सुगमा पुलिस कैंप जर्जर अवस्था में तब्दील, कई दिनों से अधिकारियों की भी नहीं हुई नियुक्ति
सुगमा पुलिस कैंप जर्जर अवस्था में तब्दील
बनमा ईटहरी . थाना क्षेत्र अंतर्गत सुगमा पुलिस कैंप इन दोनों जर्जर अवस्था में तब्दील हो गया है. जिस भवन में जवान रहते हैं, वह भी जर्जर हालत में है और कैंप के परिसर की टाटनुमा बनी जाफरी भी टूट कर नष्ट हो गयी है. जबकि कैंप परिसर में जब्त किए हुए वाहन रखे हुए हैं. समय रहते उसे ठीक नहीं किया गया तो सामानों की चोरी भी हो सकती है. सुगमा पुलिस कैंप में सिर्फ अभी जवान रह रहे हैं. इससे पहले अधिकारियों की भी नियुक्ति हुई थी. पुलिस कैंप बनने के बाद तीन पदाधिकारी की पदस्थापना होने के बाद से कुछ दिनों तक तो कैंप सही सलामत रहा, उसके बाद पदाधिकारी के जाते ही कैंप रहते हुए भी स्थानीय लोग अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. छोटी मोटी घटनाएं घटती रहती है. सुगमा चौक के समीप दर्जनों दुकान पुलिस कैंप रहने के बावजूद असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. ग्रामीणों की माने तो पदाधिकारी की नियुक्ति होने से कैंप में मौजूद पुलिस बल संध्या गश्ती, चौक पर चेक पोस्ट, वाहन जांच समेत अन्य नियमित कार्य करेंगे. वर्तमान स्थिति में यह कैंप सिर्फ होमगार्ड जवानों के बल पर चलाया जा रहा है. जबकि इस कैंप से महज चार कदमों की दूरी पर अवस्थित रसलपुर और सुगमा चौक दोनों की सुरक्षा इसी कैंप के भरोसे है. इन दोनों चौक सहित अन्य जगहों मुरली शमशान चौक अति संवेदनशील चौक है. जहां से प्रखंड मुख्यालय सहित अनुमंडल मुख्यालय जाने का मुख्य मार्ग है. इस मार्ग से शराब तस्करी सहित सामाजिक तत्वों का जुड़ाव है. कई असामाजिक तत्वों को हथियार के साथ गिरफ्तार भी किया गया तो कई शराब तस्कर से भी शराब बरामद किया गया. बगैर पदाधिकारी के जवान अपनी ड्यूटी को बखूबी निभा रहे हैं लेकिन पदाधिकारी के नहीं रहने से अपने को निसहाय महसूस करते हैं. जबकि आसपास के करीब आधे दर्जन गांव रसलपुर, सुगमा, प्रियनगर मुरली, लालपुर, अंबाडीह, बहुअरबा, ठढ़िया सहित खगड़िया जिला के कैंजरी, नौनहा गवास जैसे चर्चित गांव का मुख्य मार्ग है. स्थानीय दुकानदारों ने थाना अध्यक्ष ज्योतिष कुमार से पुलिस कैंप में अधिकारियों की नियुक्ति की मांग की है.
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