सात दिवसीय संतमत श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ में उमड़ रहे श्रद्धालु पतरघट क्षेत्र के कपसिया चौक स्थित संत सियाराम दास खेल मैदान में आयोजित सात दिवसीय संतमत श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन संतमत से जुड़े केंद्रीय आश्रम महर्षि मेंही आश्रम कुप्पाघाट भागलपुर से पधारे स्वामी गुरूनंदन महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि वैदिक सनातन धर्म में ईश्वर के 24 अवतार होते हैं. जिसमें भगवान श्रीकृष्ण विशेष अवतार हैं. उन्होंने कहा कि भगवान का अवतार जब भी होता है, विश्व रूप भगवान या विष्णु भगवान का ही होता है. लेकिन ब्रह्मा परमात्मा या ब्रह्म परमात्मा का अवतार कभी कदापि नहीं होता है. भगवान विष्णु अथवा भगवान नारायण ही अवतारों का अक्षय कोष होते हैं. भगवान अवतार लेकर ज्ञान वैराग्य और परम-धर्म स्वरूप का भगवद् भक्ति का विस्तार अपनी लीला और उपदेश के माध्यम से करते हुए जीव मात्र का कल्याण करते हैं. उन्होंने कहा भगवान के पास अनुग्रह विग्रह ये दोनों शक्तियां होती हैं. पहले अनुग्रह पूर्वक लीला करके और उपदेश देकर जीव का उद्धार करते हैं. लेकिन कोई दुराग्रही हट्टी जीव को विग्रह शक्ति के द्वारा दंड व प्रताड़णा पूर्व उसका कल्याण करते हैं. स्वामी महाराज ने कहा कि संत अथवा भगवंत अपने उपदेशों में ईष्ट नाम का जप, ईष्ट रूप का ध्यान, दृष्टि योग और नादानुसंधान के द्वारा जीव को देह और इंद्रियों आदि बंधनों से छुड़ाकर स्वरूप बौध के द्वारा ईश्वर का साक्षात्कार करवाते हैं. इसकी सही समझ बिना संत सदगुरु के तीनों काल में असंभव है. संत वचन का श्रवण के लिए इलाके से महर्षि मेंही परमहंस महाराज के अनुयायी महिला पुरुष की काफी भीड़ लगी रहती है. प्रवचन के दौरान विधि-व्यवस्था बनाये रखने के लिए आयोजक सुबोध कुमार विद्यार्थी एवं आशा देवी के अलावा स्थानीय ग्रामीण श्रद्धालु लगे रहते हैं.
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