Saharsa news : जिले में मॉनसून के बाद से ही नगर निगम निगम लाचार दिख रहा है. बारिश के कारण जहां गर्मी व उमस से लोगों को राहत मिली है, वहीं घर से बाहर निकलने पर यह राहत शहरी लोगों को भारी पड़ रही है. कारण, जलनिकासी की उचित व्यवस्था नहीं होने से शहर की सड़कें झील में तब्दील हो गयी हैं. लोगों का राह चलना मुश्किल हो गया है. नालों के ओवरफ्लो होने से पानी के साथ गंदगी भी सड़क फैल गयी है. गली-मुहल्लों में भी पानी जमा होने से लोग नगर निगम को काेस रहे हैं. ऐसा नहीं है कि यह पहली बार है, बल्कि हर वर्ष बारिश के मौसम में शहर का यही हाल होता है. पर, संबंधित अधिकारी व कर्मी इससे सबक नहीं लेते हैं और इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ताहै. बुधवार से लगातार हो रही मध्यम व तेज बारिश ने शहर के लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. बारिश से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली है, वहीं किसानों के लिए वरदान साबित हुआ है.
लगातार हो रही बारिश से सड़कें बनीं झील
पिछले तीन दिनों की बारिश से सहरसा के लगभग सभी वार्डों में जलजमाव की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है. बच्चों से लेकर बूढ़े तक इस परेशानी से जूझने को विवश हैं. निगम की यह समस्या वर्षों पुरानी है. सभी चुनाव में इस पर अपनी रोटी सेंककर चुनाव की नैया जरूर पार लगाते हैं, लेकिन अगले पांच वर्षों तक लोगों को फिर से इसी भंवर में छोड़ जाते हैं. मॉनसून के प्रवेश से पहले प्रति वर्ष कागजों पर पूरी तैयारी की जाती है, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं होने से निगम वासी जल जमाव की समस्या झेलने को विवश हैं.सड़कों पर छोटे वाहनों के पलटने से लोग घरों के बदले अस्पताल अवश्य पहुंच रहे हैं. बुधवार से झमाझम बारिश ने निगम क्षेत्र में जलजमाव की गंभीर समस्या खडी कर दी है. न्यू कॉलोनी, नया बाजार, सराही, गंगजला, विद्यापति नगर, हटियागाछी, कोसी चौक, शिवपुरी, बटराहा सहित अन्य मुहल्ले में भी जल जमाव से लोग परेशान हैं. जलनिकासी की व्यवस्था नहीं होने से दुर्गा पूजा में श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
निगम नाले की नहीं है कनेक्टिविटी
नगर निगम द्वारा शहरी क्षेत्र के कुछ थोड़े वार्डों में नाला का निर्माण पूर्व में किया गया है. बारिश को देखते हुए इन नालों की सफाई भी पूरी तरह निगम द्वारा नहीं की गयी. इस नाले के पानी के बहने का कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गयी. नाले का शुरू एवं अंतिम का छोर पूरी तरह आज भी बंद हैं. जिससे जल निकासी होना कहीं से संभव नहीं है. ऐसे में इन नालों के भरोसे पानी शहर से निकाल पाना संभव नहीं है. जबकि शहर के अधिकांश वार्डों में किसी प्रकार का नाला तक नहीं बना है. नाला नहीं रहने के कारण जल जमाव के हालात बन गये हैं. वहीं कुछ जगहों पर नाला तो निर्माण किया गया है. लेकिन नाले का निर्माण सही नहीं रहने से जल जमाव की समस्या बनी है.
सभी वार्डों में है जलजमाव की स्थिति
शहरी क्षेत्र के लगभग सभी वार्डो में जलजमाव की स्थिति है. शहर के मुख्य सड़क से लेकर सभी वार्डों में जलजमाव पूर्व से ही होता आ रहा है. इस जल जमाव की समस्या को दूर करने के लिए पूर्व जिलाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल के अथक प्रयास से मास्टर प्लान बनाया गया, जिसके कार्य की स्वीकृति बुडको को दी गयी. कार्य बडे तामझाम से लगभग सात वर्ष पूर्व शुरू किया गया. पर, पहले चरण के बाद दूसरे चरण का कार्य अब तक शुरू नहीं हो सका. शहरी क्षेत्र के नया बजार, गांधी पथ, रिफ्यूजी कॉलोनी, कोशी काॅलोनी, गंगजला, गौतम नगर, पंचवटी चौक, बटराहा, अली नगर, मीर टोला, महावीर चौक, हटिया गाछी, तिवारी टोला, सहरसा बस्ती सहित कई अन्य वार्डों में अत्यधिक जल जमाव होता है.थोडी सी बारिश में ही लोगों का घरों से निकलना कठिन हो जाता है. ऐसे में एक बार फिर से शहर के आधे से अधिक वार्ड जल जमाव की चपेट में आ गये हैं.
छोटी नालियों की भी नहीं है कनेक्टिविटी
नगर निगम द्वारा गली-मुहल्लों में छोटी-छोटी नालियां तो बना दी गयी हैं, लेकिन इसकी कनेक्टिविटी बड़े नालों के साथ नहीं की गयी है. नाला बनाकर मुहल्ले के दूसरे छोर पर खुला छोड़ दिया गया है. इसके कारण लोगों के घरों का पानी ओवरफ्लो होकर गली-मुहल्लों में बहता रहता है. शहर के कई मुहल्लों में नगर निगम द्वारा राशि के बंदरबांट करने के लिए बिना किसी प्लानिंग के नाला बना दिया गया है, जो लोगों के लिए जी का जंजाल बन गया है.
सड़क से ऊंचा बना दिया गया है नाला
बरसात के मौसम तो दूर यहां बैसाख के महीने में भी लोग जल जमाव से परेशान रहते हैं. कई मोहल्लों की गलियां नाली के पानी से पटी रहती है. नालियों के सड़ांध पानी से मोहल्ले का माहौल बदबूदार रहता है. बारिश में घुटने भर नालियों के पानी से होकर लोग आवाजाही करने को विवश हैं. गली हो या मुख्य सड़क संवेदक द्वारा सड़क से नाले को ऊंचा बना दिया गया है.सड़क से ऊंचा नाला बनाने से सड़क के पानी निकासी की समस्या भी गंभीर है. इसके कारण जरा सा बारिश होने पर शहर पानी पानी हो जा रहा है.
तेज बारिश से बढ़ी लोगों की समस्या
लगातार बारिश से निगम क्षेत्र के लोग कराहने लगे हैं. पिछले तीन दिन से हो रही बारिश ने शुक्रवार को भयानक रूप धारण कर लिया. सुबह से हो रही लगातार बारिश दोपहर में थमी, लेकिन दोपहरबाद शुरू हुई झमाझम बारिश देर शाम तक जारी रही. अगवानपुर कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम विभाग के तकनीकी पदाधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि मंगलवार की रात्रि जहां 25 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गयी. वहीं बुधवार को 36 एमएम, गुरुवार को 49 एमएम एवं शुक्रवार को 73 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गयी है, जिसके बढ़ने की संभावना है. क्योंकि बारिश लगातार जारी है. पिछले तीन दिनों में लगभग 183 एमएम बारिश दर्ज की गयी है. अगले दो दिन भी मध्यम से तेज बारिश की संभावना है. ऐसे में लोगों को आगे भी जल जमाव की समस्या से जूूूझनापडेगा. जिससे निगम क्षेत्र में जल जमाव की गंभीर समस्या होने की संभावना है. क्षेत्र के अधिकांश वार्ड जल जमाव की चपेट में हैं. जिससे सबसे बड़ी समस्या आवागमन की बन गयी है.
नगर परिषद से नगर निगम बनने का कोई फायदा नहीं
पिछले वर्ष शहरी क्षेत्र को नगर परिषद से नगर निगम में प्रोन्नति मिली. इससे लोगों को लगा कि अब शहरी क्षेत्र की सबसे बडी समस्या जलजमाव से शायद मुक्ति मिल जायेगी. पर, एक वर्ष बाद भी जलजमाव के समाधान की दिशा में कोई कार्य नहीं किया गया. शहरी क्षेत्र का शायद ही कोई वार्ड हो, जहां जलजमाव की समस्या नहीं है. शहरी क्षेत्र के न्यू कॉलोनी, गांधी पथ, नया बाजार, शिवपुरी, कोसी चौक, गंगजला, हटिया गाछी, तिवारी टोला, बस्ती सहित निगम क्षेत्र में पहली बार जुडे दर्जनों मुहल्ले जल जमाव की गंभीर समस्या से जूझते रहे हैं. हल्की बारिश से ही इस क्षेत्र के लोगों का घरों से निकलना कठिन हो जाता है. साथ ही दुर्घटनाओं का सिलसिला भी बढ़ जाता है. इसके बावजूद जलजमाव के समाधान की दिशा में आज तक कोई कार्य नहीं हो सका है. जो थोडे नालों का निर्माण हुआ है, उसे सही कनेक्टिविटी तक नहीं दी गयी है. इससे समस्या खत्म होने के बदले गंभीर हो गयी है.
लगातार हो रही बारिश से कई घर गिरे
लगातार हो रही बारिश से सौरबाजार प्रखंड में कई घर धराशायी हो गये, तो कई सड़कों पर जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो गयी है. इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जहां सड़क की सुविधा उपलब्ध नहीं है, उस टोले-मुहल्ले के लोगों को साइकिल, मोटरसाइकिल तो दूर, पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. प्रखंड क्षेत्र के चंदौर पूर्वी पंचायत स्थित वार्ड 7 डीह टोला में गुरुवार की देर रात लगातार हो रही बारिश में कच्ची दीवार व खपरैल से बने घर धराशायी हो गये. गुलाबचंद्र राम की पत्नी मंजू देवी ने बताया कि गुरुवार की रात हो रही बारिश में अचानक दीवार गिर गयी. जान बचाकर बाहर निकली और घर धराशायी हो गया. बगल के रंजय राम की पत्नी लता देवी का घर भी गिर गया. घटना की सूचना सीओ को दी गयी है. सौर बाजार-पतरघट रोड में जीरोमाइल चौक पर जलजमाव की समस्या से स्थानीय दुकानदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.सहुरिया पूर्वी के वार्ड 13 के सैकड़ों परिवारों को मुख्य सड़क तक जाने का कोई रास्ता नहीं है. पगडंडी से 3 से 4 फीट पानी से आवाजाही को लोग मजबूर हैं. इसके कारण मरीजों एवं स्कूली बच्चों को परेशानी उठानी पड़ रही है.