Saharsa news : कोसी नदी के बढ़ता जल स्तर 28 सितंबर की रात 12 बजे तक 6 लाख 17 हजार क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया, जो बढ़कर 29 सितंबर की सुबह 6 बजे 6 लाख 61 हजार दर्ज किया गया. 29 सितंबर को सुबह 7 बजे से कोसी से छोड़े जानेवाले पानी का डिस्चार्ज लगातार घटने लगा. रविवार को दिन के 01 बजे तक घटते क्रम में 04 लाख 29 हजार क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया, जो देर शाम तक घटता ही चला गया. कोसी नदी में 6 लाख 61 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किए जाने के बाद प्रखंड क्षेत्र की सात पंचायतों के 28 राजस्व ग्राम में लोगों के घर से लेकर आंगन तक बाढ़ का पानी पहुंच गया. इस कारण लोग अपने ही घर में कैद हो गये हैं. घर में पानी घुस जाने के कारण लोग कोसी पूर्वी तटबंध के बाहरी भाग व अपने रिश्तेदारों के यहां पलायन कर रहे हैं. नदी का जल स्तर बढ़ने के बाद 78.60 स्पर के समीप बने पुराने रिटायर बांध को कोसी नदी की धारा ने पार करते हुए कोसी पूर्वी तटबंध की तरफ अपना रुख कर लिया है. कोसी ने हेमपुर काली स्थान के समीप 76 किलोमीटर के समीप कोसी पूर्वी तटबंध पर अपना दबाव बना लिया है. इसके बाद जल संसाधन विभाग द्वारा जियो बैग में मिट्टी डालकर दोनों तरफ से तटबंध की मरम्मत की गयी. जिला प्रशासन द्वारा मजिस्ट्रेट नियुक्त कर कोसी पूर्वी तटबंध के काली स्थान के समीप निगरानी की जा रही है. कोसी पूर्वी तटबंध के 74.40 स्पर पर दबाव बनने के बाद सुबह 8 बजे यह टूटकर ध्वस्त हो गया. इस कारण हाटी पंचायत के झखराही गांव के चार दर्जन से अधिक घरों में पानी भर गया. लोगों के घर के छप्पर के ऊपर से पानी बहने लगा.
11 पंचायतों के लोगों में मचा त्राहिमाम
नेपाल के तराई क्षेत्र में लगातार बारिश व शनिवार को बराज से अधिकतम जल निकासी के कारण पूर्वी व पश्चिमी कोसी तटबंध के बीच स्थित दर्जनों गांव में पानी का कहर शुरू होने लगा है. महिषी के बलुआहा व गंडोल के बीच तीनों मुख्य धाराएं प्लावित हो एक धारा बन चुकी हैं. रोड नंबर 17 से विभिन्न पंचायतों को जोड़नेवाले सभी संपर्क सड़क पर पानी ओवरफ्लो होने से आवागमन पूर्ण रूप से ठप पड़ गया है. प्रखंड क्षेत्र की कुल 19 पंचायतों में 11 पंचायतें कुंदह, बीरगांव, भेलाही, तेलवा पूर्वी व पश्चिमी, बघवा, ऐना, झारा, घोंघेपुर, आरा पट्टी व मनोवर कोसी व कमला की धारा के मध्य स्थित हैं. इसके अतिरिक्त चार पंचायतें नहरवार, महिषी दक्षिणी, सिरवारविरवार व राजनपुर की आधी आबादी भी बाढ़ प्रभावित होती है व धन जन की क्षति होती है. बरसात के दिनों में इन पंचायतों में प्रतिवर्ष बाढ़ आपदा का आना अवश्यंभावी रहता है. इस वर्ष पिछले नक्षत्रों में आनुपातिक वर्षा कम होने से लोग राहत में थे. हथिया नक्षत्र में अतिवृष्टि के कारण स्थिति नाजुक बन गयी है. कोसी के अंदर बसे लोगों के घरों में पानी घुसने लगा है व पलायन करना भी दुरूह हो गया है. शनिवार की रात लोग रतजगा में लगे रहे है. ऐसी चर्चा है कि अभी डिस्चार्ज किया गया शत-प्रतिशत पानी क्षेत्र में नहीं पहुंचा है.
पीड़ितों के बीच पहुंचायी जा रही है राहत सामग्री : डीएम
नेपाल में हो रही बारिश और कोसी बराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी की वजह से जिले के पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर के इलाके जलमग्न हो गये हैं.सिमरी बख्तियारपुर, सलखुआ, महिषी और नवहट्टा के तटबंध के अंदर के इलाकों मेबाढ़ ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है.बाढ़ की स्थिति को देखते हुए रविवार को जिलाधिकारी वैभव चौधरी एवं पुलिस अधीक्षक हिमांशु ने जिले के विभिन्न बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का रविवार को भी भ्रमण किया. इस क्रम में बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों का अवलोकन किया. भ्रमण क्रम में जिलाधिकारी पूर्वी कोसी तटबंध से संबंधित स्पर संख्या 117.20 किलोमीटर पहुंचे. यहां उन्होंने कार्यपालक अभियंता बाढ़ नियंत्रण कोपरिया प्रमंडल से तटबंध की अद्यतन स्थिति के संबंध में जानकारी ली. कार्यपालक अभियंता ने तटबंध को पूरी तरह सुरक्षित बताया. जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि तटबंध का लगातार पर्यवेक्षण जारी रखें. इसके बाद जिलाधिकारी ने स्पर संख्या 116.15 का अवलोकन किया. कार्यपालक अभियंता कोपरिया प्रमंडल को निर्धारित कार्यों के सम्यक निर्वहन का निर्देश दिया.
डीएम ने स्लूइस गेट का किया निरीक्षण
इसके बाद डीएम ने सलखुआ प्रखंड के तहत स्लूइस गेट का निरीक्षण किया. डीएम वैभव चौधरी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सहरसा जिले में तटबंध की स्थिति अच्छी है. अभी तक कहीं से भी तटबंध में सीपेज या अन्य दिक्कत की शिकायत नहीं प्राप्त हुई है. जिला प्रशासन और अभियंताओं की टीम पूरी तरह एक्टिव है. तटबंध के अंदर के लोगों के रहने के लिए स्कूलों को भी चिन्हित किया गया है. यदि कम्युनिटी किचन चलाने की जरूरत होगी तो वह भी चलाया जायेगा. नवहट्टा प्रखंड के हाटी पंचायत में बाढ़ से घिरे हुए लोगों को एसडीआरएफ टीम द्वारा सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. बाढ़ प्रभावित परिवारों के बीच राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है. बाढ़ प्रभावितों के सहायता के लिए नि:शुल्क नाव का परिचालन प्रारंभ हो गया है. आपदा नियंत्रण कक्ष दूरभाष संख्या 916478-222753 पर क्रियाशील है. मिली सूचना के आधार पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है. बांध पूरी तरह सुरक्षित है. जिला प्रशासन की टीम लगातार पीड़ितों के साथ खड़ी है.
कोसी नदी के कटाव से दर्जनों परिवार विस्थापित
जिले के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड अतर्गतघोघसम पंचायत के शर्मा टोला वार्ड नंबर चार में कोसी नदी का जल स्तर लगातार बढ़ने से कोसी नदी के कटाव का तांडव जारी है. कटाव तेजी से गांव की ओर बढ़ रहा है. इससे ग्रामीण विस्थापित हो रहे हैं. कोसी नदी उपजाऊ जमीन सहित लोगों के बसावट जमीन को भी काटकर अपने अंदर समाहित कर रही है. नदी के कटाव को देखते हुए लोग अपने घर को उजाड़ कर पूर्वी कोसी तटबंध पर बसने को विवश हो रहे हैं. कुछ परिवार अपने घर को समेटकर ऊंचे व सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं. ग्रामीणों की मानें तो इस माह नदी चार दर्जन से अधिक परिवारों का घर काटकर अपने अंदर में समाहित कर चुकी है. आज कई परिवार अपना आशियाना उजाड़ने में जुटे हुए हैं. वार्ड नंबर चार शर्मा टोला के जीवछ तांती, शंभु तांती, रामपुकार तांती, जनार्दन तांती, दिलीप तांती, लखपति तांती, धर्मेंद्र तांती, लालकुन तांती का घर कोसी की धारा में समा गया है. इधर नेपाल में हो रही बारिश एवं बराज से पानी छोड़े जाने के कारण कोसी नदी में बाढ़ के पानी का चढ़ाव लगातार जारी है. हल्का कर्मचारी को निर्देश देते हुए सीओ ने कहा कि कटनियांपीड़ित परिवारों को चिन्हित कर तत्काल उन्हें प्लास्टिक शीट उपलब्ध करा दें.
रात नौ बजे तक कार्यालय में बने रहेंगे अधिकारी
सलखुआ जो कोसी की गोद में बसा है. ऐसा इसलिए कि भीमनगर बराज से पूर्वी एवं पश्चिमी तटबंध के अंदर होकर होकर दक्षिणी छोर कोपरिया की ओर कोसी की धारा निस्सरितहै. इसके कई फायदे हैं, तो नुकसान भी है. बाढ़ के दिनों में जब कोसी अपने रौद्र रूप में आती है, तो फिर तबाही तय मानी जाती है. इस साल कोसी बराज से अत्यधिक जल निस्सरण से संभावित बाढ़ से सुरक्षा की प्रशासनिक कवायदें प्रारंभ कर दी गयी हैं. लोगों को बाढ़ से सुरक्षा के सारे इंतजाम करते लोगों को बचाव का गुर सिखाए जा रहे हैं. प्रखंड के वरीय पदाधिकारी जिला परिवहन पदाधिकारी संजीव कुमार ने शनिवार को प्रखंड कार्यालय में बैठक कर कोसी में आने वाली संभावित बाढ़ के मद्देनजर जानकारी देते उससे बचाव के गुर बताये. स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया कि आकस्मिक इलाज की पूरी व्यवस्था अस्पताल में रहनी चाहिए. थानाध्यक्ष विशाल कुमार को निर्देशित किया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में बीडीओ, सीओ के साथ जाकर लोगों को सहायता करने में सहयोग करेंगे. बीडीओ, सीओ सहित सभी पदाधिकारियों को रात के 9 बजे तक कार्यालय में मौजूद रहने का निर्देश दिया. आकस्मिक बैठक में अनुपस्थित रहने वाले अधिकारी बीएओ, पीओ, बीईओ, एलईओ की स्थिति की जानकारी डीएम को दिए जाने की बात कही.