मशरूम की राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार में है काफी मांगः निदेशक

कम समय में अच्छा आय का है श्रोत

By Prabhat Khabar News Desk | September 11, 2024 6:21 PM
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कृषि विज्ञान केंद्र में महिला कृषकों को मशरूम उत्पादन का दिया गया प्रशिक्षणमहिलाओं के बीच मशरूम स्पॉन का किया गया मुफ्त वितरण प्रतिनिधि, सहरसा कृषि विज्ञान केंद्र अगुवानपुर में डॉ नित्यानंद की अध्यक्षता में आयोजित प्रशिक्षण में महिलाओं के बीच मशरूम स्पॉन का मुफ्त में वितरण किया. इस प्रयास का उद्देश्य महिलाओं को स्वावलंबी बनाना एवं उन्हें कृषि के माध्यम से आत्मनिर्भरता प्रदान करना था. इस कार्यक्रम में महिलाओं को मशरूम की खेती एवं उसके स्पॉन के उपयोग के बारे में डॉ सुनीता पासवान ने प्रशिक्षण दिया. जिससे वे अपने परिवार के लिए अच्छी आय कमा सकें एवं अपनी खुद की रोजगार सृजन कर सके. कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान जोन चार के निदेशक डॉ अंजनी कुमार ने कहा कि मशरूम एक आय का अच्छा जरिया है एवं यह बहुत ही ज्यादा पोषण से भरपूर होता है. जिस कारण इसकी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है. आज मशरूम की खेती को बढ़ावा देने की ज़रूरत है. जिससे इसके जरिए लोगों की आय में वृद्धि हो सके एवं उन्हें रोजगार के नए अवसर मिल सके. कम समय में अच्छा आय का है श्रोत कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ नित्यानंद ने कहा कि मशरूम का आर्थिक महत्व बहुत अधिक है. यह कम समय एवं कम लागत में अच्छी आय प्रदान कर सकता है. मशरूम की खेती में भूमि एवं पानी की जरूरत बहुत कम होती है. जिससे यह छोटे किसानों एवं सीमित संसाधनों वाले लोगों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनता है. मशरूम का बाजार मूल्य अन्य सब्जियों की तुलना में काफी अधिक होता है एवं इसकी मांग राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेजी से बढ़ रही है. मशरूम की खेती एवं प्रसंस्करण से कई रोजगार के अवसर पैदा होते हैं. इससे ना केवल किसानों को लाभ होता है. बल्कि महिलाओं एवं युवाओं के लिए भी यह एक उपयुक्त स्वरोजगार का साधन है. मशरूम की खेती कृषि विविधिकरण में सहायक होती है. पारंपरिक खेती के साथ मशरूम की खेती करने से किसानों की आय में वृद्धि होती है एवं जोखिम भी कम होता है. मशरूम पोषण से भरपूर होता है. जिससे इसके उत्पादों की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है. इससे किसानों को अपने उत्पाद को आसानी से बेचने का अवसर मिलता है. उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को करता है धीमा विषय विशेषज्ञ डॉ सुनीता पासवान ने बताया कि मशरूम का दैनिक आहार में पोषक महत्व बहुत अधिक है. यह कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होता है एवं स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है. मशरूम में उच्च मात्रा में प्रोटीन होता है. जो शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन का एक बेहतरीन विकल्प है. यह शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने एवं संपूर्ण विकास के लिए आवश्यक होता है. मशरूम में विटामिन डी, बी विटामिन्स एवं खनिज की अच्छी मात्रा होती है. विटामिन डी हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक है. जबकि बी विटामिन्स ऊर्जा के उत्पादन में मदद करते हैं. मशरूम में ग्लूटाथियोन एवं एर्गोथायोनीन जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं. जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं एवं उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं. मशरूम में आहार फाइबर की भी अच्छी मात्रा होती है. जो पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है एवं कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करता है. मशरूम में कैलोरी की मात्रा कम होती है. लेकिन पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है. यह वजन नियंत्रित रखने के लिए आदर्श आहार है. खासकर उन लोगों के लिए जो वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं. मशरूम में बायोएक्टिव यौगिक होते हैं. जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं. यह सर्दी, फ्लू एवं अन्य संक्रमणों से बचाव में सहायक होता है. पोषण क्षेत्र में बढ़ रहा महत्व कार्यक्रम में क्षेत्रीय अनुसंधान संस्थान के सह निदेशक डॉ एमडी ओझा ने महिलाओ को बताया कि मशरूम की खेती एवं इसका उपयोग एक नया आयाम बनता जा रहा है. जो ना केवल किसानों एवं उद्यमियों के लिए नए अवसर पैदा कर रहा है. बल्कि स्वास्थ्य एवं पोषण के क्षेत्र में भी इसका महत्व तेजी से बढ़ रहा है. मशरूम एक ऐसा क्षेत्र बन गया है जो न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है. बल्कि सामाजिक एवं स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी एक नया आयाम प्रदान करता है. इसके माध्यम से लोगों को ना केवल रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं. बल्कि एक स्वस्थ एवं समृद्ध जीवन की ओर भी प्रेरित किया जा रहा है. फोटो – सहरसा 02 – किसानों को मुफ्त स्पॉन देते वैज्ञानिक

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