यह कैसा शहर, पगडंडी होकर करनी पड़ती है आवाजाही
यह कैसा शहर, पगडंडी होकर करनी पड़ती है आवाजाही
लक्ष्मी नगर मुहल्ला के लोग नगरीय सुविधा से वंचित सहरसा.शहर के उत्तरी छोर पर स्थित लक्ष्मी नगर मुहल्ला नगरीय सुविधा से वंचित है. हजारों की आबादी वाले मुहल्ला वासियों को आज तक पगडंडी होकर आवाजाही करनी पड़ती है. शिवपुरी ढाला से रेलवे लाइन के बगल से लोग कच्ची सड़क होकर जाते हैं. इस सड़क के आलावा दूसरा कोई मार्ग नहीं है. इस सड़क से प्रतिदिन सुखासन नंदलाली, जरसैन के हजारों लोग जर्जर सड़क होकर जान हथेली पर रखकर आवाजाही करते हैं. बरसात के समय कच्ची सड़क कीचड़ में तब्दील हो जाती है. जिसके कारण लोग रेलवे की पटरी होकर आवाजाही करते हैं. पटरी होकर आवाजाही के दौरान कई लोगों की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गयी है. मत्स्यगंधा झील के किनारे निजी विद्यालय है. जिसमें शहर के हजारों बच्चे पढ़ने जाते हैं. निजी विद्यालय में सरकार द्वारा कई परीक्षा का केंद्र बनाया जाता है. दूर-दराज के परिक्षार्थी केंद्र में परीक्षा देने आते हैं. जर्जर कच्ची सड़क होने के कारण कोई सवारी विद्यालय तक जाना नहीं चाहता है. जिसके कारण अभ्यर्थियों को एक किलो मीटर पैदल चलकर परीक्षा केंद्र पहुंचना पड़ता है. लोगों ने बताया कि मुहल्ला आने जाने का एक मात्र यही रास्ता है. ये रास्ता रेलवे की जमीन पर है. अगर जिला प्रशासन मत्स्यगंधा झील में पुल बना दे तो झील का सौंदर्यीकरण भी हो जायेगा व लोगों की परेशानी खत्म हो जायेगी. वहीं लोगों ने रेलवे प्रशासन से हकपाडा मध्य विद्यालय के पास अंडर पास बनाने की मांग की है. लोगों ने बताया कि रेलवे लाइन के पूरब व पश्चिम में सैकड़ों किसानों की जमीन है. जिन किसानों की जमीन रेलवे लाइन की दूसरी तरफ है. उन किसानों को पांच किलोमीटर घुमकर खेती करने के लिए ट्रैक्टर लेकर जाना पड़ता है. ऐसे में अगर मध्य विद्यालय के पास रेलवे द्वारा अंडरपास बना दिया जाये तो मुहल्ले वालों के साथ-साथ किसानों को भी सुविधा होगी. लोगों ने पूर्व में भी रेलवे प्रशासन से मध्य विद्यालय के पास अंडरपास या ढाला निर्माण करने की मांग की है.
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