सफाई कर्मी की गोली मारकर हत्या, खून से लथपथ शव बरामद

एक कट्टा व खोखा बरामद,अपराधियों को पकड़ने की जिद करते रहे परिजन, बड़ी मशक्कत के बाद शव को पोस्टमार्टम में भिजवाया,अहले सुबह लगभग तीन बजे किसी का फोन आने पर निकला था घर से

By Prabhat Khabar News Desk | April 11, 2024 6:49 PM

एक कट्टा व खोखा बरामद,अपराधियों को पकड़ने की जिद करते रहे परिजन, बड़ी मशक्कत के बाद शव को पोस्टमार्टम में भिजवाया,अहले सुबह लगभग तीन बजे किसी का फोन आने पर निकला था घर से

सहरसा. सदर अस्पताल में उस समय सनसनी फैल गयी, जब मॉडल अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती मरीज के परिजन सुबह-सुबह नये ओपीडी भवन की तरफ टहलने निकले और एक 25 वर्षीय युवक का खून से सना शव पड़ा देखा. भर्ती मरीज के परिजन द्वारा वापस इमरजेंसी आकर घटना की जानकारी वहां मौजूद लोगों को दी गयी. उसके बाद वहां मौजूद सभी लोग शव को देखने जाने लगे. वहीं अस्पताल परिसर में मौजूद मनोज मल्लिक भी शव को देखने घटनास्थल पर गये. जहां वह अपने ही बड़े पुत्र ऋषभ मल्लिक का शव देखकर हैरान हो गये और चिल्लाना शुरू कर दिया. कुछ ही क्षण में मल्लिक समाज से पूरा अस्पताल परिसर भर गया. तत्काल घटना की सूचना डायल 112 को दी गयी. जहां डायल 112 की टीम ने पहुंचकर घटना की सूचना सदर थाना को दी. जहां ईद पर्व को लेकर सदर थाना के लगभग सभी पुलिस अधिकारी की ड्यूटी शहर के विभिन्न जगहों पर लगी थी. जिसके कारण सूचना पर सर्वप्रथम सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी आलोक कुमार व सदर थाना में पदस्थापित पुअनि खुशबू कुमारी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे व खुद से शुरुआती जांच में जुट गये. जहां मृतक के बगल में एक कट्टा रखा था व उसी कट्टे में एक खोखा भी था. जिसे एसडीपीओ ने अपने कब्जे में लेकर जांच में भेज दिया. वहीं घटना स्थल से एक बुलेट भी पुलिस ने बरामद किया. उसके बाद मृतक के पास से पुलिस ने एक मोबाइल भी बरामद किया. जिससे पुलिस कुछ सुराग निकलने की उम्मीद लगा रही है. वहीं पुलिस मृतक के शव को अपने कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई में जुट गयी. लेकिन मृतक के परिजन सहित सैकड़ों की संख्या में घटनास्थल पर पहुंचे मल्लिक समाज ने घटना का विरोध करते कहा कि जब तक आरोपित को ढूंढकर नहीं निकला जायेगा, तब तक शव नहीं उठाने दिया जायेगा. यहां तक कि पोस्टमार्टम तक कराने को कोई तैयार नहीं था. पुलिस की काफी मशक्कत के बाद किसी तरह शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. लेकिन उसी दौरान भीड़ उग्र होकर इमरजेंसी में घुस गयी और जमकर हो-हल्ला करना शुरू कर दिया. लेकिन उसी भीड़ से निकलकर कुछ लोगों ने सभी को शांत कराया. जिसके बाद सभी पोस्टमार्टम की ओर निकल गये.

सुबह तीन बजे घर से निकला था मृतक

परिजन ने कहा कि ऋषभ की किसी से दुश्मनी नहीं थी. वह ज्यादा किसी से मतलब नहीं रखता था. बुधवार की देर रात लगभग 12 बजे वह घर आया और खाना खाकर सो गया. गुरुवार की अहले सुबह लगभग तीन बजे किसी का फोन आया. उसके बाद वह घर से निकल कर चला गया. जिसके बाद सुबह मृतक के पिता को अस्पताल परिसर में ही सूचना मिली कि गोली लगे किसी युवक का शव ओपीडी के समीप पड़ा है. जिसपर पिता जब घटनास्थल पर पहुंचे तो देखा कि उन्हीं के बेटे का खून से लथपथ शव वहां पड़ा है. उसके बाद पिता मनोज ने घर वालों को घटना की सूचना दी.

सीसीटीवी फुटेज के लिए पुलिस को घंटों करना पड़ा इंतजार

घटना को लेकर सदर थाना की पुलिस को वहां लगे सीसीटीवी को खंगालने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा. सदर थानाध्यक्ष श्रीराम सिंह भी मौके पर पहुंचकर घटना से संबंधित सबूतों को जुटाने में लग गये. जिसमें ओपीडी के पोर्टिको में लगे दो सीसीटीवी फुटेज को देखने के लिए उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ा. ईद की छुट्टी को लेकर गुरुवार को ओपीडी भी बंद था. जिसके बाद सदर थानाध्यक्ष ने सीसीटीवी फुटेज को देखने के लिए अस्पताल प्रबंधक सिंपी कुमारी को फोन लगाया और सीसीटीवी फुटेज दिखाने वाले ऑपरेटर को भेजने का आग्रह किया. जिस पर अस्पताल प्रबंधक ने आधे घंटे का समय लेते सीसीटीवी फुटेज निकालने वाले ऑपरेटर को भेजने की बात कही. लेकिन एक घंटे बाद भी वहां कोई ऑपरेटर नहीं पहुंचा. जबकि मृतक के परिजन सहित मल्लिक समाज के लगभग दर्जनों युवक सीसीटीवी में घटना करने वाले आरोपित की पहचान करने को लेकर पुलिस पर दबिश बनाते रहे. लेकिन दो घंटे बाद पहुंचे सीसीटीवी ऑपरेटर को ओपीडी के दोनों कैमरे से कोई भी सुराग नहीं मिला. क्योंकि सदर अस्पताल की बदहाल व्यवस्था के बीच घटना स्थल के समीप ओपीडी के बाहरी पोर्टिको में लगा दो कैमरा में से एक कैमरा जो घटना स्थल की ओर की गतिविधि को रिकॉर्ड करता है, वह पूरी तरह से झुका हुआ था. जो सिर्फ पोर्टिको के बरामदे की ही गतिविधि को रिकॉर्ड कर रहा था. वहीं दूसरा कैमरा जो ओपीडी के सामने पश्चिम की ओर की गतिविधि को रिकॉर्ड करता है. उस कैमरे के रिकॉर्ड में किसी तरह की कोई गतिविधि का पता नहीं चला. जिसके बाद पुलिस घटना के तरफ की गतिविधि को देखने के लिए घटना स्थल से पूरब पारा मेडिकल कॉलेज में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगालने की तैयारी में जुट गयी. लेकिन ईद पर्व को लेकर वहां भी छुट्टी थी. जिसके कारण तत्काल सदर थाना की पुलिस को काफी परेशानी झेलनी पड़ी.

ओपीडी में रात्रि ड्यूटी पर नहीं था कोई सुरक्षागार्ड

अस्पताल परिसर के ओपीडी में रात्रि ड्यूटी पर कोई सुरक्षागार्ड तैनात नहीं था. जबकि ओपीडी के पास रात्रि में एक सुरक्षागार्ड की तैनाती रोजाना है. बावजूद अस्पताल में आये दिन इमरजेंसी और प्रसूति वार्ड को छोड़कर परिसर में कहीं भी सुरक्षागार्ड दिखाई नहीं देते हैं. यदि परिसर एवं ओपीडी के पास कोई भी सुरक्षागार्ड तैनात होता तो शायद यह घटना घटित नहीं होती.

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