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ससमय फसल लगाने से उत्पादन में होती है वृद्धि : प्राचार्य

जिला स्तरीय रबी कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

सहरसा. जिला स्तरीय रबी कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन बुधवार को प्रेक्षागृह में किया गया. इसका उद्घाटन अपर समाहर्ता संजीव कुमार चौधरी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी संजीव कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी सह परियोजना निदेशक सह संयुक्त निदेशक शष्य ज्ञानचंद्र शर्मा, उप निदेशक कृषि मूल्यांकन मुख्यालय सह उप निदेशक कृषि डॉ राजेश शर्मा, प्राचार्य मंडन भारती कृषि महाविद्यालय डॉ अरूणिमा, वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान केवीके डॉ नित्यानंद, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, सभी सहायक निदेशक, परामर्शी एवं अन्य उपस्थित पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. डीएओ ने विभागीय योजनाओं की संक्षिप्त जानकारी सभी को दी. रबी 2024-25 में विभिन्न प्रत्यक्षण व अनुदानित दर पर बीज वितरण के संबंध में बताया कि ससमय किसानों का चयन कर लेंगे. इससे किसानों के बीच समय से बीज का वितरण हो सकेगा. योजनाओं को किसानों तक ससमय पहुंचाने का करें प्रयास अपर समाहर्ता ने बताया कि सहरसा में अधिकांश लघु एवं सीमांत कृषक है एवं यह क्षेत्र बाढ़ प्रभावित भी है. ऐसी स्थिति में किसानों के उत्थान के लिए, फसलों के उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई लाभकारी योजना चलायी जा रही है. जिसका अधिकाधिक किसानों को सूचना देकर लाभ पहुंचाना है. उर्वरक के संबंध में बताया कि पंजाब की तरह अत्यधिक उर्वरक का प्रयोग नहीं करें. उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण में वृद्धि, मृदा संरक्षण, फसलों की खेती से वंचित भूमि पर फलदार वृक्ष लगाकर कृषकों की आय में वृद्धि व अधिक रोजगार का सृजन करायें. साथ ही उद्यान से संचालित मधुमक्खी पालन योजना, मशरूम कीट वितरण, प्लास्टिक कैरेट एवं जल संचयन योजना के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार कर अधिक से अधिक किसानों को लाभ दिलाने के लिए निदेशित किया. समय पर फसल लगाने से उत्पादन में होती है वृद्धि प्राचार्य मंडन भारती कृषि महाविद्यालय अगवानपुर डॉ अरूणिमा कुमारी ने फसलों के संबंध में तकनीकी जानकारी दी. बताया कि ससमय फसल लगाने से उत्पादन में वृद्धि होती है. किसान को यह देखना होगा कि जिन फसल का चयन कर रहे हैं वह फसल समय, मौसम, ऋतु के अनुसार उपयुक्त है या नहीं. कभी-कभी 15 नवंबर से 15 दिसंबर के बीच लगने वाली फसलों को जनवरी में किसान लगाते हैं. इससे फसलों की उत्पादकता में कमी आयेगी. जलवायु अनुकूल तकनीक अपनाने के लिए किसानों को करें प्रेरित उप निदेशक कृषि मूल्यांकन मुख्यालय डॉ राजेश शर्मा ने विभाग द्वारा दिये गये निदेशों का पूरी तरह पालन के लिए सभी कर्मियों से आह्वान किया. उन्होंने कहा कि टीम कृषि की भावना से कार्य करें एवं किसानों के साथ हमेशा खड़ा रहें. उनकी समस्याओं का समाधान करें व छोटे किसानों के घर जाकर उनकी समस्याओं का निदान करें. जलवायु अनुकूल कृषि तकनीक को अपनाने के लिए किसानों को प्रेरित करें. रबी फसलों का बीज समय पर किसानों के घर तक पहुंचायें. किसानों को उर्वरक निर्धारित समय एवं निर्धारित मूल्य पर मिले यह सुनिश्चित करें. 110 प्रकार के विभिन्न यंत्रों के बारे में दी गयी जानकारी जिला परामर्शी डॉ मनोज सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राज्य योजना, मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना, मिनीकिट योजना, आरकेभीवाई योजना योजनाओं में कुल 9824.80 क्विंटल बीज का वितरण बिहार राज्य बीज निगम लिमिटेड के सॉफ्टवेयर एप के माध्यम से किया जाना है. किसान बीज की होम डिलीवरी चाहते हैं तो होम डिलीवरी का शुल्क गेंहू दो रुपये किलोग्राम, दलहन एवं अन्य सभी फसल पांच रुपये किलोग्राम अतिरिक्त शुल्क के साथ बीज उपलब्ध कराया जा सकता है. सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण ने कृषि यांत्रिकरण योजना में 110 प्रकार के विभिन्न यंत्रों के बारे में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने ऑनलाइन आवेदन के संबंध में विशेष जानकारी के लिए अपने प्रखंड कृषि पदाधिकारी, सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण, जिला कृषि पदाधिकारी से संपर्क स्थापित करने की बात कही. मंडन भारती कृषि महाविद्यालय अगवानपुर के कृषि वैज्ञानिक, डॉ प्रीति सुंदरम, डॉ सीमा कुमारी, डॉ राजेश कुमार एवं डॉ मुन्ना यादव ने फसलों के संबंध में तकनीकी जानकारी दी. ई विमलेष पांडे ने जीरो टिलेज मशीन के संचालन के बारे में विस्तृत जानकारी दी. सहायक निदेशक उद्यान ने बताया कि नए बगीचों का क्षेत्र विस्तार योजना, मुख्यमंत्री बागवानी मिशन एवं मखाना विकास योजना संचालित है. कार्यक्रम में सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण, पौधा संरक्षण, उद्यान, प्रक्षेत्र, बीज विश्लेषण, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी सदर, सिमरी बख्तियारपुर, उप परियोजना निदेशक आत्मा, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार, सहायक तकनीकी प्रबंधक, प्रबंधक तकनीकी एवं विभाग के सभी कर्मी के साथ प्रगतिशील किसान मौजूद थे.

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