सहरसा . सावन पूर्णिमा के दिन मनाये जाने वाले भाई बहनों का अद्वितीय त्योहार रक्षाबंधन सोमवार को जिले में धूमधाम से मनाया गया. इस वर्ष भाद्रा के कारण निर्धारित समय 1.32 के बाद कहीं बहनों ने भाई के घर जाकर राखी बांधी तो कहीं भाई बहन के घर जाकर राखी बंधवाई. बहनों ने अपने भाईयो की कलाईयो पर हर्षोल्लास के साथ रंग-बिरंगी राखी बांधकर रक्षा करने का वचन लिया. बहनों ने अपने भाइयो को मंगल टीका लगा आरती उतारी एवं मिठाई खिलाकर उनके हाथों में रक्षासूत्र बांधी. धार्मिक व पौराणिक मान्यता है कि राजा बलि व माता लक्ष्मी ने भाई-बहन को राखी बांधकर इस पर्व की शुरुआत की थी. राजा बली बहुत दानी राजा थे. उनकी परीक्षा लेने के लिए भगवान विष्णु वामनावतार लेकर आये एवं दान में राजा बलि से तीन पग भूमि देने के लिए कहा. लेकिन उन्होंने दो पग में ही पूरी पृथ्वी एवं आकाश नाप लिया. तीसरे पग के लिए उन्होंने भगवान का पग अपने सिर पर रखवा लिया. फिर देवी लक्ष्मी गरीब महिला बनकर राजा बलि के सामने पहुंची एवं राजा बलि को राखी बांधी. वही रक्षाबंधन पर्व पर द्रौपदी ने भगवान कृष्ण का रक्षाबंधन किया. पंडित डॉ नवनीत कुमार ने बताया कि इस बार तिथि में हेरफेर के कारण समय परिवर्तन हुआ. भद्रा तिथि के कारण 1.32 से रक्षाबंधन पर्व मनाया गया जो शास्त्रोचित है. बच्चियों ने वृक्षाबंधन कर लिया सुरक्षा का संकल्प सहरसा . रक्षाबंधन का पर्व भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक माना जाता है. वहीं इस पर्व पर शशि सरोजनी रंगमंच सेवा संस्थान कार्यालय परिसर में बच्चियों ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर पौधों में रक्षासूत्र बांधा. छोटी बच्ची सोमिका वर्मा ने इस पर्व को पर्यावरण संरक्षण के एक नए आयाम के रूप में मनाया. सोमिका वर्मा ने वृक्षों को राखी बांधकर वृक्षाबंधन मनाया एवं पेड़-पौधों को अपना भाई मानते हुए उनकी सुरक्षा का संकल्प लिया.
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