अब नये लुक में नजर आयेंगे हॉल्ट व स्टेशन
अब नये लुक में नजर आयेंगे हॉल्ट व स्टेशन
सहरसा : अब हॉल्ट स्टेशनों का कायाकल्प होगा. समस्तीपुर रेल मंडल ने इस दिशा में नये कदम उठाये हैं. सहरसा-मानसी, सहरसा-मधेपुरा और सहरसा-सुपौल रेलखंड के सभी छोटे स्टेशन अब नये लुक में नजर आयेंगे. यात्रियों को बैठने की सुविधा, स्वच्छ पेयजल सहित बिजली पंखे की भी सुविधा मिलेगी. रेल मंडल ने इस दिशा में तैयारी शुरू कर दी. फिलहाल सहरसा-मानसी रेलखंड के परमीनिया और बाबा रघुनी सहित फनगो हॉल्ट पर यात्री सुविधा विस्तार का काम शुरू किया गया है. रेल मंडल अधिकारियों के अनुसार अब छोटे स्टेशनों पर भी यात्रियों की भीड़ बढ़ने लगी है. छोटे स्टेशनों के कायाकल्प के बाद हॉल्ट स्टेशनों पर यात्रियों को मूलभूत सहित आधुनिक सुविधाएं मिल सकेगी.
10 हॉल्ट स्टेशनों का होगा कायाकल्प: अक्सर रेल यात्रियों की यह शिकायत रहती है कि छोटे स्टेशनों पर यात्री सुविधाएं नहीं मिलती है. अब कोसी क्षेत्र के 10 हॉल्ट स्टेशन के कायाकल्प की रेलवे ने तैयारी शुरू कर दी है. इसके तहत सहरसा-मानसी रेलखंड के तीन हॉल्ट बाबा रघुनी हॉल्ट, फनगो हॉल्ट और परमीनिया पर यात्री सुविधा विस्तार का काम शुरू किया गया है. इसके अलावा सहरसा-मधेपुरा रेलखंड पर कारू खिलाड़ी हॉल्ट, मिठाई हॉल्ट पर यात्री सुविधा बढ़ाई जायेगी. सहरसा-सुपौल रेलखंड पर सहरसा कचहरी, नंदलाली हॉल्ट, सुंदरपुर बीना एकमा सहित अन्य हॉल्ट स्टेशनों का भी कायाकल्प होगा. हालांकि रेल अधिकारियों ने यह स्पष्ट नहीं किया कि एक हॉल्ट स्टेशन पर कितनी राशि खर्च होगी. प्लान वर्क के तहत यात्री सुविधा बनाने पर जोर दिया गया है.
हॉल्ट-स्टेशनों पर बढ़ने वाली सुविधाएं: छोटे स्टेशनों पर रेल यात्रियों को बैठने के लिए कंक्रीट की बेंच लगायी जा रही है. धूप और बरसात से बचाव के लिए प्लेटफार्मपर छोटे-छोटे यात्री शेड भी लगाये जा रहे हैं. ट्रेनों में चढ़ने और उतरने के लिए प्लेटफार्म सतह का भी निर्माण किया जा रहा है. पीने के लिए स्वच्छ पेयजल यात्रियों को मिलेगा. शौचालय का भी निर्माण किया जायेगा. रेल अधिकारियों के अनुसार जरूरत के मुताबिक यात्रियों को सुविधा मिल सकेगी.
क्या थी पूर्व में स्थिति: अब तक रेल मंडल के सभी हॉल्ट स्टेशनों का हाल बेहाल है. खासकर सहरसा-मानसी रेलखंड के सभी हॉल्ट स्टेशन जंगली झाड़ियों में तब्दील थे. बिजली नहीं होने से छोटे स्टेशन असामाजिक तत्वों का जमावड़ा बना हुआ था. कई बार देर शाम यात्री असामाजिक तत्वों द्वारा लूट का शिकार भी हो जाते थे.