कौशकी जीविका महिला दुग्ध उत्पादक कंपनी का मॉडल पूरे बिहार में होगा लागू
कौशकी जीविका महिला दुग्ध उत्पादक कंपनी का मॉडल पूरे बिहार में होगा लागू
बेगूसराय से जीविका के अधिकारियों ने लिया जायजा सहरसा . जिला स्थित कौशकी जीविका महिला दुग्ध उत्पादक कंपनी ने ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण एवं दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में नयी ऊंचाइयों को छुआ है. अब इस मॉडल को पूरे बिहार में लागू किया जायेगा. इस पहल का उद्देश्य दुग्ध उत्पादक महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना व राज्य में दुग्ध उद्योग को प्रोत्साहन देना है. इसी क्रम में जीविका बेगूसराय के जिला परियोजना प्रबंधक अविनाश कुमार की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम ने जिले के हटिया गाछी स्थित कौशकी जीविका महिला दुग्ध उत्पादक कंपनी का दौरा किया. इस दौरे का उद्देश्य कंपनी की संरचना, संचालन एवं कार्य पद्धतियों का अध्ययन कर इसे अन्य जिलों में लागू करने की संभावनाओं का आकलन करना था. यह मॉडल बिहार के अन्य जिलों में होगा विस्तारित कौशकी जीविका महिला दुग्ध उत्पादक कंपनी का पंजीकरण सितंबर 2017 में हुआ एवं अक्तूबर 2018 से इसका व्यवसायिक संचालन शुरू हुआ. यह कंपनी महिलाओं द्वारा संचालित है व सहरसा, सुपौल व मधेपुरा जिले में अपनी सेवाएं दे रही है. कंपनी का उद्देश्य ना केवल महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराना है. बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाना भी है. वर्तमान में कंपनी से 40 हजार दुग्ध उत्पादक जीविका दीदी जुड़ी हुई हैं. ये महिलाएं ना केवल दुग्ध उत्पादन करती हैं. बल्कि इसके संग्रह, प्रसंस्करण एवं विपणन में भी सक्रिय भूमिका निभाती हैं. कौशकी जीविका महिला दुग्ध उत्पादक कंपनी इस वित्तीय वर्ष में प्रतिदिन औसतन 67 हजार 171 लीटर दूध की खरीद कर रही है. यह कंपनी महिलाओं को उचित मूल्य दिलाने एवं उनकी आय बढ़ाने में सहायक रही है. कंपनी ने यह सुनिश्चित किया है कि दूध की गुणवत्ता उच्च स्तर की हो. बेगूसराय की टीम द्वारा किए गये दौरे के बाद इस मॉडल को बिहार के अन्य जिलों में विस्तारित करने की योजना बनायी जा रही है. इस विस्तार से राज्य के हजारों दुग्ध उत्पादक परिवारों को लाभ होगा एवं उन्हें एक स्थिर आय का स्रोत मिलेगा. साथ ही यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को गति प्रदान करेगी. महिला दुग्ध उत्पादक कंपनी है अनूठी मिसाल कौशकी जीविका महिला दुग्ध उत्पादक कंपनी महिला सशक्तिकरण की एक अनूठी मिसाल है. यह कंपनी ना केवल महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करा रही है. बल्कि उन्हें निर्णय लेने की क्षमता भी दे रही है. महिलाएं अपने पारंपरिक कौशल का उपयोग कर आधुनिक तकनीकों के साथ अपने व्यवसाय को बढ़ावा दे रही है. इस मॉडल की सफलता में जीविका व राज्य सरकार का महत्वपूर्ण योगदान है. राज्य सरकार की मदद से कंपनी को वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्राप्त हुई है. इस पहल से यह साफ है कि सरकार ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. कौशकी जीविका महिला दुग्ध उत्पादक कंपनी का विस्तार बिहार के दुग्ध उद्योग के लिए एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा. यह ना केवल ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक स्थिति को बेहतर बनायेगा. बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ करेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है