दुकानदारों ने दुकानों को स्वत: स्फूर्त बंद कर दिया समर्थन

अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के आरक्षण कोटा में कोटा, लेटरल इंट्री और सुप्रीम कोर्ट में कॉलेजियम सिस्टम के खिलाफ संविधान बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले भारत बंद के समर्थन में बुधवार को जिला मुख्यालय में बंद का व्यापक असर रहा.

By Prabhat Khabar News Desk | August 21, 2024 9:31 PM

प्रतिनिधि, सहरसा. अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के आरक्षण कोटा में कोटा, लेटरल इंट्री और सुप्रीम कोर्ट में कॉलेजियम सिस्टम के खिलाफ संविधान बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले भारत बंद के समर्थन में बुधवार को जिला मुख्यालय में बंद का व्यापक असर रहा. सुबह छह बजे से ही कार्यकर्ता सड़कों पर उतर परिवहन व्यवस्था पूरी तरह बंद कर दी. इससे ट्रेन सहित यात्री वाहन घंटों रूके रहे. भारत बंद को देखते निजी विद्यालय बंद रहने से बच्चों को बड़ी राहत मिली. वहीं सिपाही भर्ती परीक्षा को लेकर पहुंचे अभ्यर्थियों को थोड़ी परेशानी उठानी पड़ी. उन्हें अपने निर्धारित परीक्षा केंद्र पैदल ही जाना पड़ा. मुख्यालय के लगभग सभी चौक चौराहे पर समर्थकों ने जाम कर सर्वोच्च न्यायालय व केंद्र सरकार के विरुद्ध नारे लगाते सड़कों पर टायर जला प्रदर्शन किया. वहीं कुछ संगठनों ने राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. बंद में दल से बाहर निकलकर लोगों ने प्रदर्शन में अपनी सहभागिता दी. बाजार पूरी तरह बंद रहे, सभी चौक चौराहे पर पुलिस बलों की तैनाती रही. पुलिस क्यूआरटी टीम व पुलिस पदाधिकारी लगातार गश्ती करते रहे. बंद समर्थक शांतिपूर्ण बंद कराने में जुटे रहे. दो बजे के बाद बंदी से लोगों को राहत मिली. संविधान बचाओ संघर्ष समिति में 15 सूत्री मांगों को लेकर राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. मांगो में एससी एसटी में उप वर्गीकरण समाप्त करो, एससी, एसटी, ओबीसी के आरक्षण को संविधान के नौवीं अनुसूची में शामिल करो, जाति जनगणना करा कर आबादी के अनुपात में कार्यपालिका में प्रतिनिधित्व दो, केंद्र सरकार, राज्य सरकार के विभिन्न मंत्रालय में संयुक्त सचिव, उपसचिव, निदेशक के पदों पर आरक्षण दो, लेटरल एंट्री बंद करो, कॉलेजियम सिस्टम से जजों की बहाली बंद करो, निजीकरण बंद करो नहीं तो निजीकरण में भी आरक्षण बहाल करो, ओबीसी का भी क्रीमिलेयर बंद करो, प्रमोशन में रिजर्वेशन बहाल करो, ईडब्ल्यूएस की तर्ज पर एससी एसटी को भी अलग से 10 प्रतिशत आरक्षण दो, दुसाध जाति के लिए पुश्तैनी चौकीदारी दफादारी बहाल करो, देश भर के सफाई कर्मी को चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी का दर्जा दो, शहर में स्थित झुग्गी झोपड़ी में रह रहे परिवार को शहर में ही पांच डिसमिल जमीन आवंटित करो, राष्ट्रीय स्तर के ट्रस्ट वाले मंदिर में पुजारी में भी आरक्षण बहाल करो, सभी प्रकार के ठेकेदारी में भी आरक्षण लागू करो, सेना में अग्नि वीर योजना समाप्त कर पुनः सैन्य व्यवस्था बहाल करो की मांग की गयी. बंद समर्थक वीर कुंवर सिंह चौक, थाना चौक, डीबी रोड, शंकर चौक, महावीर चौक, सुभाष चौक, शिवपुरी ढाला, कचहरी ढाला को बंद कराया. जिसमें स्थानीय लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. संविधान बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक संजय पासवान ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन जिलाधिकारी के अनुपस्थिति में सदर अनुमंडल पदाधिकारी प्रदीप झा को सौपा. बंद में संविधान बचाओ संघर्ष समिति, भीम आर्मी लोक, जनशक्ति पार्टी आर, बहुजन समाज पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माले, एससी एसटी छात्रसंघ, खेत मजदूर किसान यूनियन, रविदास धर्म संगठन, दलित उत्थान परिषद, संत गाडगे विचार मंच, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, एससी एसटी संघर्ष मोर्चा, दुसाध उत्थान परिषद, राजद दलित प्रकोष्ठ, रविदास युवा मंच, रविदास चेतना मंच, भारतीय विद्यार्थी मोर्चा, अखिल भारतीय सफाई कर्मी संघ सहित अन्य संगठन ने बंद में अपना समर्थन दिया व सडकों पर उतर बंद को सफल बानाया. बंद में नगर निगम उप महापौर उमर हयात उर्फ गुड्डू, माले युवा नेता कुंदन यादव, बैजनाथ भगत, बसपा जिलाध्यक्ष संजय पंजियार, लोजपा आर नेत्री सरिता पासवान, लोजपा आर जिलाध्यक्ष महेंद्र शर्मा, दिनेश पासवान, गौरव भारद्वाज, अशोक राम, संतोष राम, संजय पासवान, विक्की राम, आनंदी राम, मनोज पासवान, प्रदीप रजक, रामरतन ऋषिदेव, जयकांत पासवान, भीम भारती, विवेक आनंद, शंकर राम, मनोज जाटव, पूजा चौधरी, राजेश राम, जयदेव पासवान, कुशेश्वर राम, कन्हैया कुमार वाल्मीकि, राजकुमार पासी, नारायण रजक मौके पर दिनेश पासवान, भीम आर्मी के गौरव भारद्वाज, बसपा के अशोक राम, मुकेश कुमार, सती देवी, पूर्व मुखिया प्रदीप पासवान सहित अन्य शामिल थे. बंद के समर्थन में उतरे भाकपा माले के दर्जनों कार्यकर्ता, ट्रेन रोक किया प्रदर्शन सहरसा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी आरक्षण में क्रीमिलेयर लागू करने के खिलाफ दलित संगठनों के भारत बंद के समर्थन में बुधवार को भाकपा माले के दर्जनों कार्यकर्ता ने शहर में उतरकर बंद को सफल बनाया. शिवपुरी ढाला पर माले नेता विक्की राम व संतोष राम के नेतृत्व में लहेरियासराय-सहरसा पैसेंजर ट्रेन 05545 को करीब 15 मिनट रोककर विरोध प्रदर्शन किया गया. वहीं कचहरी चौक पर माले नेता कुंदन यादव के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ता सुबह सात बजे से ही सड़क पर उतरे व बंद के समर्थन में नारेबाजी करते रहे. मौके पर माले युवा नेता कुंदन यादव ने कहा कि मोदी सरकार दलित व गरीबों के शिक्षा व आरक्षण को छिनने में लगी हुई है. आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक पीठ का आदेश दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि दलितों के सबसे कमजोर हिस्से के विकास की गारंटी करें व आरक्षण खत्म करने व दलितों में फुट डालने की साजिश बंद करें. बंद को भाकपा माले नेता मुकेश कुमार, बमभोली सादा, विलक्षण शर्मा, छोटेलाल पासवान, रमेश शर्मा, अफसाना प्रवीण, मो मेराज आलम, इंसाफ मंच जिलाध्यक्ष मो नेईम आलम, रंधीर कुमार ठाकुर, कमल किशोर यादव, बेचनी देवी, पिंकी देवी सहित दर्जनों माले नेता व कार्यकर्ता सफल बनाने में लगे रहे. सड़क जाम कर बंद समर्थकों ने किया प्रदर्शन सिमरी बख्तियारपुर. भारत बंद को लेकर लोजपा रामविलास द्वारा सिमरी बख्तियारपुर सहरसा मुख्य मार्ग में हुसैन चक के निकट बुधवार सुबह सड़क जाम किया गया. लोजपा आर के प्रखंड अध्यक्ष श्याम भारती नेतृत्व में हुसैन चक के निकट सड़क पर बांस बल्ला लगाकर व टायर जला कर करीब तीन घंटे तक सड़क जाम कर प्रदर्शन किया गया. इस मौके पर प्रदर्शनकारी श्याम भारती ने कहा कि आरक्षण में क्रीमिलेयर संबंधित सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी विरोध कर रहे है. इसी फैसले के विरोध मे भारत बंद किया गया है. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बाबा साहेब के संविधान से जो हमें हक व अधिकार मिला है उसका हमलोग सम्मान करते हैं. कोर्ट अपने फैसले को वापस ले. मौके पर दुर्गेश पासवान, दुरालरचंद पासवान, बेचन राम, दिलखुश पासवान, राजकुमार शर्मा, राजेश पासवान, चंदूला देवी, शांति देवी, पिंकी कुमारी सहित अन्य मौजूद थे. बंद को लेकर समर्थकों ने मुख्य मार्ग को अवरुद्ध कर किया प्रदर्शन सोनवर्षाराज. आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भारत बंद के आह्वान पर बुधवार को सोनवर्षाराज माली मुख्य मार्ग में देहद मोड़ के समीप बंद समर्थकों ने सड़क यातायात बाधित कर प्रदर्शन किया. इस दौरान बंद समर्थकों ने एससी एसटी कोटा में उपवर्गीकरण समाप्त करने, एससी एसटी के आरक्षण को संविधान की नवमी अनुसूची में शामिल करने सहित अन्य मांगों के समर्थन में नारेबाजी की. मुख्य मार्ग पर घंटों यातायात बाधित रहने से छोटी बड़ी वाहनों के आवागमन पर व्यापक असर देखा. पैदल राहगीर सहित अपने गंतव्य को जाने वाली सवारी परेशान दिखे. इस दौरान बीडीओ अरविंद कुमार व थाने के पुलिस पदाधिकारी पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद रहे. बंद समर्थकों से बीडीओ अरविंद कुमार के वार्ता व राष्ट्रपति के नाम मांगो से संबंधित ज्ञापन सौंपे जाने के बाद यातायात बहाल किया जा सका. धरना प्रदर्शन में दलित संगठन नेता अमरेंद्र भास्कर, मुरारी पासवान, राजीव कुमार, पप्पू राम, लखपति जाटव, विनोद राम, संतोष राम, राधेश्याम पासवान, प्रमोद राम, प्रशांत राम, मुकेश कुमार, सुशील, गुड्डू, विकास राम, मुन्ना राम, अवधेश राम सहित सैकड़ो बंद समर्थक शामिल थे. सरकार ही अधिकारों के साथ खिलवाड़ करेगी, तो जनता को सड़कों पर उतरना ही होगा सहरसा. अनुसूचित जाति व जनजाति आरक्षण में क्रीमिलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर भारत बंद का वैश्य समाज ने अपना नैतिक समर्थन दिया. वैश्य समाज जिलाध्यक्ष रामकृष्ण साह उर्फ मोहन साह ने एससी एसटी आरक्षण के वर्गीकरण के खिलाफ व आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग का समर्थन करते कहा कि इस फैसले को खारिज करें. यह अनुसूचित जातियों व अनुसूचित जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए खतरा है. एससी, एसटी व ओबीसी के लिए आरक्षण पर संसद द्वारा एक नये कानून को पारित करने की भी मांग की. जिसे संविधान की नौवीं सूची में समावेश के साथ संरक्षित करें. आरक्षण में वर्गीकरण की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. उन्होंने कहा कि आरक्षण की रक्षा के लिए जन-आंदोलन एक सकारात्मक प्रयास है. बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने पहले ही आगाह किया था कि संविधान तभी कारगर साबित होगा जब उसको लागू करनेवालों की मंशा सही होगी. सत्तासीन सरकारें ही जब धोखाधड़ी, घपलों-घोटालों से संविधान व संविधान द्वारा दिये गये अधिकारों के साथ खिलवाड़ करेगी तो जनता को सड़कों पर उतरना ही होगा. सड़क पर टायर जला व न्यायालय के खिलाफ नारेबाजी कर किया सड़क जाम महिषी. क्षेत्र के रोड नंबर 17 के बलुआहा बाजार में बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुसूचित जाति व जनजाति आरक्षण के विरोध में दिए गए फैसलों के विरुद्ध लोगों ने चक्का जाम कर घंटों आवागमन बाधित रखा. लोगों ने सड़क पर टायर जला व न्यायालय के खिलाफ नारेबाजी कर आक्रोश व्यक्त किया. पस्तवार निवासी आरक्षण बचाओ संविधान बचाओ मंच के नेता टुनटुन पासवान ने धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों को संबोधित करते कहा कि बाबा साहेब डॉ भीम राव आंबेडकर ने हमें आरक्षण का हक दिया व सुप्रीम कोर्ट हमारे अधिकारों से हमें वंचित करने की साजिश कर रही है. हमें एकजुट होकर संघर्ष का शंखनाद करना होगा व हक हकूक की लड़ाई लड़नी होगी. चक्का जाम के कारण क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक सहित अन्य लोग परेशानी में दिखे. चक्का जाम में लोजपा नेता सुकन पासवान, बबलू पासवान, रविनंदन पासवान, नवीन पासवान, ध्यानी पासवान, मो रमजानी, विजय पासवान, अमोल पासवान, गोपेश्वर यादव सहित अन्य शामिल थे. इसके अतिरिक्त गोरहो चौक व गंडोल में भी लोगों ने सड़क जाम कर आक्रोश जताया. बंद समर्थकों ने सहरसा मधेपुरा मुख्य मार्ग को पटुआहा तिलावे नदी पूल पर किया जाम सौरबाजार. एससी एसटी वर्गीकरण के विरोध में संविधान बचाओ संघर्ष समिति के आह्वान पर बहुजन समाज से जुड़े लोगों ने भारत बंद के दौरान बुधवार को सौरबाजार प्रखंड क्षेत्र में भी कई जगहों पर सड़क जाम कर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. सहरसा मधेपुरा मुख्य मार्ग एनएचआइ को पटुआहा तिलावे नदी पुल पर जाम कर यातायात को पूरी तरह बाधित कर दिया. जिससे वाहनों की लंबी कतार लग गयी. जाम को सफल बनाने में केंद्र सरकार में सहयोगी पार्टी के रूप में काम कर रहे लोजपा रामविलास के कार्यकर्ताओं ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ गरजे. वहीं खजुरी पंचायत के पंचायत समिति सदस्य संजय पासवान ,शंकर राम , और बिक्रम यादव के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ताओं ने तिलावे नदी पूल को एक घंटा से अधिक समय तक जाम कर नारेबाजी किया. भारत बंद को सफल बनाने में कई संगठन के लोगों ने भरपूर सहयोग दिया. सहरसा-मानसी रेलखंड पर दो घंटे रेल परिचालन रहा बाधित सहरसा. भारत बंद समर्थकों ने सुबह से ही जगह जगह सर्वा ढाला, शिवपुरी ढाला, गंगजला ढाला स्थित रेलवे ट्रैक को जामकर दिया था. हालांकि रेल अधिकारी के मुताबिक भारत बंद को लेकर सिर्फ ट्रेन परिचालन बाधित किये गये. जबकि रेल संपत्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया. भारत बंद को लेकर आरपीएफ इंस्पेक्टर बंदना कुमारी के निर्देशन में एक टीम गठित की गयी थी. सहरसा मानसी, सहरसा सुपौल व सहरसा मधेपुरा रेल खंड के प्रत्येक स्टेशन पर सुरक्षा के मद्देनजर आरपीएफ की टीम तैनात की गयी थी. इसके अलावे सभी व्यस्त रेलवे फाटक पर भी आरपीएफ की तैनाती की गयी थी. समाचार लिखे जाने तक ट्रेन परिचालन को बाधित करने वाले बंद समर्थकों पर प्राथमिकी दर्ज होने की सूचना नहीं मिली. कहां-कहां कितनी देर रुकी ट्रेन 12553 सहरसा नई दिल्ली वैशाली सुपरफास्ट ट्रेन को 35 मिनट तक वॉशिंग पिट के निकट बंद समर्थकों द्वारा रोकी गयी. वहीं 05545 लहेरियासराय सहरसा पैसेंजर ट्रेन को शिवपुरी रेलवे ढाला पर 15 मिनट बंद समर्थकों द्वारा रोकी गयी. 12567 पटना राज्यरानी सुपर फास्ट एक्सप्रेस एक घंटा विलंब रही. 05275 सहरसा समस्तीपुर पैसेंजर ट्रेन 45 मिनट विलंब रही. 12568 पटना सहरसा राज्यरानी एक्सप्रेस दो घंटे विलंब रही. 12554 नई दिल्ली सहरसा वैशाली सुपर फास्ट एक्सप्रेस एक घंटे विलंब रही.

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