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मॉनसून की बारिश नगर निगम क्षेत्र को कर रही पानी-पानी

मॉनसून की बारिश नगर निगम क्षेत्र को कर रही पानी-पानी

जलजमाव की समस्या हुई गंभीर, अगले तीन दिनों तक बारिश की है संभावना, अब तक लगभग सौ एमएम हुई है बारिश, जनजीवन अस्त-व्यस्त सहरसा. शनिवार की देर रात्रि तेज गरज व बिजली के चमक के साथ हुई मूसलाधार बारिश ने नगर निगम के लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. निगम क्षेत्र के लगभग सभी वार्डों में जलजमाव की गंभीर समस्या खड़ी हो गयी है. दर्जनों वार्ड में लोगों के घरों में पानी प्रवेश कर गया है. हालात बदतर हो गये हैं. लोग घर छोड़ने तक को विवश हो रहे हैं. जबकि रविवार को भी लगातार बारिश जारी रहने से लोग घरों में कैद होने को विवश हैं. तेज बारिश से कई मुहल्लों में लोगों के घरों में पानी घुसने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. शहर में आधा अधूरा नाला निर्माण के कारण कई इलाके नरक में तब्दील हो गये हैं. इस पर मौसम विभाग द्वारा जारी बुलेटिन में अगले तीन दिनों तक मध्यम व तेज बारिश की संभावना जतायी गयी है. ऐसे में शहरी जनजीवन के सामने एक बड़ी चुनौती सामने दिख रही है. नगर निगम क्षेत्र के लोगों का ध्यान अब नगर निगम के कर्ताधर्ताओं की ओर टिकी है. मॉनसून की बारिश ने नगर निगम के हाल को बेहाल कर दिया है. इसे पूर्व मॉनसून की लगातार बारिश नहीं हुई थी. जिससे लोगों को इतनी बडी समस्या नहीं हुई थी. इस बार जारी बारिश ने लोगों को घरों में कैद होने को विवश कर दिया है. हालांकि इस बारिश से किसान उत्साहित हैं व यह धान की फसल के लिए अमृत माना जा रहा है. लगातार हो रही बारिश के आगे नगर निगम की व्यवस्था पूरी तरह फेल दिख रही है. लगातार नये क्षेत्रों में जलजमाव हो रहा है. जिससे लोगों की कठिनाई बढ़ गयी है. रूक-रूककर हो रही तेज बारिश ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. वार्ड में जलजमाव होने से लोगों के बीच संक्रमण का भय सताने लगा है. जल जमाव की समस्या को लेकर लोग भयभीत हो रहे हैं. शहर की अधिकांश वार्ड में जल जमाव व सड़कों पर बने गड्ढों पर जमा पानी से लोगों को आने जाने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़़ रहा है. बारिश से शहरी क्षेत्र में जल जमाव गहराता जा रहा है. नाला विहीन अधिकांश वार्डों में जलजमाव से लोग परेशान हो गये हैं. निगम की तैयारी नगण्य शहर के अधिकांश वार्डों में जलजमाव की समस्या बरकरार है. इसकी पूरी जानकारी निगम के पास उपलब्ध है. इसके बावजूद भी जल निकासी की किसी तरह की व्यवस्था नहीं की जा रही है. शहर के सबसे बड़़े वार्ड गंगजला, बटराहा, न्यू काॅलोनी, विद्यापति नगर की स्थिति बदतर हो चली है. इसके साथ ही कोसी कॉलोनी, नया बाजार, हटियागाछी की स्थिति भी नगर निगम से छुपी नहीं है. ऐसे में इन सभी बड़े वार्डों में जल निकासी की किसी तरह की व्यवस्था नहीं की गयी है. जबकि इन क्षेत्रों में जल जमाव से जन जीवन हमेशा से अस्त व्यस्त होता रहा है. एक दिन की बारिश ही इन मोहल्लों के लिए काफी है. जल जमाव से स्थानीय लोगों का जीवन संकट में है. जबकि मौसम विभाग द्वारा औसत से अधिक बारिश की संभावना तक जतायी गयी है. सड़कों पर लगी लाइट भी है खराब लगातार बारिश से जहां खस्ताहाल सड़़कों पर जलजमाव की समस्या बरकरार है. वहीं स्ट्रीट लाइट के नहीं जलने से संध्या होते ही लोगों को अपने घर तक वापस लौटने में भी समस्या खड़ी हो रही है. शहरी क्षेत्र के मुख्य सड़़कों से लेकर सभी वार्डों में लगे लगभग सभी वैपर लाइट खराब पड़़े हैं. जिसको लेकर स्थानीय निवासी से लेकर वार्ड पार्षद तक लगातार निगम से शिकायत करते रहे हैं. इसके बावजूद भी इन लाइटों को दुरुस्त नहीं किया जा सका है. ऐसे में यह शहर वासियों के लिए एक बड़ी मुसीबत बन गयी है. जलजमाव व खस्ताहाल सड़कों पर अंधेरे में गुजरना जानलेवा साबित हो रहा है. वहीं इन अंधेरों का लाभ भी असामाजिक तत्वों द्वारा उठाया जा रहा है. मुहल्लों में इन दिनों बड़े पैमाने पर चोरियां बढ़ गयी है. लोग भय के साये में जीवन गुजारने को विवश हैं. अगले तीन दिनों तक बारिश की है संभावना मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक मध्यम से तेज बारिश होने की संभावना व्यक्त की है. अगवानपुर कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक जितेंद्र कुमार ने कहा कि इस वर्ष अबतक लगातार 45 एमएम बारिश नहीं हुई थी. लेकिन शनिवार की देर रात्रि हुई बारिश ने इस वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. शनिवार की रात्रि जहां लगभग 45 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गयी है. वहीं रविवार के दोपहर तक लगभग 25 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गयी है. जो इस वर्ष में अब तक की सबसे अधिक बारिश है. उन्होंने बताया कि अगले तीन दिनों तक गरज के साथ मध्यम से तेज बारिश की पूरी संभावना है. इस दौरान तापमान में कमी रहेगी. उन्होंने किसान भाइयों से मौसम को देखते खेतों में काम करने की सलाह दी. डेढ वर्षों से बेकार पड़ा है संप हाउस दो दशक से अधिक समय से बरसाती पानी में ऊब डूब करने वाले शहर सहरसा की बदकिस्मती का आलम यह है कि जलनिकासी के लिए साढ़े तीन करोड़़ की लागत से बना संप हाऊस डेढ़ साल से बेकार है. इसे अभी तक नाला से जोड़़ने का प्रयास ही नहीं किया गया. गंदे एवं बदबूदार पानी में रहने के आदी हो चुके लोगों को इस समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए किसी जनप्रतिनिधियों तक ने कदम बढाना उचित नहीं समझा. हालत यह है कि अब जब तक संप हाऊस से नाला का जुड़ाव हो पायेगा, तब तक कहीं मशीन न खराब हो जाये. शहर में विश्वकर्मा ढाला और पॉलिटेक्निक ढाला के पास दो संप हाऊस बनाये गये हैं. बनाते समय यह कहा गया था कि विश्वकर्मा ढाला संप हाऊस का पानी मत्स्यगंधा एवं पॉलिटेक्निक ढाला संप हाऊस का पानी तिलावे नदी में गिराया जायेगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जिला प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधि तक इसको लेकर गंभीर नहीं दिखे. घर में पानी घुसने से परेशान लोगों ने मुख्य सड़क जाम कर किया प्रदर्शन सहरसा . शनिवार की रात्रि से रविवार के दोपहर तक हुई बारिश से नगर निगम क्षेत्र का लगभग सभी वार्ड पूर्ण रूप से जल जमाव से कराह रहा है. हालात बदतर हो चला है. लोगों के घरों तक में पानी प्रवेश कर चुका है. जल जमाव से त्रस्त वार्ड 38 भारतीय नगर के लोगों ने रविवार को सहरसा-सुलिंदाबाद मुख्य सड़क को जामकर घंटों प्रदर्शन किया. स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां के अधिकांश घरों में पानी प्रवेश कर गया है. जिससे लोगों का घरों में रहना कठिन हो गया है. नगर निगम जानकर भी अंजान बना हुआ है. देखने तक के लिए निगम के लोग नहीं पहुंचे हैं. भय के साये में लोग यहां रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि जल जमाव की समस्या को लेकर यहां के लोगों ने निगम को आवेदन भी दिया. लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया. आज हालात बदतर हो चला है. मजबूर होकर लोग सड़कों पर उतर जानमाल की रक्षा के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. सदर थाना पुलिस ने स्थानीय लोगों को आश्वासन देकर जाम समाप्त कराया. जिसके बाद यातायात शुरू हुआ.

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