एक से 19 वर्ष के बच्चों को खिलायी जायेगी दवा
निजी विद्यालयों के विद्यार्थियों को भी खिलाया जाना है दवा
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम की डीएम ने की शुरुआतमॉप अप राउंड के तहत 11 को छूटे बच्चों को खिलायी जायेगी दवा सहरसा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की शुरुआत बुधवार को शहर के मध्य विद्यालय जेल कॉलोनी में की गयी. बच्चों एवं शिक्षकों को संबोधित करते जिलाधिकारी वैभव चौधरी ने कहा कि दवा निजी विद्यालयों के विद्यार्थियों को भी खिलाया जाना है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसके सफल क्रियान्वयन के लिए माइक्रो प्लान तैयार किया गया है. उन्होंने बताया कि सभी सरकारी विद्यालय, निजी विद्यालय एवं आंगनबाड़ी केंद्र पर यह दवा मुफ्त में खिलायी जायेगी. हर हाल में यह ध्यान देना अनिवार्य व अपेक्षित होगा कि बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हो. किसी भी परिस्थिति में खाली पेट दवा न खिलायी जाये. लाइन लिस्टिंग के अनुसार शिक्षकों से यह अपेक्षित है कि वे आशा के समक्ष दवा का सेवन करायेंगे. दवा से वंचित बच्चों को मॉप अप राउंड के दौरान 11 सितंबर को दवा खिलायी जायेगी. जानकारी दी गयी कि इस कार्यक्रम के तहत जिले के एक वर्ष से लेकर 19 वर्ष तक के बच्चों को कुपोषण से बचाने एवं कृमि मुक्ति के लिए चार सितंबर से एल्बेंडाजोल की गोली खिलायी जायेगी. गोली को पूरी तरह चबाकर ही खाना है. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ कुमार विवेकानंद ने बताया कि एल्बेंडाजोल की दवा हमेशा चबाकर ही खायी जाये. दवा खाने के बाद कुछ बच्चों में जी मिचलाने, उल्टी या कमजोरी अनुभव होना संभावित है. इस परिस्थिति में उन्हें पूर्ण रूप से आराम दें. किसी भी अप्रत्याशित घटना के त्वरित निवारण के लिए रैपिड रिस्पांस टीम तैनात की गयी है. जिनको द्वारा ससमय आवश्यक चिकित्सीय सहायता उपलब्ध करायी जायेगी. डब्ल्यूएचओ फैक्ट शीट के अनुसार पूरी दुनिया में 150 करोड़ से अधिक लोग या दुनिया की आबादी का 24 प्रतिशत लोग इससे संक्रमित हैं. यह शारीरिक एवं मानसिक विकास में बाधा उत्पन्न करता है. एनीमिया, कुपोषण, मानसिक, शारीरिक विकास में बाधा उत्पन्न करता है. आर्थिक उत्पादकता में भी कमी लाता है. जानकारी दी गयी कि यह दवा एक वर्ष से दो वर्ष के बच्चों को आधी गोली दो चम्मच के बीच चूर कर बच्चों को खिलाया जाना है. दो से तीन वर्ष के बच्चे को एक टैबलेट दो चम्मच के बीच चूर कर बच्चों को खिलाया जाना है. तीन से लेकर 19 वर्ष के बच्चों को एक गोली चबाकर खाने के लिए प्रेरित करना है. इस अभियान को सफल बनाने के लिए सिविल सर्जन डॉ कात्यानी कुमार मिश्रा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ कुमार विवेकानंद, जिला शिक्षा पदाधिकारी अनिल कुमार, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस, डीपीएम विनय रंजन, डीपीएम उज्जवल कुमार, बीसीएम राहुल किशोर, शिक्षा विभाग, एमसी यूनिसेफ बंटेश नारायण मेहता, भीसीसीएम मुमताज खालिद, जिला समन्वयक मृत्युंजय कुमार, विद्यालय प्रधानाध्यापक, सभी शिक्षक मौजूद थे. ………………………………………………………………………………………….. बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए एल्बेंडाजोल की गोली खाना जरूरी – सुदर्शन सलखुआ प्रखंड अंतर्गत कोसी तटबंध के अंदर फरकिया दियारा में भी 04 सितंबर को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति मॉक अप दिवस के अवसर पर अभियान चलाकर एल्बेंडाजोल कृमिनाशक की गोली छात्र-छात्राओं को खिलायी गयी. बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रखंड अध्यक्ष सह संकुल समन्वयक सुदर्शन कुमार गौतम के नेतृत्व में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति मॉप-अप दिवस के अवसर पर मध्य विद्यालय रैठी, कबीरा समेत संकुल कई विद्यालयों मे शिक्षक नेता सुदर्शन कुमार गौतम ने आंगनबाड़ी केंद्र पर भी छूटे हुए छोटे बच्चों को आधा गोली चुड़ कर चम्मच में पानी देकर खाना खाने के बाद खिलाया. वहीं 5 साल से 19 साल तक के बच्चे को एक गोली चबाकर खिलवायी गयी. शिक्षक नेता श्री गौतम ने छात्र- छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक नेता श्री गौतम ने कहा कि हर बच्चे को पेट की बीमारियों से बचने के लिए खाना खाने से पहले अपने हाथ साबुन के साफ करने चाहिए. फलों और खाने वाली चीजें हमेशा साफ खाएं. बच्चों को साफ-सफाई रखने, अच्छी तरह हाथ धोने के बारे में बताते हुए कहा कि अक्सर बच्चों में पेट की बीमारियां हो जाती है, जिससे पेट में कीड़े हो जाते हैं. इससे एनीमिया, पेट में दर्द, थकावट, कमजोरी आदि होती है. एल्बेंडाजोल की गोली स्वास्थ्य विभाग द्वारा वर्ष में दो बार दी जाती है. ताकि बच्चा तंदुरुस्त रहे. मौके पर शिक्षक शिवकुमार, सरिता कुमारी, परमानंद कुमार, सुप्रभा कुमारी, अजित कुमार, एकता भारती, राजेश कुमार, नवनीत कुमार, दिगंबर शंकर, प्रमोद, गुरुदेव व अन्य मौजूद थे.
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