सहरसा जिला विधिवेत्ता संघ पूर्व कोषाध्यक्ष आदित्य ठाकुर ने बुधवार को विधायक सह पूर्व मंत्री डॉ आलोक रंजन से उनके आवास पर मिलकर एकमात्र अंगीभूत रविनंदन मिश्र विधि महाविद्यालय में नामांकन बद रहने को लेकर ज्ञापन दिया. उन्होंने कहा कि 1980 में इस महाविद्यालय को अंगीभूत किया गया. जो स्थापना काल से ही विश्वविद्यालय प्रशासन और बिहार सरकार के उदासीन रवैये से उपेक्षित रहा. इस विधि महाविद्यालय में वर्ष 2019 से संबंधन नही रहने से नामांकण पर रोक लगायी गयी है. जिसके पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन एवं बिहार सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. विधि महाविद्यालय का भवन जर्जर हो जाने के कारण गिरने की कगार पर हैं. बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने विधि महाविद्यालय सहरसा में मूलभूत आधारभूत संरचना का अभाव, सुविधा नहीं रहने, शिक्षक एवं शिक्षेक्रेत्तर कर्मचारी के घोर अभाव के कारण संबंधन पर रोक लगाते हुए मान्यता समाप्त कर दी. जबकि राज्य का यह जिला सबसे पिछड़ा हुआ इलाका है. विधि की पढाई के लिए विधार्थी दर दर भटकने को मजबूर हैं. शिष्टमंडल को स्थानीय विधायक स पूर्व मंत्री डॉ आलोक रंजन ने कहा कि बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र 22 जुलाई से 26 जुलाई तक चलेगा. इस मॉनसून सत्र में शून्यकाल के दौरान वे भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के अंगीभूत एकमात्र विधि महाविद्यालय रविनंदन मिश्र स्मारक विधि महाविद्यालय में वर्ष 2019 से नामांकण पर रोक का मामला उठायेंगे. प्रश्न के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट करायेंगे. मौके पर निर्वतमान प्राचार्य अमरेंद्र कुमार त्रिवेदी मौजूद थे.
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