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शिक्षक की भूमिका में नजर आये पुलिस अधिकारी

शिक्षक की भूमिका में नजर आये पुलिस अधिकारी

खुरेसान गांव के महादलित टोला में एक दिवसीय पाठशाला का आयोजन बनमा ईटहरी . गुरुवार को बनमा ईटहरी थाना के अपर थानाध्यक्ष पुअनि अनिल कुमार सिंह ने खुरेशान गांव पहुंच कर महादलित टोले में दोपहर की एक पाठशाला में शिक्षक की भूमिका में निभ्राई. शिक्षा के महत्व, शराबबंदी व महिलाओं के शिक्षित होने से घर-परिवार में आने वाली समृद्धि की चर्चा करते हुए कहा कि आज के समय में शिक्षा का महत्व बढ़ गया है. जब तक आप शिक्षित नहीं होंगे, सरकार की आने वाली हर जन कल्याणकारी योजना से वंचित रहेंगे. शिक्षा के महत्व को नहीं जानेंगे तो इसलिए सर्वप्रथम बच्चों को स्कूल भेजें. उन्होंने बताया कि अपने नौकरी के कार्यकाल में कई सुदूरवर्ती दुर्गम इलाकों, गांवों के महादलित टोले में जाकर छोटे-छोटे बच्चों को शिक्षा से जोड़ रहे हैं. उनके परिवार को जागरूक कर बाल विवाह, दहेज प्रथा, छुआछूत जैसी कुरीतियों के रोकथाम के लिए जागरूक कर रहें है. बेटियां पढ़ लिख लेती है तो अपराध पर लगता है अंकुश शिक्षा का दायरा सिर्फ महादलित टोले तक ही सीमित नहीं है, बल्कि बड़े पैमाने पर देखने की जरूरत है. खासकर बेटियों को शिक्षित करने का सीधे शब्दों में अर्थ होता है, घर-घर में शिक्षा का अलख जगाना. उन्होंने कहा कि बेटियों में शिक्षा का अलख जगाने से उनको अपने शक्ति का एहसास होता है. बेटियां पढ़ लिख लेती है तो नि:संदेह अपराध पर भी अंकुश लगता है. किसी तरह के फ्रॉड या दलालों से बचना आसान होता है तथा समाज का आईना बन जाती है. कहा कि अगर महिलाएं साक्षर हो जाती है तो केंद्रीय योजनाओं का लाभ, सूचना का अधिकार व बिहार सरकार द्वारा संचालित लोक शिकायत निवारण अधिकार का लाभ मिल सकेगा. शिक्षक की भूमिका में नजर आये पुलिस अधिकारी महारस पंचायत अंतर्गत खुरेशान, जमालनगर पंचायत अंतर्गत लालपुर, सहुरिया पंचायत अंतर्गत लक्ष्मीनिया महादलित टोला में आयोजित पाठशाला में पुलिस कर्मियों व समाज के लोगों से शिक्षक की भूमिका में अपना एक घंटा देने की अपील करते हुए अपर थाना अध्यक्ष पुअनि अनिल कुमार सिंह ने कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक को साक्षर बनाना ही सही मायने में आदर्श ग्राम है. मैं इस मुहिम को न सिर्फ एक टोला बल्कि सभी थानों के एक गांव में ले जाऊंगा. मकसद है महादलित समाज के छोटे- छोटे बच्चों को मजदूरी करने से रोकना, शिक्षा से जोड़ना, उनके माता-पिता को जागरूक करना, बाल विवाह, दहेज प्रथा छुआछूत जैसी कुरीतियों पर अंकुश लगाना. मैं प्रयास कर रहा हूं, बदलाव हो रहा है, धीरे-धीरे ही सही सब ठीक होगा. एक दिन कामयाबी जरूर मिलेगी. उन्होंने शराबबंदी कानून को सफल बनाने में पुलिस अधिकारियों को सहयोग करने की भी बात कहीं है.

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