योजना की प्रगति मंथर गति से होती रही तो समय पर वांछित लक्ष्य की प्राप्ति संभव नहींः विशेष सचिव
उद्योग विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित
उद्योग विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित, 25 प्रतिभागियों को स्वीकृति पत्र व तीन को रुपये वितरण पत्र सौंपा सहरसा जिलाधिकारी एवं विशेष सचिव उद्योग विभाग पटना के संयुक्त अध्यक्षता में बुधवार को विकास भवन सभागार में उद्योग विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं को लेकर समीक्षा बैठक की गयी. इस दौरान प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना एवं प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की प्रगति के लिए ऋण स्वीकृति, वितरण कैंप सहित योजनाओं समीक्षा की गयी. वहीं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत विभिन्न बैंकों द्वारा कुल 13 प्रतिभागियों को 59.93 लाख रुपये का स्वीकृति पत्र एवं तीन लाभुकों को कुल 12.85 लाख रुपये का वितरण पत्र हस्तगत कराया गया. प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के तहत कुल 12 प्रतिभागियों को 41.62 लाख की स्वीकृति पत्र हस्तगत कराया गया. इस अवसर पर विशेष सचिव उद्योग विभाग ने बताया कि सहरसा जिला में पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना के तहत विभिन्न बैंकों द्वारा कुल लक्ष्य का 80 प्रतिशत स्वीकृति के बावजूद भुगतान का प्रतिशत केवल 50 प्रतिशत रहा जो दुर्भाग्यपूर्ण है. चालू वित्तीय वर्ष में भी वर्णित योजना के तहत अब तक लक्ष्य 302 के विरुद्ध केवल 56 ऋण आवेदन पत्रों की स्वीकृति एवं केवल 10 ऋण आवेदन पत्रों पर वितरण की कार्रवाई की गयी है जो अत्यंत ही निराशाजनक है. प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के तहत लक्ष्य 220 के विरुद्ध पर्याप्त संख्या 499 ऋण आवेदन पत्रों को अग्रसारित करने के बावजूद भी विभिन्न बैंक शाखाओं द्वारा अब तक केवल 34 ऋण आवेदन पत्रों पर स्वीकृति व केवल छह ऋण आवेदन पत्रों पर भुगतान की कार्रवाई की गयी है. उन्होंने निदेश दिया कि वर्णित योजना की प्रगति मंथर गति से होती रही तो ससमय वांछित लक्ष्य की प्राप्ति संभव नहीं हो सकती है. साथ ही उन्होंने जिला समन्वयकों, प्रतिनिधियों को आवेदन पत्रों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए आगामी कैंप से पहले उत्साहजनक प्रगति की अपील की. जिलाधिकारी वैभव चौधरी ने दोनों योजनाओं की प्रगति संतोषजनक नहीं होने पर विफरते अनुपस्थित बैंक के पदाधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के लिए संबंधित बैंकों के राज्य स्तरीय वरीय पदाधिकारियों एवं उद्योग विभाग के वरीय पदाधिकारी को भी इससे अवगत कराते पत्र देने का निदेश महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र को दिया. अपने अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने बताया कि यह दोनों योजनाएंं आम लोगों के रोजगार सृजन से जुड़ी हुई योजनाएंं हैं. यह आर्थिक समृद्धि के साथ राज्य के जीडीपी में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. बिना भुगतान के ऋण स्वीकृति, वितरण पत्र मात्र कागज का टुकड़ा बनकर रह जायेगा एवं उद्योग स्थापना से भी वंचित होना पड़ जायेगा. जिलाधिकारी ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के द्वितीय स्तरीय जांंच के लिए प्रखंड के पर्यवेक्षीय पदाधिकारियों प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी, श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारी एवं कार्यपालक पदाधिकारी स्थानीय नगर निकाय से कराने का निदेश जिला पंचायती राज पदाधिकारी, श्रम अधीक्षक एवं नगर आयुक्त को दिया. इस आसय पर उप विकास आयुक्त ने प्रतिभागियों से रूबरू होते बैंक द्वारा प्राप्त राशि का सदुपयोग रचनात्मक कार्य में करने का सुझाव दिया. जिससे भविष्य में इससे भी अधिक की राशि बैंक द्वारा उन्हें प्राप्त हो सके एवं वे स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर हो सके. महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र ने वर्णित योजनाओं की अद्यतन जानकारी से अवगत कराया एवं बैंक के जुड़े पदाधिकारियों को यथाशीघ्र शतप्रतिशत वांछित लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सकारात्मक सोच के साथ अग्रेत्तर कार्रवाई की अपील की. जिससे जिला का समुचित औद्योगिक विकास हो सके. बैठक में परियोजना प्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, अग्रणी बैंक प्रबंधक प्रतिनिधि, नगर आयुक्त के प्रतिनिधि, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, श्रम अधीक्षक, मुख्य प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक, बैंकों के जिला समन्वयक व प्रतिनिधि, सभी उद्योग विस्तार पदाधिकारी एवं कार्यालय के अन्य कर्मी मौजूद थे.
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