पुराने प्रसव वार्ड को पूरी तरह से नये भवन में कर दिया गया शिफ्ट बीते वर्ष की छह जुलाई को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया था उद्घाटन सहरसा. आखिरकार उद्घाटन के चार माह बाद अस्पताल प्रबंधन ने प्रसव महिलाओं के सुविधापूर्ण इलाज के लिए तैयार अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस मातृ एवं शिशु अस्पताल का दरवाजा खोल दिया है. जहां सोमवार से नये भवन में ही गर्भवती महिलाओं का इलाज पूर्णरूपेण किया जायेगा. जिसके लिए रविवार की शाम तक पुराने प्रसव वार्ड को पूरी तरह से नये भवन में शिफ्ट कर दिया गया है. वहीं राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते वर्ष की छह जुलाई को जिले में स्वास्थ्य विभाग के 48 करोड़ की योजनाओं से बनकर तैयार अस्पताल भवनों का विधिवत उद्घाटन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया था. जिसमें मुख्य रूप से सदर अस्पताल परिसर स्थित 100 बेड के जी प्लस 3 मातृ एवं शिशु अस्पताल भवन का 18 करोड़ की लागत से निर्माण कराया गया था. लेकिन उद्घाटन के बाद बीते इन चार माह में बिजली सप्लाई का कार्य पूर्ण नहीं रहने के कारण इस अस्पताल भवन को मरीजों के लिए नहीं खोला गया था. लेकिन शनिवार को बिजली सप्लाई का भी कार्य संपन्न कर लिया गया. जिसके बाद सुविधानुसार जरूरत के समानों को शिफ्ट कर दिया गया. जी प्लस 3 अस्पताल भवन अत्याधुनिक सुविधाओं से है लैस जी प्लस 3 भवन के मातृ एवं शिशु अस्पताल पूरी तरह से अत्याधुनिक और बड़े अस्पतालों के तर्ज पर तैयार किया गया है. जिसके ग्राउंड फ्लोर पर गर्भवती महिलाओं के इलाज की शुरुआती सुविधाओं से लेकर बेहतर व पूरी व्यवस्था तक की गयी है. जिसमें मरीजों के लिए रजिस्ट्रेशन काउंटर, रिसेप्शन काउंटर, नर्स काउंटर, 6 बेड का लेबर रूम, 4 बेड का लेबर वार्ड, 2 बेड का पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड/ ट्रायज, अकाउंट एंड रिकॉर्ड रूम, ओपीडी, डॉक्टरों के लिए 6 रूम, नर्स रूम, रक्त संग्रह, जांच घर, टीकाकरण केंद्र, दवा वितरण केंद्र सहित अन्य सुविधाएं स्थापित की गयी है. वहीं प्रथम तल पर अन्य सुविधाओं के साथ मातृ व शिशु वार्ड, आइसोलेशन वार्ड, लेबर रूम सहित फीमेल वार्ड के लिए कुल 26 बेड सुसज्जित किया गया है. जबकि दूसरे तल पर जेनरल वार्ड, बच्चा वार्ड, आइसीयू सहित अन्य वार्ड मिलाकर कुल 41 बेड लगाये गये हैं. वहीं अंतिम व तीसरे तल पर एसएनसीयू वार्ड, बच्चा वार्ड, विभिन्न तरह के सेमी प्राइवेट वार्ड मिलाकर कुल 47 बेड लगाया गया है. वहीं मरीजों की सुविधाओं के लिए सीढ़ी के साथ साथ दो लिफ्ट भी लगाया गया है.
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