मानव जाति में से असीम प्रेम के कारण संभव हो पाया. उद्देश्य तो बड़ा व महत्वपूर्ण था. लेकिन यीशु मसीह का जन्म बड़े सादगी के साथ एक गौशाला की चरणी में हुआ था. बिना किसी शोर-शराबे के बिल्कुल ही शांतिपूर्ण तरीके से. लेकिन यह एक ईश्वरीय योजना थी. इसकी सूचना स्वर्ग दूतों ने चरवाहे को दी थी, जो समाज में सबसे छोटे एवं तुच्छ समझे जाते हैं. उनको बताया गया कि जो बालक उत्पन्न हुआ है वह ईश्वर का पुत्र है. ये लोगों को उनको उनके पापों से छुटकारा दिलाएगा. उन्होंने कहा कि आज हम क्रिसमस का महापर्व मना रहे हैं. यह पर्व संसार के उद्धार कर्ता प्रभु यीशु मसीह के जन्म की खुशियों के कारण मनाया जाता है. हर एक ईसाई धर्मावलंबी इसलिए इसाई हैं क्योंकि उन्होंने प्रभु यीशु मसीह के शुभ संदेशों पर विश्वास किया है.
कैथोलिक चर्च ने बिखेरा अपनी छटा
संत नगर स्थित कैथोलिक चर्च को आकर्षक रूप से सजाया गया है. ईशु के जन्म स्थल चरनी बनायी गयी थी. साथ ही विशेष तरीकों से चर्च को सजाया गया था. मंगलवार की संध्या से ही चर्च में लोग पहुंचने लगे थे. लेकिन क्रिसमस-डे पर सुबह से ही सजधज कर विशेष प्रार्थना सभा के लिए पहुंचे. निर्धारित समय पर विशेष प्रार्थना सभा शुरू हुई. चर्च फादर सूरज मैथ्यू ने प्रभू ईशु के जन्म दिन पर पूजा, आराधना एवं भजन कर बाइबिल का संदेश प्रसारित किया एवं विश्व कल्याण व शांति समृद्धि के लिए विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया. उन्होंने कहा कि भगवान सिर्फ वहां नहीं है जहां हम प्रार्थना करते हैं. भगवान वहां भी हैं जहां हम गुनाह करते हैं. ईश्वर हमारे लिए समय देते हैं साथ देते हैं एवं हमें संभालते भी हैं. ईश्वर की यादें खुशबू की तरह होती है. चाहे कितने भी खिड़की दरवाजे बंद कर लो हवा झोंके के साथ अंदर आ ही जाती है. उन्होंने कहा कि ईश्वर हमारा उद्धारक है. जब कभी हम प्रभु का नाम लेते हैं तो दिल से कहते हैं प्रभु हमें उद्धार कर. उन्होंने कहा कि यीशु का नाम केवल सुंदर नहीं अमूल्य भी है. यीशु के नाम में शक्ति है, जीवन है, सुख है, शांति है, चंगाई है एवं मुक्ति है. यह दिन दीन, दुखिये एवं असहाय लोगों की सेवा का है. उन्होंने कहा कि अहंग, पाप, एक दूसरे के प्रति इर्ष्या को हटाने का यह दिन है. तभी हम प्रभु का मन मंदिर तैयार कर सकते हैं.
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