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60 वर्षो से सजता है सलखुआ में माता का दरबार

बस क्या था, यहां भी पूजा होने लगी. जिसके बाद ग्रामीणों के साथ मिलकर मां की प्रतिमा बनवा पूजा होने लगी

By Prabhat Khabar News Desk | October 2, 2024 5:54 PM

होती है श्रद्धालुओं की मन्नतें पूरी सलखुआ में स्थित है मां दुर्गा का प्रसिद्ध मंदिर वशिष्ठ कुमार, सलखुआ कोसी के कछार पर बसा सलखुआ स्थित मां दुर्गा मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है. यहां हर साल मां की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की जाती है. ऐसा माना जाता है कि मां के दरबार में जो भी भक्त सच्चे मन से आराधना करते हैं. माता उनकी हर मुराद पूरी करती है. लोगों का कहना कि पहले यहां मां दुर्गा की प्रतिमा नहीं बनती थी, न ही दुर्गा मंदिर ही था. लोग अन्यत्र जगह जाकर माता का दर्शन करते थे. 1964 से शुरू हुई है पूजा बता दें कि 1964 में प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में मुंगेर रवैनका निवासी डाॅ उमाकांत चौधरी थे. उन्हें दो पुत्री एवं एक विकलांग पुत्र था. उन्हें चौथा स्वस्थ संतान ने पुत्र के रूप में यहीं जन्म लिया. उनकी मन्नत पूरी होने पर आस्था के साथ उन्होंने पहली बार यहां मां दुर्गा एवं अन्य देवी देवताओं की प्रतिमा बनवा एक अस्थायी पंडाल के अंदर स्थापित कर पूजा अर्चना की. बस क्या था, यहां भी पूजा होने लगी. जिसके बाद ग्रामीणों के साथ मिलकर मां की प्रतिमा बनवा पूजा होने लगी. बता दें कि सलखुआ में मां दुर्गा की प्रतिमा 1964 से स्थापित की गयी थी, तब से पूजा अब तक जारी है. यहां पूरी होती है भक्तों की हर मनोकामना नवरात्रि का पवित्र महीना चल रहा है. सलखुआ में स्थित मां दुर्गा मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है. यहां हर साल मां की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की जाती है. जिस समय प्रतिमा स्थापित की गई थी, उस समय मां दुर्गा का मंदिर नहीं बन सका था., जिसके बाद समाज के बुद्धिजीवियों के अथक प्रयास से 1968 में मंदिर का निर्माण कराया गया. जो बाद में कुछ कारण वश तोड़ दिया गया. बाद में काफी प्रयास से सांसद दिनेश चंद्र यादव से शिलान्यास करा कर फिर दुर्गा मंदिर का निर्माण शुरू हुआ. इस मंदिर में साल में एक बार मूर्ति स्थापित कर पूजा की जाती रही है. साथ ही भक्तों के लिए आकर्षक दृश्य भी तैयार किये जाते हैं. खासकर नवमी और दशमी के दिन सलखुआ में भक्तों की भारी भीड़ होती है. देवी मां के दर्शन के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं. मंदिर में चुनरी चढ़ाने की परंपरा है. चंदा इकट्ठा कर मंदिर बनाने एवं संगमरमर की प्रतिमा लगाया सलखुआ स्थित दुर्गा मंदिर स्थायी नहीं रहने के कारण भक्तों को छोटी-छोटी जगहों पर पूजा करने में दिक्कत होती थी. ग्रामीणों ने भव्य दुर्गा मंदिर के निर्माण का बीड़ा उठाया और नये मंदिर के निर्माण की नींव रखी, लिंटर तक का कार्य लालबुझकर शास्त्री के नेतृत्व में कराया गया. जिसका छत का ढलाई 2020 में मुखिया मिथिलेश विजय, पवन यादव, बीरेंद्र यादव, दिनेश यादव, मिथिलेश भगत ने सहयोग कर करवाया. जिसके कुछ साल बाद अधिवक्ता वसंत कुमार यादव, अशोक मंडल, जदयू नेता देवेंद्र कुमार, रोहित कुमार बब्बू, मिथिलेश कुमार उर्फ पप्पू, संजय साह, नंदकिशोर निराला, वशिष्ठ नारायण, डाॅ दीपक कुमार, उमाशंकर सोनी, मंटून सोनी, मिथिलेश जायसवाल, अशोक यादव, शैलेंद्र यादव, अंजीत यादव, रूपेश यादव, डाॅ मिथिलेश कुमार, राजीव रंजन पप्पू, नरेश भगत, उप मुखिया प्रतिनिधि रणवीर यादव के सहयोग से मंदिर का जीर्णोधार कार्य शुरू हुआ. फिलहाल, मंदिर का काम पूरा होने पर है और इस मंदिर के निर्माण के प्रयास ने एकता और भाईचारे की मिसाल कायम की है. मंदिर में जल्द ही महिषासुरी माता के साथ गणेश, लक्ष्मी, सरस्वती, कार्तिकेय, भोले शंकर एवं हनुमान जी की संगमरमर की प्रतिमा स्थापित होने वाली है. आगामी पूजा व मेला में बेंगलूर एवं सिलीगुड़ी के कव्वाल का शानदार मुकाबला होगा. पूजा के संस्थापित सदस्यों में डाॅ उमाकांत चौधरी, हेडमास्टर रामपुकार सिंह, बाबा सुग्रीव शरण भगत, मुखिया पंचानंद यादव, पुष्पलाल मंडल, रामेश्वर यादव नेताजी, सरपंच श्यामसुंदर यादव, जयप्रकाश यादव, बालकृष्ण भगत स्मीर्तिशेष हो चुके है. माता की पूजा अर्चना एवं मेलासंपन्न कराने में भाकपा नेता ओम प्रकाश नारायण, वीआईपी नेता मिथिलेश विजय, राजद नेता विनोद यादव, पूर्व प्रमुख अशोक यादव, सर्वेश साह, पवन यादव, लुटकुन यादव, दिनेश चौधरी, मुखिया रणवीर यादव, पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष दिनेश यादव, मिथिलेश भगत, भाजपा के मंडल अध्यक्ष जैनेंद्र उर्फ वीरेंद्र यादव, ललन यादव, मनोज यादव, रंजीत रंजन यादव, केसरी कुमार, फोटो यादव, भरत यादव, दलीप यादव सहित अन्य युवकों का सहयोग सराहनीय है. इस वर्ष पूजा समिति के अध्यक्ष मुखिया रणवीर यादव के नेतृत्व में पूजा एवं मेला का आयोजन किया जा रहा है. ………………………………………………………………………………… मैया जागरण, भजन संध्या सहित अन्य कार्यक्रम का होगा आयोजन पतरघट गुरुवार से शुरू होने वाले दुर्गा पूजा को लेकर सभी पूजा समितियों के द्वारा सभी जगहों पर बड़े बड़े एवं विशाल तोरणद्वार का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है. दुर्गा पूजा को लेकर सभी लोगों में उत्साह चरम पर पहुंच गया है. परें इलाके में भक्तिमय माहौल बनने लगा है. बंगाली कलाकार सभी मेला परिसर में रंग बिरंगे कपड़ों के साथ विशाल पंडाल तथा तोरणद्वार के निर्माण कार्य में मुस्तैदी के साथ जुट गये हैं. पूजा समितियों के द्वारा समिति का गठन कर सभी सदस्यों को शांतिपूर्ण माहौल में पूजा संपन्न कराने की जिम्मेदारी सौंप दी गयी है. क्षेत्र के विशनपुर, गोलमा, कहरा, धबौली, भद्दी, पस्तपार, ठाढी, रहुआ, पामा, पतरघट, किशनपुर सहित अन्य जगहों पर पूजा पाठ के साथ भव्य मेला का आयोजन किया जाता है. सभी जगहों पर पूजा समितियों की विशेष निगरानी में मेला, विभिन्न सांस्कृतिक व धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. थाना अध्यक्ष के द्वारा क्षेत्र के सभी पूजा समिति से आपसी समन्वय स्थापित कर मेला की तैयारी एवं व्यवस्था का जायजा लेकर उचित दिशा निर्देश दिया जा रहा है. इस बार कई जगहों पर पूजा समितियों के द्वारा मैया जागरण, भजन संध्या सहित अन्य कार्यक्रमों का शांतिपूर्ण ढंग से आयोजन किया जा रहा है. इधर बीते दिनों हुई बारिश से सड़कों पर जगह-जगह पर हुए जल जमाव के कारण श्रद्धालुओं को इस बार काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. जिसके समाधान के लिए सभी पूजा समितियों को काफी सक्रिय होना पड़ेगा. श्रीश्री 108 दुर्गा पूजा न्यास समिति विशनपुर के अध्यक्ष प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि मेला के दौरान सप्तमी एवं महाष्टमी को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शंकर सुशीला एवं महानवमी को मैया जागरण कार्यक्रम होगा. इसके लिए ग्यारह सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया है.

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