भावनात्मक संतुलन व आत्म जागरूकता से आता है सकारात्मक परिवर्तन

भावनात्मक संतुलन व आत्म जागरूकता से आता है सकारात्मक परिवर्तन

By Prabhat Khabar News Desk | October 21, 2024 6:14 PM

सहरसा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में भावनात्मक बुद्धिमत्ता पर हुआ विशेष सत्र सहरसा सहरसा. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में प्रथम सेमेस्टर के छात्रों के लिए सोमवार को भावनात्मक बुद्धिमत्ता पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. डॉ रामचंद्र प्रसाद ने किया. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ अरुण कुमार जायसवाल थे. जिन्होंने भावनात्मक बुद्धिमत्ता के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला. इसे ना केवल व्यक्तिगत बल्कि पेशेवर जीवन में भी आवश्यक बताया. उन्होंने बताया कि किस प्रकार भावनात्मक संतुलन व आत्म जागरूकता से एक व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है. छात्रों ने इस सत्र के दौरान डॉ जयसवाल के अनुभवों एवं मार्गदर्शन से गहरी प्रेरणा ली. कार्यक्रम के समापन व धन्यवाद ज्ञापन प्रो डॉ नागमणि आलोक ने की. जिन्होंने अपनी कुशल समन्वयक भूमिका से पूरे आयोजन को सफलतापूर्वक संचालित किया. धन्यवाद ज्ञापन में उन्होंने प्रतिष्ठित लेखक सलीम खान की एक विशेष शायरी का उल्लेख किया जो भावनात्मक बुद्धिमत्ता पर आधारित थी. इस शायरी के माध्यम से उन्होंने छात्रों को यह संदेश दिया कि दूसरों की भावनाओं को समझना एवं आत्म-नियंत्रण करना ही सच्ची भावनात्मक बुद्धिमत्ता का प्रमाण है. सत्र में छात्रों की भागीदारी उत्साहपूर्ण रही. यह सत्र छात्रों के लिए उनके आगामी शैक्षणिक जीवन में भावनात्मक संतुलन एव सफलता प्राप्त करने के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version