लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान योजना का पंचायत में बुरा हाल सौरबाजार .पंचायतों और गांव को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से सरकार द्वारा चलायी जा रही लोहिया स्वच्छ बिहार योजना सिर्फ कागज पर ही चल रही है. धरातल पर कहीं दिखाई नहीं दे रही है. कचरा उठाव के लिए हर वार्ड में उपलब्ध कराया गया वाहन मुखिया या वार्डों में चयनित स्वच्छता कर्मी के दरवाजे की शोभा बढ़ा रहा है. पंचायत कार्यालय में हर वार्ड में नियुक्त कर्मी की उपस्थिति बन रही है. उनका मानदेय भी बन रहा है. लेकिन धरातल पर काम कुछ भी नहीं हो रहा है. ऐसे में सरकार की यह योजना धरातल पर विफल होती दिख रही है. कचरा उठाव के लिए दिया गया ठेला और गाड़ी का उपयोग दूसरे कामों के लिए किया जा रहा है. पंचायत के जनप्रतिनिधियों और प्रखंड स्तर के अधिकारियों को इसे संचालित करने में कोई रूचि नहीं दिखाई दे रही है. कुछ पंचायत के मुखिया ने बताया कि पंचायत कोष से एक बार सभी स्वच्छता कर्मी को मानदेय दिया गया था. लेकिन एक वर्ष से अधिक समय से इस मद में राशि नहीं रहने के कारण उनलोगों को राशि नहीं मिल पायी है. जिसके कारण स्वच्छता कर्मी काम में रूचि नहीं दिखा रहे हैं.
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