कल मनाया जायेगा सुहाग पर्व करवा चौथ, बाजार में रही चहल पहल
कल मनाया जायेगा सुहाग पर्व करवा चौथ, बाजार में रही चहल पहल
सिमरी बख्तियारपुर. 20 अक्तूबर को सुहाग पर्व करवा चौथ मनाया जायेगा. सुहागिनें अखंड सुहाग के लिए निराहार रहकर व्रत रखेंगी. जिनके पति बाहर रहते हैं, वे विवाहित महिला वीडियो कॉल के जरिये पति का दर्शन कर व्रत खोलेंगी तो कई पति भी व्रत रख कर पत्नी का साथ देंगे. करवा चौथ को लेकर शुक्रवार को बाजार में चहल पहल रही. पत्नियों ने श्रृंगार सामग्रियों की खरीदारी के साथ-साथ मेहंदी भी हाथों में रचायी. कपड़ा दुकानों में लग रही भीड़ करवा चौथ की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को सिमरी बख्तियारपुर, सलखुआ के मार्केट में महिलाओं की भीड़ रही. मार्केट में गहने से लेकर परिधान और कॉस्मेटिक, पूजन सामग्री, कपड़े व 16 श्रृंगार की महिलाओं ने खरीदारी की. कपड़ा दुकानदारों ने बताया कि करवा चौथ के लिए मार्केट में खास कलेक्शन आया है. महिलाओ के लिए बाजार में डिजाइनर सूट से लेकर साड़ी उपलब्ध है. जो महिलाओं को खूब लुभा रही हैं. पारंपरिक लाल रंग के वस्त्र की सबसे अधिक मांग है. कपड़ा दुकानदार ने बताया कि करवाचौथ पर अधिकतर महिलाएं लाल रंग की साड़ी, सूट पहनना पसंद करती हैं. इसलिए बाजार में लाल रंग के सूट और साड़ी की खरीदारी को लेकर महिलाओं में ज्यादा उत्साह है. मिट्टी के करवे 25 से 50 रुपये, छन्नी 50 से 200 रुपये प्रति पीस. इसके अलावा करवा चौथ पूजा का पूरा सेट 300 से 500 रुपये तक के रेंज में उपलब्ध है. सेहत के नजरिये से खास है यह व्रत यह व्रत सुहागिन और कई राज्यों में अविवाहित भी रखती हैं. इस दिन स्त्रियां पति की मंगल कामना एवं दीर्घायु के लिए निर्जल व्रत रखती हैं. सुहाग पर्व के दिन न केवल चंद्र देवता की पूजा होती है, बल्कि शिव-पार्वती और कार्तिकेय की भी पूजा की जाती है. कथा सुनने के साथ ही भगवान गणेश, चौथ माता और फिर चंद्र देव की पूजा की जाती है. सेहत के नजरिए से भी व्रत खास है. शरद ऋतु के दौरान शरीर में पित्त बढ़ता है. इससे होने वाली बीमारियों से बचने के लिए ये व्रत रखा जाता है. इस कारण महिलाएं दिन भर बिना पानी पिये रहती हैं और रात में मिट्टी के बर्तन से पानी पीकर व्रत खोलती है. ऐसा करने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है. करवा व पूजन सामग्री की मांग शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर कई छोटे-छोटे स्टॉल लगाये गये हैं, जहां करवा चौथ से जुड़ी सामग्रियां बिक रही हैं. करवा, दीये, छलनी, व्रत से जुड़ी किताब, तस्वीर, करवा सीक आदि के अलावा चूड़ी की खरीदारी हुई. दुकानदार राणा सिंह ने बताया कि हमारे यहां 10 दिन पहले से करवा चौथ से जुड़ी सामग्री आ जाती है. पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार ज्यादा भीड़ दिख रही है. इन पूजन सामग्रियों का है विशेष महत्व करवा – मिट्टी के करवे में पंचतत्व मे विशेष तौर पर वायु और जल का सम्मिश्रण रहता है. यह मन को नियंत्रित करने का भौतिक अनुक्रम बनाता है. दीपक – जिस प्रकार दीपक की ज्योति वातावरण को आलोकित करती है, उसी प्रकार से हमारे जीवन में भी प्रेम स्नेह और सामंजस्य का प्रकाश विद्यमान रहे. छलनी – चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद छलनी या छिद्र पात्र का उपयोग किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि चंद्रमा की सीधी रौशनी या सीधी किरणें सौभाग्यवती स्त्री पर न पड़ें. कुमकुम – सौभाग्य सामग्री का विशेष उपकरण है. यह शरीर को प्राकृतिक आंतरिक सुंदरता प्रदान करके चेहरे पर चमक देता है. अबीर – पुष्पा के चूर्ण से निर्मित श्वेत रंग का यह परिवार में प्रसन्नता को व्याप्त करने की दृष्टि से अर्पित किया जाता है. गुलाल – निरंतर मंगलकामनाओं के साथ मांगलिक कार्य परिवार में होता रहे, उस भावना की दृष्टि से इस अर्पित किया जाता है. अक्षत – अक्षत यानी जिसकी क्षति न हुई हो. परमेश्वर से अक्षत की तरह ही अपनी पूजा को क्षतिहीन यानी पूर्ण बनाने की प्रार्थना करते हैं.
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