सहरसा . लोकसभा में नियम 377 के अधीन सांसद दिनेश चंद्र यादव ने जनहित के महत्वपूर्ण मुद्दे के तहत सहरसा आरएमएस को बंद नहीं कर उसे आईसीएच बनाने की मांग की. उन्होंने कहा कि बिहार राज्य के सहरसा रेल डाक सेवा पंजीकृत व साधारण पत्रों के छटाई का एक मात्र कार्यालय है. यह रेल डाक सेवा लगभग तीन सौ किलोमीटर की परिधि के तीनों जिला सहरसा, सुपौल, मधेपुरा व 25 प्रतिशत खगड़िया जिला जो 50 प्रतिशत बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है एवं 25 प्रतिशत पूर्णियां जिलावासियों को सेवा प्रदान करता है. सहरसा रेल डाक सेवा अभी औसतन तीन हजार से 35 सौ पंजीकृत एवं 20 हजार से 25 हजार साधारण पत्रों का निष्पादन करता है एवं इन तीनों जिला का लगभग छह हजार से 65 सौ स्पीड पोस्ट छटाई के लिए एनएसएच बरौनी को भेजा जाता है. इसके अतिरिक्त लगभग 10 हजार स्पीड पोस्ट व पार्सल तीनों जिला सहरसा, सुपौल एवं मधेपुरा में वितरित होने के लिए बरौनी से भेजा जाता है. जिस कारण स्पीड पोस्ट का निष्पादन चार दिनों के बाद ही विलंब से हो पाता है. जिससे तीनों जिलावासियों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. सहरसा डाक प्रमंडल में दो प्रधान डाकघर एवं 42 उप-डाकघर के डाक का निष्पादन सहरसा रेल डाक सेवा से होता है. जिसमें कुल 509 शाखा डाकघर हैं. जिसका 50 प्रतिशत शाखा डाकघर एवं उप-डाकघर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में है. सहरसा परिचालन सुविधा, भोगौलिक स्थिति कनेक्टिविटी लाभ के सभी मानको को पूरा करता है. सहरसा, सुपौल एवं मधेपुरा एक एसपाइरेशनल जिला है. यहां हर तरफ से कोशिश की जा रही है कि तीनों जिला को प्रगति पथ पर लाया जाय. सहरसा आरएमएस बंद होने से सहरसा, सुपौल एवं मधेपुरा फिर से एक पिछड़ा जिला रह जायेगा. उन्होंने सहरसा आरएमएस को बंद नहीं कर उसे आईसीएच बनाने की मांग की. जो सभी मापदंड पूरा करता है.
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