बताया, प्लेटफार्म की कमी है एक गंभीर समस्या प्रतिनिधि, सहरसा सांसद दिनेश चंद्र यादव ने शुक्रवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से रेल भवन में मिलकर पूर्व मध्य रेलवे के सहरसा जंक्शन पर 185 करोड़ रूपये की लागत से यार्ड रिमॉडलिंग कार्य की स्वीकृति के संदर्भ में बात की. उन्होंने रेल मंत्री से कहा कि पूर्व मध्य रेलवे का सहरसा जंक्शन व्यस्ततम स्टेशनों में आता है. जहां पर तीन दिशा से 61 ट्रेनों का आवागमन प्रतिदिन होता है. यहां पर 46 सामान्य ट्रेनों का बदलाव व 15 मालगाड़ियों का बदलाव होता है. औसतन एक ट्रेन 91 मिनट तक प्लेटफार्म पर रहती है. इस दौरान प्लेटफार्म उसके संबंधित रास्ता एवं गेट में समस्या आती है. प्लेटफार्म की कमी एक गंभीर समस्या है. औसतन देखें तो सप्ताह में पांच कोच रैक रोड साइंड स्टेशन से जुड़ा रहता है. रेलवे ढ़ाला 31 भी गंभीर समस्या है. ट्रेन धुलाई के लिए अतिरिक्त वासिंगपीट का निर्माण मार्च 2024 तक पूर्ण होना था जो नहीं हुआ. प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत सहरसा रेलवे यार्ड के रिमोडलिंग का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड में स्वीकृति के लिए लंबित है जिसके तहत दो बड़ी लंबाई का उंंचा प्लेटफार्म, 20 कोच के लिए दो डॉक प्लेटफार्म, चार फुल लंबाई का स्टेवलिंग रेल लाईन जो वासिंगपीट व दूसरे अन्य स्टेशनों से आनेवाली ट्रेनों के लिए हो. ऐसे ही दो बड़ी लंंबाई के मालगाड़ी के लिए शेड रेल लाईन जो वहां की आवश्यकता को पूरा करें. यार्ड से दुर्घटना सहायता गाड़ी एवं मेडिकल रिलीफ ट्रेन के लिए मेन लाईन से दो तरफा आगमन एवं निकास, शेंटिंग के लिए लंबी लीड मशीन, टावर बैगन एवं इंजन के लिए अलग स्टेवलिंग लाईन, बाईपास परमिनिया हॉल्ट, कारू खिरहरी हॉल्ट एवं रेलवे ढ़ाला 31 को थोड़ा उत्तर शिफ्ट करना की बात कही. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सांसद दिनेश चंद्र यादव को आश्वासन दिया कि मानचित्र पर सहरसा एक विकसित स्टेशन दिखेगा. इसकी स्वीकृति देंगे.
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