सहरसा राज्य सरकार के निर्णय के आलोक में विद्युत आपूर्ति प्रमंडल के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर के अधिष्ठापन का कार्य मिशन मोड में कराया जा रहा है. यह मुख्यमंत्री की एक महत्वाकांक्षी योजना है. कार्यपालक अभियंता अमित कुमार ने बताया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर पुराने मीटर की तुलना में अधिक सुविधाजनक एवं उपयोगी है. बिजली बिल जमा करने के लिए बिजली ऑफिस का चक्कर लगाना अब जरूरी नहीं है. उपभोक्ता घर बैठे ही अपने मोबाइल फोन के जरिए आसानी से स्मार्ट प्रीपेड मीटर को रिचार्ज कर सकते हैं. इतना ही नहीं स्मार्ट प्रीपेड मीटर में प्रतिदिन के हिसाब से बिजली खपत को भी देख सकते हैं एवं इसके अनुसार बिजली खपत को नियंत्रित करने की योजना बना सकते हैं. स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर आम उपभोक्ताओं के मन में कई तरह की भ्रांतियां भी रहती है. लेकिन अधिकारियों के द्वारा अक्सर आगाह किया जाता है कि किसी भी तरह से भ्रांति का शिकार न हों. बिजली उपभोक्ताओं को स्मार्ट प्रीपेड मीटर के विषय में तफसील से पूरी जानकारी अखबार, माइकिंग, शिविर के माध्यमों से दी जा रही है. जिससे उपभोक्ताओं के मन में किसी तरह की शंका ना रहे. कार्यपालक विद्युत अभियंता ने संबंधित चयनित एजेंसी के कर्मियों को निदेशित किया है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर को उपभोक्ताओं के घर के बाहर लगायें. उपभोक्ताओं से आग्रह किया कि कोशिश करें बैलेंस खत्म होने के पहले ही रिचार्ज करा लें. स्मार्ट प्रीपेड मीटर में रीडिंग की गड़बड़ी बिल्कुल नहीं है. स्मार्ट प्रीपेड मीटर को कहीं से भी रिचार्ज कर सकते हैं. इसके लिए सिर्फ अपना रजिस्टर मोबाइल नंबर डालना होगा. स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर उपभोक्ताओं के मन में किसी तरह की शंका ना रहे, इसके लिए कई स्तर पर सघन अभियान चलाये जा रहे हैं. स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाना हर उपभोक्ता के लिए अनिवार्य है. किसी कारणवश किसी उपभोक्ता के घर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर नहीं रहेगा तो वह बिलिंग प्रक्रिया से बाहर हो जायेंगे एवं उनका कनेक्शन अवैध कर दिया जायेगा. स्मार्ट प्रीपेड मीटर के अधिष्ठापन कार्य को पूरा करने का लक्ष्य 2025 निर्धारित किया गया है.
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