Loading election data...

भ्रष्ट हो चुके नगर आयुक्त के खिलाफ होगा जन आंदोलन – महापौर

72 घंटे के अंदर निगम के सभी सफाई कर्मियों के वेतन भुगतान व पारित योजनाओं का आयुक्त करें अनुपालऩ नगर निगम की मेयर से प्रेसवार्ता कर आयुक्त के खिलाफ दी आंदोलन की चेतावनी

By Prabhat Khabar News Desk | April 16, 2024 8:06 PM

72 घंटे के अंदर निगम के सभी सफाई कर्मियों के वेतन भुगतान व पारित योजनाओं का आयुक्त करें अनुपालऩ नगर निगम की मेयर से प्रेसवार्ता कर आयुक्त के खिलाफ दी आंदोलन की चेतावनी

सहरसा. नगर निगम महापौर बैन प्रिया ने मंगलवार को अपने आवास पर मीडिया प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की. महापौर बैन प्रिया ने कहा कि निगम चुनाव जीतने के बाद काफी मशक्कत के बाद शहर की सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने का काम किया था. जिसके बाद नगर की स्वच्छता प्रबंधन की चर्चा दूसरे निकाय में भी होने लगी थी. लेकिन विगत कुछ महीनों से शहर की सफाई व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है. इस बाबत शहर के पार्षद व स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद उन्हें आगे बढ़ने की जरूरत महसूस हुई है. महापौर ने कहा कि नगर आयुक्त अपने पदस्थापन के बाद से ही रिमोट कंट्रोल पर काम कर रहे हैं. उन्होंने काम कर रही सफाई एजेंसी को प्रभावित कर शहर की सफाई व्यवस्था चौपट कर दी है. शहर में हर जगह कचरे का अंबार लगा हुआ है. डोर टू डोर कचरा उठाव नहीं हो रहा है. जबकि वे सभी जनता के मत से चुने प्रतिनिधि हैं. जनता विभिन्न माध्यमों से शिकायत कर रही है. इसके बावजूद नगर आयुक्त भ्रष्टाचार में लिप्त हो नियमों को ताक पर रख शहर की जनमानस को प्रताड़ित कर रहे है. इस भ्रष्ट आयुक्त की शिकायत उन्होंने विभाग से भी की है. उन्होंने कहा कि ससमय दुरूस्त नहीं हुई व्यवस्था तो आंदोलन के लिए मजबूर होंगी. महापौर ने कहा कि आयुक्त की लापरवाही इस कदर बढ़ गयी है कि महीना बीतने के बाद भी सफाई कर्मी के वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. जबकि मजदूरी कर अपने परिवार का भरन पोषण करने वाले यह मजदूर नगर निगम की शक्ति हैं. उन्होंने कहा कि अगले 72 घंटे के अंदर निगम के सभी सफाई कर्मियों के वेतन का भुगतान एवं नगर की सभी पारित योजनाओं का अनुपालन नहीं किया गया तो भ्रष्ट हो चुके नगर आयुक्त के खिलाफ जन आंदोलन की शुरूआत की जायेगी. उन्होंने कहा कि जनता के हित के लिए कोई भी सरकार चिंतित रहती है. आम जनता की सुविधा के लिए शहर के सभी सम्मानित पार्षदों की अनुशंसा पर 142 योजनाओं को निगम की बोर्ड व सशक्त समिति द्वारा पारित किया गया था. जिसके बाद उक्त योजनाओं का स्थल निरीक्षण कर ससमय प्राक्कलन तैयार कर सभी स्तर पर स्वीकृति ली गयी थी. उक्त योजनाओं के ससमय पूर्ण होने से शहर के लोगों को जर्जर सड़क व जल-जमाव से राहत मिल सकती थी. उन्होंने कहा कि उनकी लोकप्रियता से घबरा कर कुछ विकास विरोधी लोगों के इशारे पर नगर आयुक्त ने उक्त योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं किया. नगर आयुक्त आदर्श आचार संहिता का बहाना कर शहर के विकास कार्यों को अवरूद्ध कर रहे हैं. उन्होंने शहर की आम आवाम को विश्वास दिलाया कि शहर के विकास में बाधक बनने वाले ऐसे तथाकथित लोगों के मंसूबे कभी कामयाब नहीं होने देंगे. शहर की जनता के प्रति उनकी जिम्मेदारी है जिसे हर हाल में पूरा किया जायेगा. मौके पर सशक्त कमेटी के निगम पार्षद कामना सिंह, विनय कुमार, रंजना देवी, काजल देवी, नीलू झा, सीता देवी, पार्षद प्रतिनिधि ब्रजकिशोर सिंह, राजा मिश्रा, संतोष सिंह सहित अन्य मौजूद थे.

महापौर द्वारा लगाया जा रहा भ्रष्टाचार का आरोप बेबुनियाद – नगर आयुक्त

नगर निगम महापौर बैन प्रिया द्वारा निगम आयुक्त पर भ्रष्टाचार व कार्य बाधित करने के आरोप को लेकर नगर आयुक्त मुमुक्षु चौधरी ने कहा कि जब उन्होंने व्यय ही नहीं किया तो भ्रष्टाचार कहां से होगा. उन्होंने कहा कि 13 मार्च को बजट पेश किया गया. बजट का ना तो प्रोसिडिंग ना ही कॉपी उपलब्ध करायी गयी. बजट की कॉपी को लेकर महापौर से तीन बार पत्राचार किया गया. लेकिन बजट की कॉपी नहीं आयी. ऐसे में बजट पर कार्य नहीं करने का आरोप बेबुनियाद है. उन्होंने कहा कि 29 जनवरी को उन्होंने नगर आयुक्त के पद पर यहां योगदान दिया है. जबकि दो फरवरी से उनका कार्यकाल चल रहा है. इस बीच 16 मार्च को आचार संहिता लग जाने के बाद सभी कार्य बाधित हैंं. ऐसे में इतने कम समय में भ्रष्टाचार का आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि बजट की कॉपी को लेकर उनके एक्सपर्ट द्वारा प्रारूप लिखकर भी दिया गया. लेकिन बजट की कॉपी नहीं दी गयी. बजट की कॉपी आने के बाद कर्मियों के वेतन भुगतान सहित अन्य कार्य होंगे. उन्होंने कहा कि उनकी एजेंसी क्षेत्र में सफाई कार्य कर रही है. कहीं भी सफाई कर्ज बाधित नहीं है.

फोटो – सहरसा 28 – मुमुक्षु चौधरी

Next Article

Exit mobile version