छोटे शहरों में भी असंभव को चिकित्सकों ने बनाया संभव सहरसा श्री नारायण मेडिकल इंस्टिट्यूट एंड हॉस्पिटल की सर्जरी टीम ने पहली बार जिले में मरीज का सफलतापूर्वक घुटना प्रत्यरोपित कर बता दिया कि छोटे शहरों में भी असंभव को संभव बनाया जा सकता है. घुटना प्रॉब्लम से पीड़ित आशा देवी पति लाल मोहन साह ग्राम चैनपुर को कई बड़े शहरों के नामी डॉक्टरों ने घुटना ट्रांसप्लांट की सलाह दी. लेकिन पैसे का अभाव एवं बड़े शहरों के थका देने वाली दौड़ भाग के कारण अपना इलाज नहीं करा पा रहे थे. लेकिन किसी ने रोगी को श्री नारायण मेडिकल इंस्टिट्यूट एंड हॉस्पिटल जाने की सलाह दी. यहां आने पर आशा देवी का सफलतापूर्वक घुटना प्रत्यरोपित कर श्री नारायण मेडिकल इंस्टिट्यूट एंड हॉस्पिटल के डाॅक्टरों ने उनको एवं उनके परिवार को अनंत परेशानियों से बचा लिया. मालूम हो कि घुटना प्रत्यरोपित करना कोई आसान काम नहीं है. लेकिन संस्थान के डाॅ गौरव प्रकाश एवं श्री नारायण मेडिकल इंस्टिट्यूट एंड हॉस्पिटल की सर्जरी टीम ने इसे ना केवल चैलेंज के रुप में स्वीकारा बल्कि सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर अचंभित कर दिया. इस वर्ष श्री नारायण मेडिकल इंस्टिट्यूट एंड हॉस्पिटल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डाॅ गौरव प्रकाश एवं डाॅ राजीव जयसवाल ने कई मरीजों का सफलतापूर्वक कुल्हा प्रत्यरोपित कर उसे फिर से अपने पैर पर चलने लायक बना दिया. श्री नारायण मेडिकल इंस्टिट्यूट एंड हॉस्पिटल में इस समय सभी विभाग के रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद हैं. जिससे जिला ही नहीं बल्कि उत्तर बिहार के अधिकांश जिले के मरीज लाभान्वित हो रहे हैं. सहरसा जैसे छोटे शहरों में श्री नारायण मेडिकल इंस्टिट्यूट एंड हॉस्पिटल का सफलतापूर्वक एक ही जगह असंभव सा दिखने वाले इलाज को संभव बनाने का प्रयास किया जा रहा है. हॉस्पिटल के संस्थापक एवं उनकी पूरी टीम की कठिन मेहनत एवं असीम विश्वास ने कोसी क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सजग किया है. यह इस बात का द्योतक है कि अगर हौंसला हो तो कुछ भी असंभव नहीं है.
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