केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय से मिली मान्यता एमएइन हिन्दू स्टडीज की पढ़ाई कराने वाली पहली संस्था बनी ईस्ट एन वेस्ट विश्व के अन्य तेरह देशों में पढ़ाई होती है हिन्दू स्टडीज प्रतिनिधि, सहरसा स्थानीय ईस्ट एन वेस्ट टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज पटुआहा के प्राचार्य डॉ नागेंद्र कुमार झा ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली जो संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित है, जिसे नेक द्वारा ए प्लस प्लस की मान्यता प्राप्त है. जिसके शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो डॉ मदनमोहन झा ने बीते सोमवार को पत्र जारी करते हुए महाविद्यालय को तीन पाठ्यक्रमों में संबंधन पत्र जारी किया है. जिसमें पहला एमएइन हिन्दू स्टडी दूसरा डिप्लोमा पाठ्यक्रम, तीसरा सर्टिफिकेट कोर्स में सत्र 2024-25 से नामांकन लेने की के लिए अनुमति प्रदान किया गया है. प्राचार्य ने बताया कि एमएइन हिन्दू स्टडीज एक ऐसा पाठ्यक्रम है जो वर्तमान में विश्व के तेरह देशों में पढ़ाई जाती है. ईस्ट एन वेस्ट बिहार की पहली संस्था है. जिसमें एमएइन हिन्दू स्टडीज की पढ़ाई आरंभ होगी. साथ ही भारतीय संस्कृति, वेद, व्याकरण, साहित्य, ज्योतिष, अंक ज्योतिष, फलित ज्योतिष, वैदिक गणित, कर्मकांड एवं वास्तुशास्त्र विषय में डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट कोर्स की पढ़ाई होगी. इस अवसर पर संस्थान के प्राचार्य डॉ झा ने शिक्षाशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ बसंत कुमार मिश्रा, सीएसयू के समन्वयक डाॅ सुज्वल कुमार चौधरी, प्राध्यापक सह जनसंपर्क पदाधिकारी अभय मनोज, परीक्षा नियंत्रक सह नोडल अंशु कुमार गुप्ता सहित सभी प्राध्यापकों ने संस्थान के चेयरमैन डॉ रजनीश रंजन को इस उपलब्धी पर पाग, चादर, पुष्पगुच्छ भेंट कर शुभकामना व बधाई दी. इस अवसर पर संस्कृत भाषा समन्वयक सुज्वल कुमार चौधरी ने कहा कि इस उपलब्धि का सारा श्रेय चेयरमैन रजनीश को जाता है. साथ ही कोसी प्रमंडल के महान जनता को यह विश्वास दिलाते है कि जिस प्रकार ईस्ट एन वेस्ट ने शिक्षाशास्त्र में उत्कृष्ट कार्य किया है, वैसे ही संस्कृत शिक्षण शास्त्र में भी जारी रहेगा. इस मौके पर चेयरमैन ने सीएसयू के कुलपति डॉ बानखड़े के प्रति आभार जताते हुए कहा कि ईस्ट एन वेस्ट नित अपनी उंचाईयों को छुये. उन्होंन कहा कि यहां के सभी शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कर्मचारियों का संस्थान के प्रति समर्पण का प्रतिफल है. वहीं संस्थान की निदेशक सह भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय की सीनेट सदस्या मनीषा रंजन ने अपने बधाई संदेश में संस्थान के सभी कर्तव्यनिष्ठ प्राध्यापक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी के साथ साथ महाविद्यालय के पूर्व व वर्तमान छात्राध्यापक एवं अभिभावकों के स्नेह समर्थन और सहयोग का इस उपलब्धि को प्रतिफल बताया.
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