एप से ऑनलाइन हाजिरी दर्ज कराना शिक्षकों के लिए बनी समस्या, दायरे से पांच सौ मीटर बताता है बाहर, शिक्षकों में बढ़ रहा आक्रोश

एप से ऑनलाइन हाजिरी दर्ज कराना शिक्षकों के लिए बनी समस्या, दायरे से पांच सौ मीटर बताता है बाहर, शिक्षकों में बढ़ रहा आक्रोश

By Prabhat Khabar Print | July 2, 2024 5:49 PM

पतरघट. शिक्षा विभाग नें सरकारी स्कूलों के सभी शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों की हाजिरी एप से ऑनलाइन दर्ज कराना अनिवार्य कर दिया गया है. विभाग का साफतौर पर निर्देश है की आनलाइन हाजिरी नहीं बनाने वाले शिक्षकों का वेतन भुगतान किसी भी सूरत में नहीं किया जायेगा. ऐसे में सवाल यह उठता है की जब एप पूरी तरह से काम नहीं करेगा तो शिक्षक आनलाइन हाजिरी कैसे बना पायेंगे. जबकि 25 जून से ही ई शिक्षा कोष सर्वर और एप में तकनीकी खराबी होने से शिक्षकों को आनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. शिक्षक ससमय स्कूल तो पहुंच रहे हैं. बावजूद वो ससमय अपनी हाजिरी नहीं बना पा रहे हैं. सबसे अधिक व ज्यादा समस्या एप में लोकेशन को लेकर आ रही है. एप द्वारा अधिकांश स्कूल में शिक्षक उपस्थित रहने के बाद भी लोकेशन सही नहीं बता रहा है. शिक्षकों के स्कूल में रहने के बावजूद भी लोकेशन लगभग 500 मीटर के दायरे से बाहर शो करता है. पोर्टल के सही तरीके से संचालन को लेकर विभाग द्वारा शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया था. साथ ही बिहार शिक्षा परिषद के द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर कहा कि उन्हीं शिक्षकों के वेतन की अनुशंसा विभाग द्वारा किया जायेगा जिनकी उपस्थिति विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन दर्ज होगी. विभाग शिक्षकों को प्रशिक्षण दिए जाने के लिए सभी प्रखंडों में मास्टर ट्रेनर के माध्यम से एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कर आनलाइन हाजिरी बनाए जाने के तौर तरीके के संबंध में विस्तृत जानकारी भी दिया. विभाग के द्वारा दिए गये निर्देश में कह कि जहां कहीं किसी भी स्कूल में किसी भी शिक्षक को आनलाइन हाजिरी बनाने में परेशानी महसूस हो रही है तो संबंधित मास्टर ट्रेनर से संपर्क स्थापित कर उक्त समस्या का समाधान करा सकते हैं. लीव ऑप्शन नहीं रहने से बढ़ी परेशानी इस बाबत अंचल प्राथमिक शिक्षक संघ अध्यक्ष दीपक कुमार सिंह ने बताया की ई शिक्षा कोष स्टूडेंट इनराॅलमेंट टीचर स्कूल पीएम पोषण योजना सेफ शटर डे स्पोर्ट्स एसेसमेंट राइज टिकट का आप्शन तो मौजूद है. बावजूद लीव को लेकर ऑप्शन नहीं दिया गया है. शिक्षकों में लीव ऑप्शन नहीं होने के कारण उन्हें परेशानी आ रही है. उन्होंने बताया की जब सभी शिक्षक अपनी उपस्थिति विभाग द्वारा दिए गये दिशा निर्देश के अनुसार आनलाइन बनाए जाने का निर्देश दिया गया है तो लीव के लिए आवेदन भी आनलाइन ही देना तर्कसंगत है. वहीं इससे इतर इस एप को गुगल मैप से जोड़ना अति आवश्यक है. दायरे से पांच सौ मीटर दूर दिखता है लोकेशन स्कूल में मौजूद रहने के बावजूद भी शिक्षकों को लोकेशन सही तरीके से नहीं मिल रहा है. लोकेशन 500 मीटर दूर बताया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इसे गुगल मैप से जोड़ दिया जाय तो यह एप बायोमेट्रिक अटेंडेंस से बेहतर विकल्प साबित होगा. उन्होंने बताया की शिक्षा विभाग सभी स्कूलों में वाई फाई की सुविधा उपलब्ध करवा दें तो सभी शिक्षकों के लिए बेहतर साबित होगा. प्राप्त जानकारी के अनुसार शिक्षकों की आनलाइन हाजिरी बनाए जाने में हो रही समस्या को दूर किए जाने के लिए शिक्षा विभाग के द्वारा जिला स्तर पर निगरानी कोषांग का गठन किया गया है. उसमें शिक्षकों को आनलाइन हाजिरी बनाए जाने में हो रही परेशानी को दूर किया जायेगा. शिक्षा विभाग के कर्मियों ने बताया कि जब तक सभी शिक्षक दक्ष नहीं हो जायेंगे तब तक वह अपनी उपस्थिति आनलाइन व ऑफलाइन दर्ज करा सकते हैं. उन्होंने बताया की ऑफलाइन हाजिरी के लिए विभाग द्वारा शिक्षकों को सिर्फ तीन माह का समय दिया गया है. इसके बाद शिक्षक ई शिक्षा कोष पर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं करेंगे तो उनका वेतन भुगतान नहीं किया जायेगा. प्रखंड स्तर पर मास्टर ट्रेनर हैं तैनात इस बाबत प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी नवल किशोर झा ने बताया की शिक्षकों को ई शिक्षा कोष पर आनलाइन हाजिरी बनाए जाने में जो भी समस्या आ रही है तो संबंधित शिक्षक उसी दौरान ई शिक्षा कोष के पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत प्रखंड, जिला व प्रदेश स्तर तक लिखकर भेज सकते हैं. उन्होंने बताया की विभाग द्वारा सभी शिक्षकों को इस संबंध में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कर प्रशिक्षित किया गया है. उन्होंने कहा कि बावजूद शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी के संबंध में हो रही परेशानी को लेकर विभाग गंभीरता से लेते समाधान का हरसंभव प्रयास कर रहा है. समाधान के लिए प्रखंड स्तर पर मास्टर ट्रेनर को भी तैनात किया गया है. जिससे संबंधित शिक्षक संपर्क स्थापित कर समाधान करा सकते हैं एवं तकनीकी विशेषज्ञ भी सतत प्रयत्नशील हैं.

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