महिला सशक्तिकरण के दौर में पंडित रमेश झा की सोच थी अग्रणीः उषा सिन्हा
महिला सशक्तिकरण के दौर में पंडित रमेश झा की सोच थी अग्रणीः उषा सिन्हा
रमेश झा महिला कॉलेज में मनायी गयी पंडित रमेश झा की जयंती एवं महाविद्यालय स्थापना दिवस सहरसा . रमेश झा महिला महाविद्यालय में पंडित रमेश झा की जयंती व महाविद्यालय स्थापना दिवस शनिवार को मनाया गया. सभी शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने पंडित रमेश झा की महाविद्यालय परिसर स्थित मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. साथ ही उनके प्रति सबों ने उद्गार व्यक्त किया. इस मौके पर प्रधानाचार्य प्रो. डॉ उषा सिन्हा ने कहा कि इस महाविद्यालय की स्थापना 1972 में हुई थी. महिला सशक्तिकरण के दौर में पंडित रमेश झा की सोच अग्रणी थी. इस कोसी क्षेत्र में उन्होंने महिला महाविद्यालय की स्थापना कर महिलाओं को शिक्षित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय क्षेत्र में जितने भी सरकारी महाविद्यालय हैं, उनमें यह इकलौता महाविद्यालय महिलाओं के लिए है. उन्होंने पूर्व मंत्री पंडित रमेश झा के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की. प्राध्यापक प्रो. डॉ एके ठाकुर ने कहा कि समाज के विकास के लिए एवं नारी सशक्तिकरण के लिए जो हम कर रहे हैं, वह आज से 50 वर्ष पूर्व पंडित रमेश झा ने कर दिखाया. पूरे विश्वविद्यालय एवं पूरे कोसी प्रमंडल में आज भी यह महाविद्यालय अपने गुणवत्ता के कारण परचम लहरा रहा है. मौके पर डॉ अनिल चौधरी, डॉ मनोज नारायण भगत, डॉ अभय कुमार, डॉ प्रत्यक्षा राज, डॉ आरती, डॉ रेणु, डॉ अनीता, डॉ अजीत, डॉ भारती, डॉ बेबी, डॉ पारुल वर्मा, डॉ जुबैदा नाज, डॉ वंदना, डॉ अनुज, डॉ श्वेता शर्मा, डॉ रंभा, पीके वत्स, डॉ शिखा, सविता, देववंश, सुधाकर, रीता, रंजन, अभिषेक, प्रकाश झा, विजय झा, मो मतीन, संयुक्ता, अर्चना, महेश, देव कृष्ण सहित महाविद्यालय परिवार ने पंडित रमेश झा की मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया. ………………………………………………………………………………………… सहरसा के शिल्पकार थे रमेश झा – मुकेश झा सहरसा स्वतंत्रता सेनानी बिहार सरकार के पूर्व मंत्री, कांग्रेस के दिग्गज नेता पंडित रमेश झा की सौवीं जयंती स्थानीय कांग्रेस कार्यालय में शनिवार को जिलाध्यक्ष मुकेश झा के नेतृत्व में आयोजित की गयी. जिलाध्यक्ष मुकेश झा ने कहा कि रमेश बाबू सहरसा के शिल्पकार थे. जिला में विकास का आधार रमेश झा के द्वारा ही रखा गया. जिस पर आज विकास हो रहा है. सहरसा में पॉलीटेक्निक कॉलेज की स्थापना नहीं हुई होती तो तो उस जगह आज इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं बन पाता. नगरपालिका का स्थापना, पेपर मिल, अगवानपुर कृषि केंद्र, पानी टंकी का निर्माण रमेश बाबू की देन है. युवा कांग्रेस प्रदेश महासचिव सुदीप कुमार सुमन ने कहा कि पंडित रमेश झा एक कुशल संगठन कर्ता एवं समाजवादी विचारधारा के ध्वजवाहक थे. जिस कारण ही देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें राजनीतिक पंडित की उपाधि दी थी. कार्यक्रम में कांग्रेस के वरीय उपाध्यक्ष मो नईम उद्दीन, प्रदेश प्रतिनिधि रामसागर पांडेय, सुरेंद्र प्रसाद जायसवाल, मो फिरोज, सत्य नारायण चौपाल, प्रेम लाल सदा, आशा राय, बैद्यनाथ झा, हिमांशु, भावेश, मंगल सहित अन्य मौजूद थे. फोटो – सहरसा 03 – श्रद्धांजलि अर्पित करते कांग्रेस कार्यकर्ता …………………………………………………………………………………………… सौवीं जयंती पर मध्य विद्यालय बलहा गढ़िया में याद किये गये स्वतंत्रता सेनानी पंडित रमेश झा सहरसा बिहार सरकार के पूर्व मंत्री, स्वतंत्रता सेनानी पंडित रमेश झा के निज गांव बलहा गढ़िया स्थित मध्य विद्यालय बलहा गढ़िया में शनिवार को शिक्षकों सहित बच्चों ने दो मिनट मौन रख उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की. प्रधानाध्यापक मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रम को संचालित करते हुए शिक्षक नेता शैलेश कुमार झा ने कहा कि सहरसा के शिल्पकार की उपाधि किन्हीं को दी जाये तो वो श्रद्धेय रमेश झा हैं. जो सहरसा के जिला एवं कमिश्नरी ही बनने में ना सिर्फ सहायक रहे. बल्कि महिलाओं के शैक्षणिक उत्थान के लिए कोसी प्रमंडल सहित विभिन्न जगहों में पर विद्यालय स्थापना में अपना योगदान दिया. सर्वप्रथम रमेश झा महिला विद्यालय की स्थापना की. सहरसा को कृषि के क्षेत्र में उन्नत बनाने के उद्देश्य से अगवानपुर में कृषि कॉलेज खुलवाया. बच्चों को इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आगे लाने के उद्देश्य से सहरसा पॉलिटेक्निक कॉलेज की स्थापना करायी. किसी भी जाति समुदाय को न देखते हुए सहरसा में हजारों लोगों को नौकरियां देकर उनके घरों में चूल्हा जलाने का कार्य किया. हमें उनके पदचिन्हों पर चलते हुए अपने गांव, समाज, जिले का सर्वांगीण विकास के लिए आगे आना होगा. पुष्पांजलि कार्यक्रम में शिक्षक भूषण भारती, रहुल यादव, नवनीत आनंद, वंदना कुमारी, सुब्रत कुमार साह, ॠषिकांत पांडे, मो फिरोज आलम, वसंत साह, चंदन कुमार झा, कुमारी नुतन, प्रिती कुमारी, रानू, अंजू कुमारी, उदय कुमार, मो शाकिर हुसैन, राकेश रंजन, मुकेश कुमार, नौशबा नासरीन, मो कादिर आलम, रेणु कुमारी, नवीन कुमार झा, शांति कुमारी, भरत शर्मा सहित सभी बच्चे मौजूद थे. फोटो – सहरसा 04 – श्रद्धांजलि अर्पित करते शिक्षक व बच्चे
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है