सफेद हाथी बनकर रह गया पंचायत सरकार भवन
लोगों को पंचायतों में ही सभी विभागीय सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से किया गया था निर्माण
लोगों को पंचायतों में ही सभी विभागीय सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से किया गया था निर्माण. प्रशासनिक अधिकारियों की उपेक्षा से बनकर रह गया है भूत बंगला पतरघट. आम लोगों को पंचायतों में ही सभी विभागीय सुविधा उपलब्ध करवाए जाने के उद्देश्य से सरकारी स्तर से करोड़ों की लागत से क्षेत्र के विशनपुर, पस्तपार, गोलमा पूर्वी, किशनपुर सहित अन्य जगहों पर पंचायत सरकार भवन सह पंचायत सचिवालय भवन प्रशासनिक अधिकारियों की उपेक्षा से भूत बंगला बनकर रह गया है. कर्मियों के नहीं रहने से पंचायत वासियों को अपने जरूरी कामों के लिए न केवल यत्र तत्र भटकना पड़ रहा है, बल्कि अनावश्यक समय व राशि का भी खर्च उठाना पड़ता है. सभी दो मंजिला भवन में पंचायत प्रतिनिधियों एवं सरकारी कर्मचारियों के लिए अलग-अलग कमरों की व्यवस्था की गयी है. इसके अलावे ग्राम कचहरी के न्यायालय कक्ष, अभिलेखों के संरक्षण का स्थान, स्टोर कक्ष, पंचायत व स्टेंडिंग कमेटी की बैठकों के लिए स्वागत कक्ष, कंप्यूटर रूम, शौचालय सहित अन्य सारी सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है. भवन निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद संवेदक के द्वारा सभी संबंधित पंचायत के मुखिया को भवन सौंप दिया गया. कामों के ससमय निष्पादन के लिए सरकारी स्तर से आय, आवासीय, पेंशन, राशनकार्ड, जाति सहित अन्य प्रमाण-पत्र एवं सुविधाओं के लिए कार्यपालक सहायक की नियुक्ति कर संबंधित पंचायतों में पदस्थापित कर दिया गया. जिसको प्रतिदिन हरहाल में उपस्थित रहकर लंबित कामों को निष्पादन किए जाने का निर्देश दिया गया था. लेकिन पस्तपार, पतरघट, गोलमा पूर्वी सहित किसी भी पंचायत सरकार भवन में पदस्थापित कार्यपालक सहायक के द्वारा कार्यालय नहीं आकर सप्ताह में मात्र एकाध दिन आकर हाजिरी बनाकर घर बैठे सरकारी वेतन का समुचित लाभ उठा रहे हैं. स्थानीय ग्रामीणों ने कार्यपालक सहायक पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सप्ताह में किसी एक दिन आकर लंबित कामों को निपटाकर सभी कार्यपालक सहायक वापस अपने घर लौट जाते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि यह स्थिति सिर्फ पतरघट, पस्तपार की ही नहीं, बल्कि किशनपुर, गोलमा पूर्वी सहित अन्य पंचायतों की भी है. उन्होंने संबंधित विभागीय अधिकारियों से मामले की विस्तृत जांच शुरू कर संबंधित कार्यपालक सहायक के मनमानी रवैए पर अंकुश लगाते हुए कार्रवाई किए जाने की मांग की है. इस बाबत बीडीओ पूलक कुमार ने बताया कि लोकसभा चुनाव के कारण कार्यपालक सहायक को चुनाव ड्यूटी में तैनात किया गया था. जिसके कारण ऐसा हुआ है. उन्होंने बताया कि चार जून के बाद स्थिति पूरी तरह से ठीक हो जायेगी. हम नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने बताया कि किसी भी सूरत में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी.
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