Mount Kinabalu: सहरसा. मलेशिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट किनाबालु पर तिरंगा लहरा कर पर्वतारोही लक्ष्मी झा ने इतिहास रच दिया है. वो भारत की पहली महिला हैं जो इस पहाड़ की चोटी तक पहुंची हैं. बिहार के सहरसा जिले के वनगांव की रहने वाली लक्ष्मी एक साधारण परिवार से आती हैं. दिवंगत विनोद झा व सरिता देवी की पुत्री लक्ष्मी सुविधाओं के घोर अभाव के बीच अपने दम पर लगातार सफलता की सीढ़ी चढ़ रही हैं.
साझा किया अनुभव
लक्ष्मी झा ने अपना अनुभव शेयर करते हुए कहा कि चार जुलाई को दिल्ली से चेन्नई फिर चेन्नई से रात दस बजे फ्लाइट पकड़ कर सुबह पांच बजे मलेशिया एयरपोर्ट पहुंचे. फिर वहां से डोमेस्टिक फ्लाइट से कोटा किनाबालु पहुंचे. वहां दो दिनों के रेस्ट के बाद आठ जुलाई को सबमिट के लिए निकल पड़े. सुबह दस बजे से चढ़ाई स्टार्ट किया. शाम चार बजे बेस कैंप पहुंचे वहां से सुबह तीन बजे सबमिट के लिए निकल गए और छः बजकर 40 मिनट पर मेरा सबमिट पूरा हो गया.
माउंट किनाबालु पर फहराया तिरंगा
लक्ष्मी कहती है कि इस दौरान ढेर सारी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा. मौसम खराब था बारिश हो रही थी. मेरे घुटनों में चोट भी आई है. बावजूद कठिनाई को झेलते हुए 4095 मीटर की ऊंचाई वाले माउंट किनाबालु को फतह कर लिए हैं. माउंट किनाबालु बोर्नियो और मलेशिया का सबसे ऊंची पर्वत है जो 4,095 मीटर (13,435 फीट) की ऊंचाई के साथ, यह पृथ्वी पर एक द्वीप की तीसरी सबसे ऊंची चोटी, दक्षिण पूर्व एशिया की 28वीं सबसे ऊंची चोटी और दुनिया का 20वां सबसे प्रमुख पर्वत है.
कई पहाड़ों की चोटियों पर की है फतह
इसके पूर्व नवंबर, 2022 में नौ दिनों में नेपाल स्थित काला पत्थर चोटी और माउंट एवरेस्ट बेस कैंप में तिरंगा लहराया था. फरवरी 2023 में 12 घंटे में 3901 मीटर की चढ़ाई कर उन्होंने उत्तराखंड स्थित केदारकंठा मंदिर के समीप पहुंचकर शंख फूंका और तिरंगा लहराया. इसके अलावे साउथ अफ्रीका के किलिमंजारों पर्वत की 19341 फीट ऊंची चोटी ,तुर्की की सबसे ऊंची (5137 मीटर) चोटी अरारत पर्वत की चढ़ाई कर विश्व मे भारत का नाम रौशन की है.