Saharsa News : सहरसा. विद्युत विभाग दिन प्रतिदिन हाइटेक हो रहा है. लेकिन उपभोक्ताओं तक यह हाइटेक व्यवस्था पहुंचने में वर्षों लग जा रहे हैं. इससे उपभोक्ता इन हाइटेक सुविधाओं से वंचित हैं. हालांकि बिजली की उपलब्धता में काफी सुधार हुआ है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुविधा बहाल हुई है. लेकिन आज भी बुनियादी सुविधा का अभाव है. ग्रामीण क्षेत्रों की कौन कहे शहरी क्षेत्र में भी बांस-बल्ले के सहारे लोग अपने घरों में बिजली जलाने को विवश हैं. हालात यह है कि सड़कों पर झूलते तार नजर आते हैं. इसे देखने वाला कोई नहीं है. दर्जनों वार्ड में आज भी नंगे तार पोल पर झूलते हैं. जबकि कवर वायर लगाने का कार्य किया गया था, जो आधा अधूरा ही छोड दिया गया. इधर विभाग द्वारा उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर जोरों से लगाया जा रहा है. यू कहें कि जबरन लगाया जा रहा है. लेकिन सुविधा के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता है. उपभोक्ता बिजली के खंभों व जर्जर तार बदलने के लिए आवेदन के साथ गुहार लगाते हैं. लेकिन उपभोक्ताओं की आवाज नजरअंदाज कर दी जाती है.
थोड़ी-सी हवा चली नहीं कि घंटों काट देते हैं बिजली
अब लगभग सभी घरों में चापाकल की जगह मोटर लगे हैं. जो बिजली पर ही चलते हैं. खेती किसानी भी बिजली के पंपों पर ही निर्भर है. लेकिन सड़कों पर लटके हाई वोल्टेज तार से लोगों की जान सांसत में रहती है. बिजली के कारण दुर्घटनाएं आम हो गयी हैं. बिजली के कारण घरों में आग लगने से लेकर सड़कों पर झूल रहे हाई टेंशन तार, एलटी के नंगे तार से लोगों की जान जा रही है. शहरी क्षेत्र के दर्जनों वार्ड में बांस के सहारे लंबी दूरी तक लोग नंगे तार ले जाकर विद्युत का उपभोग करने पर विवश हैं. लेकिन विभाग सिर्फ आमदनी पर ध्यान दे रहा है. शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर हैं. लेकिन जवाबदेह शिकायतों को अनसुना करते हैं. जबकि राजस्व वसूली में यह जिला अव्वल है. शहरी क्षेत्र के 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं के घरों में प्रीपेड मीटर लग गये हैं. लोग अग्रिम भुगतान कर रहे हैं. लेकिन सुविधा में कोई खास अंतर नहीं हुआ है. थोडी-सी हवा चली नहीं कि घंटों विद्युत आपूर्ति ठप कर दी जाती है. जो घंटों तक यूं ही बनी रहती है. गर्मी में आपूर्ति में लोड सेडिंग का खेल शुरू रहता है. फॉल्ट की बात कह घंटों विद्युत आपूर्ति बाधित रहती है.
बांस के खंभों से होती हैं दुर्घटनाएं
शहरी क्षेत्र की सड़कों के किनारे यूं ही सैकड़ों की संख्या में विद्युत पोल पडेहैं. इसके बावजूद भी बांस के सहारे विद्युत आपूर्ति हो रही है. इससे आये दिन दुर्घटना होती रहती है. कभी बच्चे, कभी बूढ़े, महिलाएं या फिर पशु इनकी चपेट में आकर अपनी जान तक गंवा देते हैं.थोड़ी देर हंगामे के बाद परिस्थिति सामान्य हो जाती है. विभाग फिर से सुस्त पड़ जाता है. शहर के शिवपुरी मुख्य बाइपास सड़क किनारे आज भी बांस बल्ले के सहारे लोग विद्युत का उपयोग कर रहे हैं. इस रास्ते शहर के पदाधिकारियों एवं विद्युत विभाग के अधिकारियों के वाहन भी गुजरते हैं. लेकिन इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है. यहां लोग वर्षों से बांस-बल्ले के सहारे विद्युत का उपयोग हैं.
सड़कों पर झूलते हैं हाइटेंशन तार से होती हैं दुर्घटनाएं
सहरसा के गली-मुहल्ले की कौन कहे मुख्य सड़कों पर भी हाई टेंशन तार एवं एलटी तार जहां-तहां नजर आते हैं. इससे वाहनों को भी खतरा बना रहता है. दुर्घटनाएं भी होती हैं. पिछले वर्ष रिफ्यूजी काॅलोनी के निकट दिल्ली की एक बस के हाई टेंशन तार में सट जाने से दर्जनों लोग जख्मी हो गये थे. संयोग रहा कि किसी की मौत नहीं हुई. वहीं बनगांव महिषी के रास्ते में एक टेंपो के झूलते एलटी तार में सट जाने से सवार लोग जख्मी हो गये थे. अभी हाल ही में सुखासन गांव में करेंट की चपेट में आने से मां-बेटी की दर्दनाक मौत हो गयी. इस तरह की अन्य कई घटनाएं हो चुकी हैं. शहरी क्षेत्र में घरों के ऊपर से एलटी एवं हाई टेंशन तार तक गुजरे हैं. नीचे कच्चे व पक्के घर बनाये गये हैं. बरसात के मौसम में इन घरों में करेंट तक प्रवाहित होते हैं. जान माल का खतरा हमेशा बना रहता है. इसकी शिकायत पर विभाग संज्ञान नहीं लेता. इससे जान-माल की क्षति होती है. घंटों विद्युत आपूर्ति भी बाधित होती है. उपभोक्ता परेशानी झेलते हैं.
लूज वायरिंग व शॉर्ट सर्किट से हो रहीं घटनाएं
विभागीय जांच की रफ्तार धीमी रहने से बिजली चोरी हो रही है. वहीं इससे होने वाले शॉर्ट सर्किट से बड़ी क्षति भी होती है.लूज कनेक्शन वाले को भी उपभोक्ता बना दिया जाता है. जिससे आग लगने की घटनाएं बढ़ गयी है. हाल ही में लूज वायरिंग के कारण सदर एसडीओ कार्यालय के निकट बिजली की शॉर्ट सर्किट के कारण लगी आग से लाखों के सामान जल गये. रिफ्यूजी काॅलोनी में शॉर्ट सर्किट से एक दुकान में लगी आग से लाखों की क्षति हुई. जिले में जितनी भी आग लगने की घटनाएं हो रही हैं उसमें लगभग आधी घटनाएं बिजली की शॉर्ट सर्किट से हो रही हैं. नियमित जांच से घटनाओं में कमी आ सकती है.
स्मार्ट मीटर लगने से कम हुई अनावश्यक खपत : ईई
मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत पिछले तीन वर्षों से नगर निगम क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाने का काम जारी है. लेकिन हालात यह है कि अब तक 50 प्रतिशत घरों में ही यह स्मार्ट मीटर लगाया जा सका है. कार्यपालक अभियंता विद्युत अमित कुमार ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगने से अनावश्यक विद्युत की खपत कम हो रही है. साथ ही बिजली बिल के लिए भागदौड़ की जरूरत नहीं है. उपभोक्ताओं की शिकायत भी समाप्त हो रही है. वहीं राजस्व संग्रह आसान हुआ है. इससे पूर्व मीटर रीडिंग को लेकर शिकायत लगातार मिल रही थी. अधिक बिल एवं विभाग में भ्रष्टाचार के मामले लगातार उठ रहे थे. अब इन सभी पर विराम लग रहा है. जिले के नगर निगम क्षेत्र, सिमरी बख्तियारपुर नगर परिषद क्षेत्र एवं सभी नगर पंचायत क्षेत्र में कुल 56 हजार से अधिक स्मार्ट मीटर लगायेजायेंगे. कार्य को छह महीने में पूरा किया जाना था. लेकिन निर्धारित समय में इसे पूर्ण नहीं किया जा सका है. जबकि प्रीपेड मीटर लगाने के लिए तेज गति से कार्य किया जा रहा है. प्रथम चरण में नगर निगम क्षेत्र में प्रीपेड मीटर लगाने का कार्य किया जा रहा है. प्रीपेड मीटर सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान व घरों में लगाने का कार्य जारी है. ईसीएल कंपनी द्वारा स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है. इस प्रीपेड मीटर से विद्युत दुरुपयोग समाप्त हो जायेगा.
प्रथम चरण में शहरी क्षेत्र में लग रहे स्मार्ट मीटर
कार्यपालक अभियंता विद्युत अमित कुमार ने बताया कि प्रथम चरण में नगर निगम, नगर परिषद एवं नगर पंचायत में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य होना है. इसके तहत सहरसा शहरी क्षेत्र में घरेलू कोटे के 26328 एवं व्यवसायिक कोटे के 6124 कुल 32452 प्रीपेड मीटर लगेंगे. इसमें अबतक लगभग 15 हजार प्रीपेड मीटर लगाया जा चुका है एवं लगाने का कार्य जारी है. वहीं सिमरी बख्तियारपुर नगर परिषद क्षेत्र में घरेलू कोटे के 7720 एवं व्यवसायिक कोटे के 1595 कुल 9315 प्रीपेड मीटर लगायेजायेंगे. बनगांव नगर पंचायत में घरेलू कोटे के 3216 एवं व्यवसायिक कोटे के 823 कुल 4039, सौर बाजार नगर पंचायत के घरेलू कोटे से 2897 एवं व्यवसायिक कोटे से 408 कुल 3305, सोनवर्षा नगर पंचायत घरेलू कोटे के 2890 एवं व्यवसाय कोटे से 606 कुल 3496, नवहट्टा नगर पंचायत के घरेलू कोटे के 3012 एवं व्यवसाय कोटे के 489 पुल 3501 प्रीपेड मीटर लगायेजायेंगे. घरेलू कोटे से कुल 46063 एवं व्यवसायिक कोटे से 10045 प्रीपेड मीटर लगेंगे. जिले के सभी शहरी क्षेत्रों में कुल 56108 प्रीपेड मीटर लगायेजायेंगे. इसके बाद दूसरे चरण में ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रीपेड मीटर लगाने का कार्य शुरू होगा.