सनातन धर्म में भगवाध्वज का बहुत महत्व
साप्ताहिक शाखा में भगवा ध्वज व गुरू की महिमा पर चर्चा आयोजित
साप्ताहिक शाखा में भगवा ध्वज व गुरू की महिमा पर चर्चा आयोजित सहरसा . राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा रविवार को महावीर मंदिर में साप्ताहिक शाखा का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मुख्य शिक्षक सुभाष चंद्र झा के संचालन व नगर संघचालक ई रामेश्वर ठाकुर के निर्देशन में विविध कार्यक्रम आयोजित किया गया. डॉ मुरारी कुमार ने सुक्ष्म योग प्रणायाम, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी व ओंकार ध्वनि का सामूहिक उच्चारण कराया. साथ ही एकात्मता स्त्रोत, सूर्य नमस्कार मंत्र, अमृत वचन, सुभाषित, एकल गीत, सामूहिक गीत व हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में बौद्धिक देते डॉ कुमार ने कहा कि सनातन धर्म में भगवा ध्वज का बहुत महत्व है. यही कारण रहा कि भगवान राम ने इस ध्वज की पूजा अर्चना कर धारण किया. वहीं महाभारत युद्ध में अर्जुन के रथ पर भगवा ध्वज स्थापित किया. साथ ही हनुमान ने भी इस भगवा ध्वज को सदैव धारण किया. उन्होंने कहा कि भगवा ध्वज त्याग, तपस्या व समर्पण का रंग है. इसके नयनाभिराम दर्शन मात्र सें सारे क्लेश का हरण हो जाता है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार ने किसी व्यक्ति को गुरू नहीं बनाया. बल्कि तत्व के रूप में भगवा ध्वज को गुरु माना. जो सदैव प्रेरणादायक हैं. यही कारण है कि संघ विगत 99 वर्षों से अखंड, अटूट, अविरल साधना में तल्लीन है. उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवक भगवा ध्वज के प्रति सर्वस्व समर्पण कर अपनी गुरु दक्षिणा की राशि अर्पित करते हैं. संघ पैसे के लिए नही समाज व व्यक्ति को संगठित करते हैं. वहीं नियमित शाखा के माध्यम सें व्यक्ति में चरित्र निर्माण किया जाता है. मौके पर जिला सह संघचालक डॉ मुरलीधर साहा, डॉ अरुण कुमार सिंह, डॉ रंजीत सिंह, संतोष कुमार झा, अवधेश कुमार झा, सुरेंद्र भगत, प्रो ज्योति श्रीवास्तव, उदाहरण भगत, श्रवण कुमार, प्रवीण कुमार, संजय कुमार सहित अन्य मौजूद थे.
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