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धूम्रपान हृदय स्वास्थ्य के लिए है सबसे बड़ा दुश्मन

धूम्रपान हृदय स्वास्थ्य के लिए है सबसे बड़ा दुश्मन

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर डाॅ गिरिजा शंकर झा ने कहा, तंबाकू को कहे ना सहरसा . श्री नारायण मेडिकल काॅलेज परिसर स्थित निन्ती कार्डियक केयर में गुरुवार को हृदय स्वास्थ्य पर धूम्रपान के प्रभाव को लेकर चर्चा की गयी. निन्ती कार्डियक केयर सहरसा के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ गिरिजा शंकर झा ने शुक्रवार को होने वाले विश्व तंबाकू निषेध दिवस के उद्देश्यों की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस दिन का उद्देश्य लोगों को तंबाकू व उसके उत्पादों के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करना है. धूम्रपान न केवल फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है. बल्कि हृदय स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डालता है. धूम्रपान करने से हृदय रोगों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. इसमें हृदयघात, स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप व एथेरोस्क्लेरोसिस शामिल हैं. तंबाकू में मौजूद निकोटिन व अन्य हानिकारक रसायन हृदय व रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं. निकोटिन धमनियों को संकीर्ण कर देता है, जिससे रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है व रक्तचाप बढ़ता है. इसके अलावा, धूम्रपान से रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. जिससे हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है. उन्होंने कहा कि धूम्रपान हृदय स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा दुश्मन है. यह न केवल धमनियों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि रक्त के थक्कों को बढ़ावा देता है. जिससे हृदयघात का खतरा बढ़ जाता है. हमें तंबाकू के उपयोग से पूरी तरह से बचना चाहिए एवं स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए. उन्होंने कहा कि धूम्रपान छोड़ने के तुरंत बाद ही इसके सकारात्मक प्रभाव दिखाई देने लगते हैं. धूम्रपान छोड़ने के कुछ ही घंटों में रक्तचाप व हृदय की दर सामान्य हो जाती है. कुछ हफ्तों के भीतर ही रक्त संचार में सुधार होता है व फेफड़े बेहतर तरीके से कार्य करने लगते हैं. एक साल के भीतर हृदय घात का खतरा आधे से कम हो जाता है. धूम्रपान छोड़ने के लिए समर्थन एवं जागरूकता की आवश्यकता है. धूम्रपान छोड़ने की प्रक्रिया आसान नहीं होती है. लेकिन सही मार्गदर्शन एवं समर्थन से यह संभव है. परामर्श, निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी एवं अन्य चिकित्सीय उपायों के माध्यम से धूम्रपान छोड़ने में सहायता मिल सकती है. सरकार एवं स्वास्थ्य संगठनों को भी इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए व धूम्रपान निषेध के लिए जागरूकता अभियान चलाने चाहिए. इसके अलावा हमें बच्चों एवं युवाओं को तंबाकू के दुष्प्रभावों के बारे में शिक्षित करना चाहिए. विद्यालयों एवं कॉलेजों में तंबाकू निषेध कार्यक्रमों का आयोजन करके हम नयी पीढ़ी को तंबाकू से दूर रखने में मदद कर सकते हैं. परिवारों को भी इस दिशा में आगे आकर अपने बच्चों को तंबाकू से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस दिन संकल्प लें कि हम तंबाकू से दूर रहेंगे एवं स्वस्थ जीवन जीयेंगे. फोटो – सहरसा 03 – डॉ गिरिजा शंकर झा …………………………………………………………………………………….. विश्व तंबाकू दिवस आज, तंबाकू सेवन से देश में प्रतिवर्ष होती है लगभग 14 लाख मौतें सहरसा . पूरे विश्व में शुक्रवार को तंबाकू निषेध दिवस मनाया जायेगा. लोगों को खासकर युवाओं एवं बच्चों को इसके सेवन से बचाने के लिए बडे़ स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन कर जागरूकता अभियान चलाया जायेगा. जिससे लोग इसके सेवन से बच सकें व अपने बहुमूल्य जीवन की रक्षा कर सकें. लेकिन इसके बावजूद भी तंबाकू के सेवन में वृद्धि देखी जा रही है. विश्व तंबाकू दिवस को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रत्येक वर्ष अलग-अलग थीम के माध्यम से जागरूकता अभियान चला रही है. इस वर्ष का थीम बच्चों को तंबाकू इंडस्ट्री के इंटरफेरेंस से बचना है. इसके तहत लोगों तक यह संदेश पहुंचाया जायेगा कि बच्चों को तंबाकू की फैक्ट्रियों में काम न कराया जाये. तंबाकू हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होता है, इसलिए इस मुद्दे पर ध्यान देते हुए खास तौर से हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन का खास उद्देश्य होता है लोगों को तंबाकू सेवन से जुड़ी हानियों के बारे में जागरूक करना. इस विशेष दिन पर संयुक्त राष्ट्र सहित अन्य विभिन्न वैश्विक संगठन दुनिया भर में तंबाकू के इस्तेमाल को कम करने एवं उसके दिक्कतों को बताने के लिए अलग-अलग तरीकों से काम करते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 1987 में तंबाकू के उपयोग को नियंत्रित करने एवं लोगों को इसके नुकसान के बारे में शिक्षित करने का निर्णय लिया. इसके बाद उन्होंने 31 मई 1988 को पहली बार विश्व तंबाकू दिवस मनाया. तब से लेकर अब तक दुनिया भर में इस खास दिन को विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है. विश्व तंबाकू निषेध दिवस का काफी महत्व है. यह दुनिया भर में जो लोग तंबाकू का सेवन करते हैं, उन्हें जागरूक करने व तंबाकू की खपत को नियंत्रित करने का एक प्रयास है. इस खास दिन का उद्देश्य है कि लोगों को तंबाकू के उपयोग से जुड़े हानियों के बारे में लोगों को सूचित करना कि फेफड़ों का कैंसर, दिल से जुड़ी बीमारियां, सांस की बीमारियां सहित अन्य तरह की बीमारियां इससे हो सकती है. ऐसा अनुमान है कि तंबाकू के सेवन के कारण प्रत्येक वर्ष विश्व में एक करोड़ से अधिक लोग मारे जाते हैं. जिसमें से 13.5 लाख लोगों की मृत्यु सिर्फ भारत में होती है. इससे 40 तरह के कैंसर एवं 25 प्रकार की बीमारियां होती है. कैंसर से होने वाली हर तीन मृत्यु में एक का कारण तंबाकू का सेवन है. एक सिगरेट के सेवन से 11 मिनट आयु कम हो जाती है एवं हर छह सेकंड में एक मृत्यु का कारण सिगरेट है. तंबाकू न केवल स्वास्थ्य को प्रभावित करता है बल्कि पर्यावरण पर भी कई तरह से बुरा प्रभाव डालता है. साथ ही यह खास दिन किसानों को भी तंबाकू उगाने से रोकने के लिए आग्रह करता है. तंबाकू एक धीमा जहर है. जिसका सेवन तत्काल तो अच्छा लगता है. लेकिन धीरे-धीरे हम उसकी गिरफ्त में आकर अपने स्वास्थ्य, यहां तक कि जीवन को भी तबाह कर देते हैं.

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