सहरसा . भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लाजवंती झा ने कहा कि भारतीय संविधान के प्रारूप या मसौदा समिति अध्यक्ष भारत के प्रथम विधि मंत्री डॉ भीमराव आंबेडकर के 125वें जन्मोत्सव पर बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने संविधान गौरव अभियान का आयोजन किया है. संविधान के लागू होने के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में देश के जनसाधारण तक डॉ. आंबेडकर के राष्ट्र निर्माण में योगदान व उनका वांछित सम्मान प्रदान करने के लिए 26 दिसंबर 2024 से 25 जनवरी 2025 तक देश व्यापी कार्यक्रमों की शुरूआत संविधान गौरव अभियान कर चुकी है. इन कार्यक्रमों द्वारा वर्तमान एनडीए सरकार संविधान के शिल्पकार डॉ आंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर रही है. डॉ.आंबेडकर जिस प्रतिष्ठा के हकदार थे, वैसा सम्मान पूर्ववर्ती सरकारों ने उन्हें प्रदान नहीं किया. कांग्रेस की सरकार भारत की समस्त उपलब्धियों को हासिल करने का श्रेय सिर्फ गांधी-नेहरू परिवार को देना अपना परम पुनीत कर्तव्य समझकर अन्य राष्ट्र नायकों के साथ उपेक्षापूर्ण एवं पक्षपात पूर्ण रवैया दर्शाती रही है. बाबा साहेब आंबेडकर कांग्रेसी कोपदृष्टि का शिकार इसलिए भी हुए कि वे राष्ट्रहित में नेहरू की सभी बातों का समर्थन नहीं करते थे. कांग्रेस पार्टी के राष्ट्र विभाजक नीतियों का उन्होंने विरोध किया था. इसलिए पुरानी संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में उनकी प्रतिमा नहीं लगाकर उनका अपमान किया गया. कांग्रेस की संकुचित एवं अनुदारवादी नीतियों के तहत 1990 तक उन्हें भारत रत्न सम्मान से भी वंचित रखा गया. भाजपा समर्थित विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार ने उन्हें भारत रत्न प्रदान कर एक हद तक डॉ आंबेडकर को प्रतिष्ठित किया. 2014 मई में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने के बाद ही बाबा साहब की विरासत को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में व्यापकता से प्रसारित किया गया. डॉ आंबेडकर से जुड़े सभी पांच स्थानों को पंचतीर्थ का स्वरूप प्रदान करने के उद्देश्य से स्मारक निर्मित किए गये. साथ ही 26 दिसंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय एनडीए सरकार का बाबा साहब को सच्ची श्रद्धांजलि है.
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