सहरसा जंक्शन पर यात्रियों के लिए नई सुविधा, दोगुनी होगी प्लेटफॉर्म और लाइन की संख्या, जानें क्या होगा फायदा
रेलवे बोर्ड की इंटरेक्शन कमेटी ने सहरसा रेलवे को 194 करोड़ रुपये की राशि का तोहफा दिया है. साथ ही रेलवे बोर्ड ने यार्ड रिमॉडलिंग प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है. अगले माह सहरसा जंक्शन को मिलेगा वर्क ऑर्डर.
अमृत भारत स्टेशन के बाद सहरसा रेलवे को दूसरी सबसे बड़ी सौगात मिलने जा रही है. यात्रियों को मिलने वाली अत्याधुनिक सुविधाओं के अलावा हाई लेवल प्लेटफार्म व मेन लाइन की संख्या में बढ़ोतरी होगी. इसके लिए लंबे समय के बाद रेलवे बोर्ड की इंटरेक्शन कमेटी ने सहरसा रेलवे को यार्ड रिमॉडलिंग की सौगात दी है. रेलवे बोर्ड की तीसरी एवं फाइनल बैठक में इंटरेक्शन कमिटी ने सहरसा में यार्ड रिमॉडलिंग के लिए 194 करोड़ की राशि की स्वीकृति दे दी है. जिसका लंबे समय से रेलवे को इंतजार था.
रेल सूत्रों की माने तो अब रेलवे बोर्ड की अंतिम बैठक में 15 से 20 दिनों के अंदर यानी अगले महीने तक वर्क ऑर्डर सहरसा रेलवे को भेज दिया जायेगा. इसके बाद टेंडर जारी होगा. सब कुछ ठीक रहा तो जुलाई महीने से काम भी शुरू हो सकेगा. यार्ड रिमॉडलिंग के बाद सहरसा जंक्शन को जोड़ने वाली मानसी सुपौल एवं पूर्णियां रेल खंड की परिचालन व्यवस्था पूरी तरह से बदल जायेगी. तीनों रेल खंड पर कोई भी ट्रेन आउटसाइड नहीं होगी.
विभिन्न राज्यों को जाने वाली गुड्स ट्रेन बायपास लाइन होकर निकल जायेगी. सहरसा जंक्शन से खुलने वाली कोई भी ट्रेन विलंब नहीं होगी. फिलहाल यार्ड रिमॉडलिंग के लिए पहले से ही डीपीआर तैयार कर रेलवे बोर्ड को भेजा जा चुका है. रेलवे बोर्ड की कमिटी प्रारंभिक चरण एवं दूसरे चरण में इस महत्वाकांक्षी परियोजना को अप्रूवल दे चुकी थी. इंटरेक्शन कमिटी की तीसरी बैठक का इंतजार था.
बैठक के बाद दिया गया अप्रूवल
खास बात यह की सहरसा स्टेशन अधीक्षक मनोज कुमार के अथक प्रयास से इस परियोजना को अप्रूवल मिला है. बीते साल जब पूर्व मध्य रेलवे के पीसीओएम मनोज कुमार सहरसा जंक्शन पहुंचे थे इसके बाद ही सहरसा स्टेशन अधीक्षक के साथ बैठक में इस परियोजना पर मोहर लगी थी.
10 प्लेटफार्म के अलावा मिलेगी 15 नयी लाइन
वर्तमान में सहरसा जंक्शन पर कुल सात लाइन हैं. इसके अलावा पांच प्लेटफार्म हैं. करीब 38 से 40 जोड़ी मेल एक्सप्रेस, पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन होता है. रिमॉडलिंग के बाद सहरसा जंक्शन को पांच नए प्लेटफार्म एवं आठ नई लाइन की सौगात मिलेगी. इसके बाद सहरसा जंक्शन पर 10 प्लेटफार्म एवं 15 लाइन होगी. जिससे काफी संख्या में ट्रेनों का परिचालन हो सकेगा.
आउटसाइड नहीं होगी ट्रेन
वर्तमान में सहरसा जंक्शन पर पांच प्लेटफार्म है. जिसमें प्लेटफार्म नंबर एक, दो एवं तीन पर ही लंबी दूरी की ट्रेन को लिया जाता है. कई बार प्लेटफार्म खाली नहीं रहने की वजह से कई ट्रेनों को आउटसाइड कर दिया जाता है. जिसमें 05292 समस्तीपुर सहरसा पैसेंजर ट्रेन, 05539/ 40 पूर्णिया कोर्ट सहरसा पैसेंजर ट्रेन, 13206 पाटलिपुत्र सहरसा जनहित एक्सप्रेस, 05243/44 सहरसा समस्तीपुर पैसेंजर ट्रेन, 05549/50 सहरसा समस्तीपुर सहित कई ट्रेन शामिल है. यह सभी ट्रेन रोजाना सहरसा जंक्शन पर प्लेटफार्म खाली नहीं रहने की वजह से विलंब हो जाती है.
प्लेटफार्म नंबर दो व तीन से निकलेगी दो लाइन व दो नए प्लेटफार्म
रिमॉडलिंग के बाद साथ-साथ जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर दो एवं तीन के बीच से दो नई लाइन बिछायी जायेगी. जहां दो नए प्लेटफार्म बनेंगे. इसके अलावा पुराने माल गोदाम को तोड़कर आगे की ओर शिफ्ट किया जायेगा. वहां भी तीन प्लेटफार्म बनेंगे. प्लेटफार्म नंबर एक के पास एक नई लाइन एवं एक अतिरिक्त प्लेटफार्म का निर्माण होगा. जंक्शन पर कुल 10 प्लेटफार्म होंगे.
गुड्स रैक के लिए बनेंगे प्लेटफार्म
गुड्स रैक के लिए दो अतिरिक्त प्लेटफार्म अलग से बनाए जायेंगे. कोसी क्षेत्र से गेहूं, मक्का सहित कई अन्य खाद्य पदार्थ दूसरे राज्य व नेपाल, बांग्लादेश विदेशों में भेजे जाते हैं. गुड्स रैक के निर्माण से गुड्स ट्रेनों को आने जाने में काफी सहूलियत मिलेगी.
विभिन्न राज्यों के लिए चलेगी ट्रेन
10 नए प्लेटफार्म के निर्माण के बाद सहरसा जंक्शन से परिचालन व्यवस्था पूरी तरह से बदल जायेगी. लंबी दूरी की कई ट्रेनों की सौगात सहरसा जंक्शन को मिलेगी. विभिन्न राज्यों के रेल नेटवर्किंग के क्षेत्र से सहरसा जंक्शन जुड़ जायेगा.
प्लेटफार्म बदलने का नहीं होगा झंझट
प्लेटफार्म की कमी से सहरसा जंक्शन पर कई बार लंबी दूरी की ट्रेनों के प्लेटफार्म में बदलाव होता है. नए प्लेटफार्म एवं नई लाइन मिलने के बाद लंबी दूरी की ट्रेन हमेशा फिक्स प्लेटफार्म से ही खुलेगी.
नई लाइन में यात्रियों को मिलने वाली सुविधा
नये लाइन नंबर एक 686.50 मीटर लंबा हाई लेवल यात्री प्लेटफार्म होगा. लाइन नंबर दो 686.50 मीटर लंबा गुड्स लाइन होगा. लाइन नंबर तीन 750 मीटर लंबा मेन लाइन और गुड्स लाइन होगा. लाइन नंबर चार 755 मीटर लंबा हाई लेवल यात्रियों के लिए प्लेटफार्म होगा. लाइन नंबर दस करीब 793 मीटर लंबा होगी जो हाई लेवल यात्री प्लेटफार्म बनेंगे. लाइन नंबर 11 करीब 750 मीटर लंबा हाई लेवल यात्री प्लेटफार्म होगा. लाइन नंबर 12 करीब 780 मीटर लंबा होगा जो की हाई लेवल यात्री प्लेटफार्म बनेंगे.
यार्ड रिमॉडलिंग में लाइनों की संख्या
लाइन नंबर पांच 445 मीटर लंबा, लाइन नंबर छह 306 मीटर लंबा, लाइन नंबर सात 661 मीटर लंबा, लाइन नंबर आठ 710 मीटर लंबा, लाइन नंबर नौ 1132 मीटर लंबा एवं होल्डिंग लाइन करीब 1000 मीटर लंबा होगा.
लाइनों के लिए की गयी रिमार्क
लाइन नंबर पांच गुड्स रैक एवं हैडिंग प्लेटफार्म, लाइन नंबर छह गुड्स रैक हैडिंग प्लेटफार्म, लाइन नंबर सात सैलून सीडिंग, लाइन नंबर आठ शटिंग नेक, लाइन नंबर नौ इंजीनियरिंग सीडिंग प्लेटफार्म 690 मीटर लंबा, होल्डिंग लाइन में कीप आर्ट और अन्य कोचिंग स्टॉक होगा.
अन्य नई लाइन में मिलने वाली सुविधा
चार फूल लंबी स्टेबलिंग लाइन डायरेक्ट पिट लाइन से कनेक्ट होगी. एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन यान और ए आरएमआई के लिए डबल लाइन की एंट्री व एग्जिट होगी. इंजन सेटिंग एवं टावर वैगन के लिए अलग से अतिरिक्त लाइन होगी.
कारू खिरहर को नहीं किया गया शामिल
सहरसा कारू खिरहर हॉल्ट बाईपास लाइन को यार्ड रिमॉडलिंग प्रपोजल में शामिल नहीं किया गया है. रेल अधिकारियों ने बताया कि इस बाईपास लाइन का फिर से नया प्रस्ताव तैयार किया जायेगा. जिसे अप्रूवल के लिए रेलवे बोर्ड भेजा जायेगा. इसके बाद अप्रूवल मिलते ही टेंडर जारी कर इस पर काम शुरू किया जायेगा.