आशियाने के इंतजार में बेजुबान मवेशी

आशियाने के इंतजार में बेजुबान मवेशी

By Prabhat Khabar News Desk | June 16, 2024 6:05 PM

दो-दो गौशाला के बावजूद दुसरे जिले भेजे जाते हैं मवेशी कहरा . जहां सरकार द्वारा सभी पशुओं और पक्षियों को सुरक्षित रखने और प्रताड़ना से बचाव के लिए कई प्रकार के कानून बना अधिकारियों की भी नियुक्ति की गयी है. लेकिन जिले में सरेआम सभी पशुओं और पक्षी प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं. प्रशासनिक अधिकारी और स्वयंसेवी संगठन भी निष्क्रिय नजर आते हैं. इसका ताजा उदाहरण पिछले 12 जून को बनगांव थाना पुलिस द्वारा थाना क्षेत्र में दो पिकअप वैन पर सवार 17 गाय और बछड़े को अवैध रूप से परिचालन कराने के आरोप में जब्त किया था. जिसमें दो ड्राइवर सहित चार लोगों को भी पकड़ा गया था. कानूनन दोनों ड्राइवर सहित चारों लोगों को बनगांव थाना से ही बेल दे दिया गया और वे अपने-अपने आशियाने चले गये. लेकिन चार दिनों तक सभी 17 मवेशी खुले और समुचित चारे के अभाव में असुरक्षित बंधे रहे. बनगांव थाना पुलिस द्वारा मवेशियों को सुरक्षित रखने के लिए जिले के बनगांव और सहरसा में मवेशियों को सुरक्षित रखने के लिए बने गौशाला ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए हैं. इन मवेशियों को बनगांव थाना द्वारा मजबूरी में प्रशासनिक स्तर से दूसरे जिले के गौशाला में भेजना पड़ा. वर्षों से बंद है बनगांव गौशाला जिले में असहाय गायो को सुरक्षित रखने के लिए समाजसेवियों द्वारा आजादी से पूर्व ही बनगांव और जिला मुख्यालय में गौशाला का निर्माण कराया गया था. ताकि क्षेत्र के निसहाय और असुरक्षित गायों को आश्रय के साथ-साथ उसे आवश्यक चारा देकर उसकी देखभाल की सके. बनगांव और सहरसा में गौशाला खुलने के बाद क्षेत्र के कई लावारिस और निसहाय गायों को बचाया गया था. विभिन्न प्रकार के बेजुबान जानवर और मवेशियों को संरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए सरकार द्वारा भी कई कानून बना कर बनगांव गौशाला को प्रशासनिक स्तर से भी देखभाल के लिए कदम उठाया था. लेकिन वर्षों से प्रशासनिक स्तर से भी उपेक्षा करने के कारण गौशाला संचालित नहीं है. जिसके कारण जिले के निसहाय और लावारिस गायो को असुरक्षित रहना मजबूरी बन गयी है.

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