खुले आसमान के नीचे जमीन पर बैठकर पढ़ते हैं बच्चे शिक्षा विभाग का हर दावा यहां दिख रहा है फेल सौरबाजार . सरकार और शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में पढ़ाई और व्यवस्था को सुधारने के लिए दिन रात पूरी कोशिश में लगी हुई है. बावजूद आज भी कई जगह बच्चे अब भी सरकारी सुविधाओं से वंचित होकर खुले आसमान के नीचे या झोपड़ी में जमीन पर बैठकर पढ़ने को विवश हैं. प्रखंड स्थित कांप पूर्वी पंचायत के वार्ड नंबर 10 में संचालित हो रहे एनपीएस रामनगरा की स्थिति कुछ इस तरह ही है. इस विद्यालय में दो शिक्षिका और 160 बच्चे नामांकित हैं. जिसे बैठकर पढ़ने के लिए ग्रामीणों के सहयोग से एक झोपड़ीनुमा घर बनाया गया है. जहां बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ते हैं. यहां शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा किया जा रहा हर दावा विफल साबित होता दिख रहा है. न बच्चा पोशाक में है न उन्हें बैठने के लिए बेंच डेस्क है. न भवन है और न बच्चों के अनुपात में शिक्षक उपलब्ध है. यहां के ग्रामीणों की मानें तो यहां कोई अधिकारी भी कभी इन विद्यालय को देखने नहीं आते हैं. जिसके कारण भी यहां के व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है अगल बगल में दो से तीन किलोमीटर में कोई स्कूल भी नहीं है कि वहां शिफ्ट कर इस बच्चों को वहां भेजा जाये. जमीन उपलटध, लेकिन नहीं हो रहा निर्माण यहां के पूर्व मुखिया रह चुके विजय कुमार उर्फ पप्पू यादव का कहना है कि विद्यालय के लिए जमीन उपलब्ध है. लेकिन विभाग द्वारा भवन निर्माण नहीं करवाया जा रहा है. कई बार हमलोग विभाग से पत्राचार और मौखिक रूप से भी यहां भवन निर्माण कराने की मांग कर चुके हैं. लेकिन कोई असर नहीं हो रहा है. भवन के अभाव में हमलोगों ने ग्रामीणों के सहयोग से एक झोपड़ीनुमा घर बना दिया है. जहां बच्चे जमीन पर बैठकर हीं पढ़ते हैं. स्थानीय मुखिया महेंद्र यादव समेत अन्य ग्रामीणों ने यहां विद्यालय के लिए उपलब्ध जमीन पर विद्यालय के लिए भवन बनाने की मांग विभाग से की है. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि यहां भवन बनाने के लिए जमीन उपलब्ध है. मेरे द्वारा बहुत पहले हीं विभाग के वरीय पदाधिकारी को भवन निर्माण कराने के लिए पत्र अग्रसारित कर दिया गया है. उम्मीद है कि जल्द ही भवन निर्माण का काम शुरू हो जायेगा.
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