Bangladesh Minorities Protection: सहरसा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ धर्म जागरण जिला संयोजक सह छात्र संघ अध्यक्ष सागर कुमार नन्हें ने कहा कि हमारा पड़ोसी बांग्लादेश एक विचित्र अनिश्चितता, हिंसा एवं अराजकता में फंसा हुआ है. हसीना सरकार के त्यागपत्र एवं उनके देश छोड़ने के बाद अंंतरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया चल रही है. संकट की इस घड़ी में भारत बांग्लादेश के समस्त समाज के साथ एक मित्र के नाते मजबूती से खड़ा है. नन्हें ने कहा कि बांग्लादेश में पिछले कुछ समय में हिंदू, सिख व अन्य अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों एवं घरों को भी काफी नुकसान पहुंचाया गया है.
Bangladesh Minorities Protection: मंदिरों और गुरुद्वारों को बनाया निशाना
पंचगढ़, झीनैदाह, जैसोर में दुकानें कट्टरपंथियों के निशाने पर बने एवं अनेक जिलों में तो शमशान तक तोड़ दिए गये. मंदिर एवं गुरुद्वारों को भी काफी क्षति पहुंचाई गयी है. बांग्लादेश में शायद ही कोई जिला बचा हो, जो इनकी हिंसा व आतंक का निशाना न बना हो. यह ध्यान दिलाना उचित होगा कि बांग्लादेश में हिंदू जो कभी 32 प्रतिशत थे. अब 8 प्रतिशत से भी कम बचे हैं. वे भी लगातार जिहादी उत्पीड़न के शिकार हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के घर, मकान, दुकान, ऑफिस, व्यवसायिक प्रतिष्ठान व महिलाएं, बच्चे व उनकी आस्था व विश्वास के केंद्र मंदिर व गुरुद्वारे तक सुरक्षित नहीं हैं. कहा जा सकता है कि वहां पीड़ित अल्पसंख्यकों की हालत बद से भी बदतर होती जा रही है. यह स्थिति चिंतनीय है. उन्होंने कहा कि ऐसे में विश्व समुदाय की यह जिम्मेवारी है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा व मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी कार्यवाही करें. उन्होंने कहा कि निश्चय ही भारत इस परिस्थिति में आंखे मूंंद कर नहीं रह सकता.
Bangladesh Minorities Protection: भारत सरकार से बांग्लादेशी हिंदुओं की रक्षा करने का आग्रह
भारत ने परंपरा से ही विश्वभर के उत्पीड़ित समाजों की सहायता की है. हम सभी सरकार से यह आग्रह करते है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठायें. यह संभव है कि इस परिस्थिति का लाभ उठा कर सीमा पार से घुसपैठ का एक बड़ा प्रयत्न किया जाए. इससे सतर्क रहना होगा. हमारे सुरक्षाबलों के लिए यह आवश्यक है कि सीमा पर कड़ी चौकसी बरतें एवं किसी भी तरह के अतिक्रमण को ना होने दे. उन्होंने कहा कि हमारी कामना है कि बांग्लादेश में जल्दी से जल्दी लोकतंत्र एवं धर्मनिरपेक्ष सरकार पुन स्थापित हो. वहां के समाज को मानवाधिकार मिले एवं बांग्लादेश की निरंतर हो रही आर्थिक प्रगति को कोई बाधा ना आये. भारत का समाज एवं सरकार इस विषय में निरंतर बांग्लादेश के सहयोगी बने रहेंगे.