विद्युत कर्मियों की समस्याओं का नहीं हो रहा निवारण
विद्युत कर्मियों की समस्याओं का नहीं हो रहा निवारण
विद्युत कर्मियों ने अपनी विभिन्न मांगों के पूर्ति के लिए दिया एक दिवसीय धरना सहरसा . प्रोग्रेसिव इलेक्ट्रिक वर्क्स यूनियन के बैनर तले सोमवार को यूनियन इकाई ने अपनी विभिन्न मांगों की पूर्ति के लिए स्टेडियम परिसर के बाहर एक दिवसीय धरना दिया. मौके पर मौजूद विद्युत कर्मियों ने बताया कि पिछले कई वर्षों से कंपनी प्रबंधन तानाशाही रवैया अपनाये हुए है. कर्मियों की तरफ प्रबंधन का कोई ध्यान नहीं है. आये दिन मानव बल स्पर्शघात के शिकार हो अपनी जान गंवा रहे हैं. उनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है. हर घर को रौशन करने वाले बिजली कर्मियों का घर एवं भविष्य अंधकार में है. विद्युत कंपनी का लेखा दुरुस्त करने वाले कर्मियों का खुद का कोई लेखा जोखा रखने वाला नहीं है. कंपनी बनने के 12 वर्ष बाद भी मुख्यालय में लेखा कर्मी का कोई पद सृजित नहीं है. नतीजातन सैकड़ों लेखा कर्मी प्रोन्नति से वंचित हैं. तकनीकी कर्मियों का कंपनी प्रबंधन यार्ड स्टिक नहीं बना रहा है. इसके अलावा भी कई समस्याओं का निराकरण आवश्यक है उन्होंने कहा कि संघर्ष के प्रथम चरण में 25 नवंबर से 30 नवंबर तक विद्युत कर्मियों ने काला पट्टी लगाकर कार्यों का निष्पादन किया व काला सप्ताह मनाया. उसके अगले चरण में 16 दिसंबर को सभी विद्युत आपूर्ति अंचल कार्यालय कैंपस में एक दिवसीय धरना दिया गया व प्रबंधन व सरकार तक आवाज पहुंचने की कोशिश की गयी. इसके बावजूद अब तक कंपनी प्रबंधन या सरकार की तरफ से कर्मियों की समस्याओं के निवारण के लिए किया जा रहे संघर्ष को टालने का कोई प्रयास नहीं किया गया. जिसे देखते हुए पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत समाहरणालय पर विद्युत कर्मियों का एक दिवसीय धरना दिया गया. उन्होंने कहा कि धरना प्रदर्शन में किसी भी प्रकार से सरकार का कोई भी कार्य बाधित नहीं किया गया. आम जनमानस को भी इससे किसी तरह की कोई असुविधा नहीं होगी. मौके पर शशांक कुमार भारती, रोशन कुमार सिंह, जितेंद्र कुमार, गगन कुमार, विजय मुखिया, बौआ झा सहित अन्य दर्जनों विद्युत कर्मी मौजूद थे.
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