Bihar News: निंती कार्डियक केयर (श्री नारायणा मेडिकल कॉलेज स्थित) के डॉक्टरों ने एक 68 वर्षीय मरीज को पेसमेकर लगाकर बचा लिया. उसका हर्ट रेट 20 पर आ चुका था और कंप्लीट हर्ट ब्लॉकेज का केस था. सहरसा के गंगजला चौक (वार्ड-32) निवासी हरेराम सिंह (बदला हुआ नाम) को कई दिनों से चक्कर आ रहा था. वह बार-बार बेहोश होकर गिर जा रहे थे. यह स्थिति देखकर उन्हें अस्पताल ले जाया गया. प्रारंभिक जांच की गई, जिसमें उनकी हर्ट बीट काफी कम आ रही थी.
डॉक्टर ने क्या बताया
20 हर्ट रेट आने के बाद तत्काल ईसीजी किया गया, जिसमें पता चला कि कंप्लीट हर्ट ब्लॉकेज है. हॉस्पिटल के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. गिरिजा शंकर झा ने बताया कि मरीज का कंप्लीट हर्ट ब्लॉकेज था. यह करेंट का ब्लॉकेज था, जिसके कारण डुअल चैंबर पेसमेकर लगाया गया. शुरुआत में टेम्पोररी पेसमेकर लगाया गया ताकि हृदय सही से काम कर सके. इसके एक दिन बाद मरीज को अत्याधुनिक तकनीक से लैस परमानेंट ब्लूटुथ पेसमेकर ( दो तार वाला) लगाया गया.
अब वह बिल्कुल ठीक है और उसे डिस्चार्ज भी कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि दो तरीके से हृदयाघात हो सकता है. पहला आर्टरी का ब्लॉकेज और दूसरा करेंट ब्लॉकेज के जरिए. इनकी उम्र 68 साल थी, इसलिए एंजियोग्राफी की गई, जिसमें 1 आर्टरी का भी ब्लॉकेज दिखा है. इसका ट्रीटमेंट भी किया जाएगा. डॉक्टर ने कहा कि हमलोग हृदय ओपीडी हृदय संबंधी समस्याओं के बारे में लोगों को बताते हैं और परामर्श भी देते हैं. हृदय रोगों के लक्षण को लोग पहचान नहीं पाते, जिसके कारण वह इलाज कराने समय पर नहीं पहुंच पाते. इसलिए लोगों को हृदय से जुड़ी समस्याओं के बारे में जानना चाहिए.