Saharsa News : नजरों से ओझल हो रहे शहतूत और जिलेबी

गर्मी के दिनों में मिलने वाले मौसमी फलों का सेवन शरीर को दुरुस्त रखता है. अब शहतूत, जिलेबी, निबोली आदि सहरसा जिले के बाजार में नहीं मिलते. इन फलों के बारे में नये बच्चे जान भी नहीं पाते.

By Sugam | June 25, 2024 7:05 PM

Saharsa News : सिमरी बख्तियारपुर. गर्मी के मौसम में खुद को स्वस्थ रखने के लिए कुछ ऐसे मौसमी फल का सेवन जरूरी है, जो लू, डिहाइडेशन, उल्टी, थकान और पेट की समस्याओं से बचाते हैं. हालांकि कुछ फल अब बाजार में नहीं दिखते हैं. इनमें शहतूत, चिलबिल, जंगल जलेबी, निबोली, खिरनी आदि फल शामिल है. पहले ये सभी फल बाजार में उपलब्ध थे. इनके सेवन से जहां इम्युन सिस्टम मजबूत होता है, वहीं ये औषधीय गुणों से भी भरपूर होते हैं.ऐसे ही कुछ फल अब बाजार से लगभग गायब से हो गये हैं.

कभी जिले में खूब बिकते थे शहतूत

शहतूत को मलबेरी के नाम से भी जाना जाता है, जो देखने में गाढ़ा लाल-बैंगनी और खाने में खट्टा-मीठा होता है. शहतूत में कई जरूरी पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं जो इसे कई गंभीर समस्याओं के लिए उपयोगी औषधि बना देते हैं. सेहत के साथ-साथ इसका उपयोग त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद माना गया है. इसमें विटामिन ए, सी और ई के साथ-साथ आयरन, वैल्शियम और मैग्नीशियम भी भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं.

नयी पीढ़ी को पता भी नहीं खिरनी

खिरनी के बारे में शायद नयी पीढ़ी को जानकारी न हो. जबकि गर्मी का सीजन शुरू होने के साथ ही सहरसा के विभिन्न बाजार में यह उपलब्ध हो जाता था. खून साफ करने के गुण के कारण फेकड़ों और हार्ट के लिए यह फायदेमंद माना जाता है. फल खांसी जुकाम, सांस की परेशानी बुखार आदि से लड़ने में भी मदद कर सकता है. खिरनी में विटामिन सी अच्छी मात्रा में होता है, इसलिए इसके सेवन से इम्यूनिटी अच्छी होती है और चेहरे पर चमक आती है.

गांवों के लोग जानते हैं चिलबिल

गांवों में रहने वाले लोग चिलबिल से भली-भांति परिचित होंगे. यह कभी औषधि के रूप में बाजार में बिकते थे, गोलाकर कागज की तरह छाल के बीच में निकलने वाले दाने को काजू व बादाम भी कहा जाता था. यह पीलिया, शुगर, गठिया रोग, पेट खराब, त्वचा रोग या एक्जिमा जैसे कई रोग को कंट्रोल करने में रामबाग है.

जंगली जलेबी में पाये जाते हैं औषधीय गुण

जंगली जलेबी में बहुत सारे औषधीय गुण पाये जाते हैं, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. यह फल आमतौर पर अप्रैल से जून के महीने में होता है. यह कोलेस्ट्रॉल और शुगर को तेजी से कंट्रोल करने में मदद कर सकता है. जलेबी में विटामिन सी, प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, आयरन, थायमिन, राइबोफ्लेविन जैसे कई तरह के पोषक तत्व पाये जाते हैं. जो हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम को ठीक करने में मदद करते है.

निबोली बढ़ाती है इम्यूनिटी

गांव में रह रहे लोग नीम के फल (निबोली) को खूब खाते थे. लेकिन वर्तमान में न नीम के पेड़ का संरक्षण हो रहा और न ही कोई इसके प्रति रुचि रख रहा है. निबोली खाने में कड़वी होती है, लेकिन इनमें विटामिन सी, एंटीऑक्सिडेंट्स, एंटी – बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाये जाते हैं. निबोली खाने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है, ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलता होती है.

पेट के लिए अमृत है बेल

गर्मी से राहत पाने के लिए बेल खा सकते हैं या इसका शरबत भी पी सकते हैं. इस मौसम में बेल खाने के बड़े फायदे हैं. इसके सेवन से कई तरह की बीमारिथी से बचा जा सकता है. यह पेट से जुड़ी समस्या की कम करने में मददगार है. इस फल में फाइबर, विटामिन और अन्य सभी पोषक तत्थ पाये जाते है, जो शरीर के लिए आवश्यक है.

कई बीमारियों से बजाता है जामुन

जामुन खाने के फायदे बड़े फलों से भी ज्यादा है. ये गांर्मियों का एक पैसा कल है जिसमें बहुत सारे गुण शामिल है. जामुन में भरपूर मात्रा मैं कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम सोडियम, फॉस्फोरस, विटामिन सी.पटीऑक्सीडेंट जैसे जरूरी पोषक तत्व पाये जाते हैं. कई ऐसे वैज्ञानिक शोध भी मिले हैं, जिसमें यह पाया गया है कि यह हमारे शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मदद कर सकता है.

ताड़ का कोवा ठीक करता है पाचन क्रिया

पेट को ठंडा करने में ताड़ के कोवा के फायदे अनेक है. इसे खाने से डाइजेस्टिव एंजाइम्स बढ़ाने में मददगार है. पाचन क्रिया को सही करने में भी मददगार है.

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