जून की तपती दोपहरी में लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त
छांव ढूंढते को विवश हो रहे राहगीर
छांव ढूंढते को विवश हो रहे राहगीर सहरसा. जून माह की तपती दोपहरी में लोगों के जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. दोपहर होते ही एकबार फिर से बाजार की सड़कें सूनी पड़ जा रही है. लोग छांव की तलाश में रहते हैं. लेकिन वहां भी लोगों को चैन नहीं मिल पा रहा है. चिलचिलाती धूप में यात्रियों के कंठ की प्यास किसी तरह तो बुझ जाती है. लेकिन आसमानी आग से मुश्किल से बचना पड़ता है. सबसे ज्यादा परेशानी ट्रेन से उतरकर घर जाने के क्रम में पैदल यात्रियों को होती है. मौसम विभाग द्वारा जारी बुलेटिन में इस बार मानसून समय से पूर्व प्रवेश की संभावना जतायी गयी है. जबकि सामान्य रूप से जिले में 13 से 15 जून तक मानसून प्रवेश करती है. लेकिन चिलचिलाती धूप व गर्मी से ऐसा नहीं लग रहा कि मानसून जल्द आने वाली है. तापमान में लगातार बढ़ोतरी से दैनिक मजदूरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है. दैनिक रोजगार में भी कमी आ रही है. हालांकि मौसम विभाग ने अगले तीन दिन तापमान में बढ़ोतरी की संभावना व्यक्त की है. शुक्रवार को तापमान 39 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है.
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