मिथिला वाहिनी ने मिथिला एवं मैथिली के चौमुखी विकास के लिए बैठक आयोजित
गतिविधि एवं उद्देश्यों पर विस्तार से चर्चा करते हुए जानकारी दी.
16 फरवरी को मिथिला के चहुंमुखी विकास के लिए सम्मेलन का निर्णय कहरा बनगांव बाबाजी कुटी परिसर में बुधवार को अखिल भारतीय मैथिली पार्टी के सहयोग से मिथिला वाहिनी के संस्थापक व संरक्षक मिहिर झा महादेव के मौजूदगी में मिथिला, मैथिली तथा मैथिल के चहुंमुखी विकास के लिए विजय झा की अध्यक्षता व निर्मल मिश्रा के संचालन में बैठक आयोजित की गयी. बैठक को संबोधित करते मिहिर झा महादेव ने सबसे पहले सभी लोगों को मिथिला वाहिनी की तरफ से अभिवादन किया. उसके बाद मिथिला वाहिनी के कार्य, गतिविधि एवं उद्देश्यों पर विस्तार से चर्चा करते हुए जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मिथिलावासियों सहित मैथिली भाषा प्रेमियों के लिए बहुत ही हर्ष का विषय है कि पहले संविधान में मैथिली था. लेकिन अब मैथिली में संविधान आ गया है. मिथिला वाहिनी बिहार सरकार से मांग करती है कि मैथिली भाषा को अविलंब प्राथमिक पाठशाला में लागू करे. साथ ही मैथिली भाषा को राज्य की पहली या दूसरी राज्य भाषा के रूप में मान्यता दे. उन्होंने जिले के लोगों से आग्रह किया कि वे लोग मिथिला वाहिनी के गुलाबीमय मिथिला अभियान से जुड़कर मिथिला वाहिनी को मजबूत एवं शक्तिशाली बनाएं. जिससे मिथिला, मैथिली एवं मैथिल के लिए आवाज तेजी से बुलंद की जा सके. उन्होंने कहा कि मां मैथिली के आशीर्वाद एवं बाबा लक्ष्मीनाथ गोसाईं की कृपा से मां उग्रतारा की धरती से इस आवाज को मजबूती मिलेगी व आने वाले समय में मिथिला राज्य निर्माण में सहरसा के लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी. उन्होंने कहा कि मिथिला को कमजोर करने के लिए आजादी काल से जो षड्यंत्र चल रहा था वह आज भी चल रहा है. कभी सीमांचल, कभी वज्जिकांचल, कभी अंग प्रदेश, कभी कोसी, कभी तिरहुत तो कभी मिथिलांचल का नाम लेकर मिथिला, मैथिली एवं मैथिल विरोधी लोग मिथिला को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. जिसे मिथिला वाहिनी के कार्यकर्ता एवं उसके सहयोगी कभी सफल नहीं होने देंगे. पारस कुमार झा ने मिथिला वाहिनी के संस्थापक मिहिर झा महादेव के प्रति आभार प्रकट करते मौजूद लोगों से मिथिला वाहिनी के गुलाबीमय मिथिला अभियान से जुड़ने का आग्रह किया. साथ ही मिथिला एवं मैथिली के मजबूती के लिए सहरसा जिला के लोगों द्वारा किए गए कार्यों का भी उल्लेख किया. वहीं सुमन समाज ने अपने पुराने अनुभव साझा करते कहा कि मिथिला में मिथिला वाहिनी संगठन की आवश्यकता है. हम सब इस संगठन से जुड़कर मिथिला, मैथिली एवं मैथिल के चहुंमुखी विकास के लिए काम करने का संकल्प लें. बैठक को तरुण खां, नवल किशोर मिश्र, शिशिर कुमार झा, शशिधर ठाकुर, प्रसुन्न कुमार मिश्र गुंजन, दिलीप कुमार, ललन खां, प्रभु राम, इंद्रानंद खां सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया. बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आगामी 16 फरवरी को मिथिला वाहिनी द्वारा बनगांव में मिथिला, मैथिली एवं मैथिल के चहुंमुखी विकास के लिए एक सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. जिसका प्रभारी सर्वसम्मति से निर्मल मिश्रा को बनाया गया.
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